2023-02-16 10:35:25 by ambuda-bot
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रामरक्षास्तोत्रम्
नित्यप्रति श्रद्धापूर्वक जप करनेसे मेरा भक्त अश्वमेधयज्ञसे
भी अधिक फल प्राप्त करता है इसमें कोई संदेह नहीं
है ॥ २२-२४ ॥
रामं दूर्वादलश्यामं पद्माक्षं पीतवाससम् ।
स्तुवन्ति नामभिर्दिव्यैर्न ते संसारिणो नराः ॥२५॥
जो लोग दुर्वादल के समान श्यामवर्ण, कमलनयन,
पीताम्बरधारी भगवान् रामका इन दिव्य नामोंसे स्तवन
करते हैं, वे संसारचक्र में नहीं पड़ते ॥ २५ ॥
रामं लक्ष्मणपूर्वजं रघुवरं सीतापति सुन्दरं
काकुत्स्थं करुणार्णवं गुणनिधिं विप्रप्रियं धार्मिकम् ।
राजेन्द्रं सत्यसंधं दशरथतनयं श्यामलं शान्तमूर्ति
वन्दे लोकाभिरामं रघुकुलतिलकं राघवं रावणारिम् ॥
लक्ष्मणजीके पूर्वज, रघुकुलमें श्रेष्ठ, सीताजीके स्वामी,
अतिसुन्दर, ककुत्स्थकुलनन्दन, करुणासागर, गुणनिधान,
ब्राह्मणभक्त, परम धार्मिक, राजराजेश्वर, सत्यनिष्ठ,
दशरथपुत्र, श्याम और शान्तमूर्ति, सम्पूर्ण लोकों में
CC-0. Mumukshu Bhawan Varanasi Collection. Digitized by eGangotr
नित्यप्रति श्रद्धापूर्वक जप करनेसे मेरा भक्त अश्वमेधयज्ञसे
भी अधिक फल प्राप्त करता है इसमें कोई संदेह नहीं
है ॥ २२-२४ ॥
रामं दूर्वादलश्यामं पद्माक्षं पीतवाससम् ।
स्तुवन्ति नामभिर्दिव्यैर्न ते संसारिणो नराः ॥२५॥
जो लोग दुर्वादल के समान श्यामवर्ण, कमलनयन,
पीताम्बरधारी भगवान् रामका इन दिव्य नामोंसे स्तवन
करते हैं, वे संसारचक्र में नहीं पड़ते ॥ २५ ॥
रामं लक्ष्मणपूर्वजं रघुवरं सीतापति सुन्दरं
काकुत्स्थं करुणार्णवं गुणनिधिं विप्रप्रियं धार्मिकम् ।
राजेन्द्रं सत्यसंधं दशरथतनयं श्यामलं शान्तमूर्ति
वन्दे लोकाभिरामं रघुकुलतिलकं राघवं रावणारिम् ॥
लक्ष्मणजीके पूर्वज, रघुकुलमें श्रेष्ठ, सीताजीके स्वामी,
अतिसुन्दर, ककुत्स्थकुलनन्दन, करुणासागर, गुणनिधान,
ब्राह्मणभक्त, परम धार्मिक, राजराजेश्वर, सत्यनिष्ठ,
दशरथपुत्र, श्याम और शान्तमूर्ति, सम्पूर्ण लोकों में
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