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१८८
 
सा संन्यस्तामरण
 
स्थित्वा तस्मिन्वन
 
दस्ते लीलाकमल
 
दारांस्तारांस्तरल
 
मेघसंदेशे
 
पृष्ठम्
 
१३७
 
हित्वा तस्मिन्भुजग
 
३३
 
हित्वा हालाभिमत
१०० हेमाम्भोजप्रसवि
 
१७६
 
पृष्ठम्
९५
 
९४