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तमेतं वेदा
तयोस्तु प्रत्ययः
तस्माच्छक्ति-
तस्मादर्थो
 
तस्मादेकदेश-
तस्य द्वादश
 
तस्य धेनुः
तस्य नवति-
तस्य वायव्या-
तस्य व्रतम्
 
तस्यैतस्य
 
तानि द्वैधं
 
ताभ्यामेतं
 
तासां या
तृतीयस्यामि-
तेन प्रवर्तकयोः
तैत्तिरीयशाखायां
 
त्रिणवे नौ-
त्रिवृदग्निष्टुत्
वृत्पञ्च-
त्रिवृद्वहिष्पव-
aur ga
त्वं ह्यग्ने
त्वाष्ट्रं पानी
त्सरा वा एषा
 
दध्ना जुहोति
दध्नेन्द्रिय-
दर्शपूर्णमासा-
दर्शो वा एतयोः
 
दशापवित्रेण
 
दक्षिणाचारेण
 
दाक्षायण-
दिशोऽय राजा
 
दीक्षितो न ददाति
 
दुर्बलोsपि विधि:
 
दृष्टादृष्टार्थं च
 
दृष्टानुविधिः
 
देवं बर्हिः
 
देवा आज्यपा
 
देवानाज्यपा
 
२७ मी० न्या०
 
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( १० )
 
बृ. उ. श. ब्रा. १४. ४. ४. २१.
 
तं. वा. ३.४.४. ( ९३४ पूना )
विधिर. ४२.६
 
तं. वा. १. ४. १. १० . ( ३४७ पू ) -
 
तं. ब्रा. १६. १. ११.
 
जै. सू. १०.३.५६.
 
तां. ब्रा. १६. १. ८. ऐंब्रा. १४. ३.
 
तां. ब्रा. १७. ६. १.
 
बृह. आ. २. ४.१०.
 
जै. सू. २. १. ६.
 
तै. सं. २. ५.२.३.
 
तां. ब्रा. १६. १. ९.
 
तै. सं. ३. ५. ७. १. तै. ब्रा. ३. २. १. १.
 
शा. दी. न्या. मयूख. ३. ३. ७. पृ. २४६.
 
तां. ब्रा. १७. ६. १.
 
तै. ब्रा. १. ५. ११. १.
तां. ब्रा. २०.३.१.
 
तै. ब्रा.
तै. सं. ६. ६. ६. २
 
मैं. सं. ३. ८.२.
 
तै. ब्रा. २. १. ५.६.
 
तै. सं. २. ५०५.४.
तै. ब्रा. १. ७. १०.५.
मै. सं. ३.६.५.
 
न्यायरत्न. १२१ पृ. चौ.
 
तै. ब्रा. ३. ५. ९० १.
 
तै. ब्रा. ३. ५. १०.४.
 
तै. ब्रा. ३. ५. ३.२.
 
१५५
 
१२२
 
१६८
 
१५०
 
१४२
 
१३९
 
२९,
 
IMP
 

 
१४२
 
SHIRE TE
 
४.
 
२८,९३
 
१४२
 
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११५
 
१४, १५
 
१५१
 
१३०
 
१६९
 
७२
 
११५
 
TATURE
 
११६
 
१३३
 
८०
 
१७, २३.१२१
 
५७, १२०
 
५१. १८९
 
७०
 
१४०
 
६७
 
१६
 
७२
 
१६
 
१७०
 
८२
 
१३१
 
१६६
 
UND
 
६२
 
६२