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प्रमाणवचनम्
संसर्गे च निरंश
 
पुटम्
 
प्रमाणवचनम्
 
पुटम्
 
191
 
सेनावनवन
 
246
 
202 । सेयं देवतै
 
178
 
"
 
संस्थानं नाम
सहकारि कृत
सहन्ते
 
203 सैव तदवस्थस्यो
 
38:2 सौक्ष्म्यात्तदनुप
 
310
 
72
 
....
 
382
 
33
 
210
 
292 । स्कन्धाः केशो
 
328
 
सहते क्वाप्य.
 
304 स्कन्धात्मा लोकः
 
192
 
सहोपलम्भ
 
39 स्कन्धा सर्व
 
327
 
संज्ञा चोत्पत्ति
 
456 स्थित्यर्थं मह
 
607
 
सात्विक एकादशकः
 
451
 
स्पष्टतरस्सा
 
612
 
साधर्म्यति
 
324 स्पृशतेोप्य
 
61
 
"
 
सामुद्राम्भसि
 
सार्वज्ञप्रागभा
 
सान्तःकरणा
सान्तरविन्द्रिया
 
सापि नः प्राक्तनी
 
सामान्यतस्तु दृष्टा
 
210 । स्मृतिपूक्त
 
100 स्यातामत्यन्त
 
114 स्मृतीनामप्र
 
158
 
191
 
स्मृत्यनवकाश
 
443
 
302 । स्मृतश्श्रुति
 
157
 
607
 
339
 
601 स्वक्रियादिविरो
 
425
 
295 स्वप्नवत्संसृतिः
 
423
 
सार्वज्ञं मानसं
 
334 स्वप्रवृत्त्यदि
 
292
 
....
 
सावयवं परतन्त्रम्
 
124 स्वप्ने च मानसं
 
.... 334
 
सासत्ता न स्वतं
 
122
 
स्वभावनिय
 
48
 
सिद्धं च मानसं
सिद्धानुगम
 
334
 
स्वयंसमा
 
608
 
45
 
स्वरसन्ध्याप्त
 
... 252
 
450 स्वर्भानुरा
 
607
 
"
 
सिद्धाऽनवस्थिति
 
315 स्वरूपमेव
 
421
 
सिद्धो ह्यन्यत्र
 
205 स्वात्मभावा
 
337
 
सूयते पुरुषा
 
178 स्वात्मावभास
 
33.7
 
सूक्ष्मं प्रमाणतश्च
 
141 । स्वैस्स्वैह्यवस्थितैः
 
422
 
सूक्ष्मास्तेषां
 
138 स्वोपादान
 
345