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श्रीहीनवहन्ति
ब्रीद्दीनवहन्यात्
 
व्रीहीन्प्रोक्षति
 
श्येनेनाभिचरन्
श्रुत्यैवोप.
औतव्यापार.
स एष दिदै
-
सक्तून्जुहोति
 
समानयत उप.
 
समिधः समिधो,
 
समिषो यजति
संख्यायां कार के
 
संप्रदाने चतु.
 
सर्वत्र यौगिकैः
 
सर्वश्राख्यात
 
स स्वगं: स्यात
 
सह पशुनाल
सान्नाय्यं वा
 
सामर्थ्य सर्व
 
सामान्यविधि
 
सायं जुहोति
 
सरस्वती मेषी
 
सास्य देवता
 
सुकहविषोः
 
सूर्यो ज्योतिः
 
सोभयविशिष्टा
 
सोममभिपुग्योति
सोमेन यजेत
 
सोडरो दीव
स्थायौ स्थापना
 
स्योनं ते सदनं
स्वाध्यायोऽध्ये तव्यः
हृदयस्यागते
 
y
 
,
 
( ५ )
 
cf. आप. श्री. १. १९.११.
 
आप. श्रौ. २२. ४. १३.
 
तं. वा. २. २. ९. पृ. ५३३.
 
तं. वा. २. ३. ३. पृ. ४७६.
 
तै. मा. १. ५. ९, ७.
 
of. तै. सं. ३. ३. प.
 
तै. सं. २. ६.१.२.
 
तै. बा. ३. ५, ५. १. का. हौ. १. ४.
 
तै. सं. २-६. १. १.
 
तं. वा. ३-४-८.पू. १००
 
cf. पा. सू. २. ३. १३.
 
तं. वा. ३. १. ६. पृ. ६७५.
 
तं. वा. १.४. ३. पृ. २९०.
जै. सू. ४. ३. १५.
of. प्राप. श्र. २२. ३.१८.
 
सू. ८. २. १३.
 
तं. वा. ३. ४. १४. पृ. १०२०.
 
मै. सं ७-८. ६.
 
मै. सं. ४-७-८.
 
पा. सू. ४. २. २४.
 
का. वा.
 
मै. सं. १-८. १. तै. ब्रा. २. १. ९. २
शास्त्र. दी. १०.३.११.६८७,
 
vcb तै. सं. ३. १. २. ३,
 
१.५.१.१.
 
तै. बा. ३. ७. ५.
 
श. ब्रा. ११. ५.७.२०
 
तै. सं. ६. ३.१०. ५.
 
११३,
 
१६८
 
२९, ८५.
 
१४५
 
११९
 
२१
 
७५
 
२६,१०५
 
६६
 
९५,१४४
 
४८. ९३, १४४
 
३७
 
१३४
 
७८
 
१२
 
४८
 
९६
 
७७
 
३८
 
४७
 
DINA
 
१३४
 
१२९
 
3
 
११८, १३४, १४७
 
१४७
 
१३६
 
४४४
 
७१
 
६. ११. १२. १७. १८.१९. २०.
 
२१. २२. २४, १२४. १५३,
 
१७९
 
८५
 
३०, ४३
 
२९