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प्रमाणवचनम्
 
पुटम्
 

 
664
 
प्रमाणवचनम्
 
न स्वतो नापि परतः
 
पुटम्
 
196
 
....
 
न खलु प्रत्यभिज्ञा
 
319
 
329
 
"
 
न चक्षुषा सन्मात्रं
 
502
 
417
 
"
 
न च विज्ञानमा
 
339
 
न स्वभावो न विज्ञप्तिः
 
328
 
न चावस्था
 
290
 
न संबन्धस्य
 
476
 
न चान्वयविनिर्मुक्ता
 
364
 
न हरेत्तैजसं
 
565
 
दुप
 
315 न हि व्यक्तौ विशेषोस्ति
 
303
 
न चैवं तेन
 
320
 
न हि शक्तयात्म
 
209
 
ननु कथं सर्व
 
73
 
न हि स्वरूपतः
 
295
 
ननु नैव विना
 
387 नाणोरणौ प्रवेशो
 
202
 
ननु पूर्वन
 
387 । नान्तर्भावितसत्तं
 
424
 
ननु विशेषा हि
 
74 नानावीर्याः
 
180
 
न पयसः परि
न पूर्वं न चिरा
न पूर्वोत्तर
 
न बाधो यत्न
न भवेत्प्रत्यभि
 
287 नानित्यशब्दवा
 
339
 
....
 
387 नानोपाध्युप
 
48
 
222 । नान्यदृष्ट
 
390
 
47
 
नान्योऽवयव्य
 
214
 
340
 
243
 
"
 
नभश्श्रोत्रं च
न यतिस्तैजसे
 
443
 
नाप्येकैव विधा
 
324
 
....
 
565 नाभ्या आसीदन्तारक्षं
 
536
 
न वायुक्रिये
न विनाशीति
 
547 नाभावेऽन्यतम
 
162
 
370 नामरूपं च भूतानां
 
257
 
न विलक्षणत्वात्
 
109 नायं घट
 
61
 
न व्यवस्थानुपपत्तेः
 
280 । नाशक्नुवन्
 
180
 
न सर्वलोक
 
"
 
नष्टमिन्द्रियं
 
न सन्नुत्पद्यते
न सप्तैवेन्द्रियाणि
न संख्या भासते
 
289
 
नाशस्य कारकः
 
60 नासदासन्निोस
 
417 नास्तिक्यपरि
 
473 नास्येति चेत्
 
326 निचाय्यत्वादेवं
 
450 निजस्तस्या
 
371
 
587
 
....
 
29
 
365
 
21
 
343