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xlviii
वराहमिहिरः - 589, 591, 602, 603, 607, 612, 613.
वर्धमानः - 95.
वसुबन्धुः -- 190, 326, 329.
वाचस्पतिः – 58, 102, 103, 109, 111, 112, 116, 182, 188,
134, 147, 149, 202, 216, 225, 268, 274, 275, 276,
280, 282, 289, 290, 299.
वत्सीपुत्राः - - 25, 317, 340.
वादिहंसाम्बुवाहार्याः - -421.
विज्ञानभिक्षुः – 288, 303,305, 308.
विद्यानन्दः - 162, 169.
विश्वनाथः -- 279.
विष्णुचित्ताचार्याः - 214, 605.
विष्णुचन्द्र:- 607.
व्यासार्या :- 70, 78.
शङ्कराचार्याः - 13, 419, 443, 446.
शान्तदेवः --- 329.
शान्तरक्षितः - 317, 320, 326, 327, 329, 338, 340, 344,
378, 382, 386; 387.
शिरोमणिः - 169.
शैवादय: 635.
STET: -601.
श्रीपतिः - 586, 588, 591, 595.
श्रीषेण: -- 607.
श्रीभाष्यकृतः - 421, 474
साङ्ख्या: – 98, 100, 102, 103, 111.
सूर्यदेवयज्वा - 587.
वराहमिहिरः - 589, 591, 602, 603, 607, 612, 613.
वर्धमानः - 95.
वसुबन्धुः -- 190, 326, 329.
वाचस्पतिः – 58, 102, 103, 109, 111, 112, 116, 182, 188,
134, 147, 149, 202, 216, 225, 268, 274, 275, 276,
280, 282, 289, 290, 299.
वत्सीपुत्राः - - 25, 317, 340.
वादिहंसाम्बुवाहार्याः - -421.
विज्ञानभिक्षुः – 288, 303,305, 308.
विद्यानन्दः - 162, 169.
विश्वनाथः -- 279.
विष्णुचित्ताचार्याः - 214, 605.
विष्णुचन्द्र:- 607.
व्यासार्या :- 70, 78.
शङ्कराचार्याः - 13, 419, 443, 446.
शान्तदेवः --- 329.
शान्तरक्षितः - 317, 320, 326, 327, 329, 338, 340, 344,
378, 382, 386; 387.
शिरोमणिः - 169.
शैवादय: 635.
STET: -601.
श्रीपतिः - 586, 588, 591, 595.
श्रीषेण: -- 607.
श्रीभाष्यकृतः - 421, 474
साङ्ख्या: – 98, 100, 102, 103, 111.
सूर्यदेवयज्वा - 587.