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सर्वार्थसिद्ध्यादिगृहीत निबन्धूनामानि
अकलङ्कः - 169.
अक्षचरणतनयाः--111.
अक्षपाद:- 276, 279, 281.
अविद्धकर्ण:- 887.
आर्यभटः -- 581.
ईश्वरकृष्णः -- 100.
उदयनः - - 94, 224, 228, 252.
उद्योतकरः - 239, 243, 369.
उमामहेश्वरः -- 396.
कणभक्षः – 111, 112.
कमलशलिः - 386, 388.
काणादाः - 576.
कुमारिल :- 154, 157, 181, 289, 299, 300, 339, 364, 378,
419, 420.
कौमारिलाः - 572.
खण्डनकारः - 77, 417, 418, 419, 421.
गोविन्दसिंह:- 464.
गौतमः --- 250.
चन्द्रकीर्तिः - - 192.
जैमिनिः---181.
ज्ञानश्रीः - 324.
टीकाकार:- 245.
तथागतः-419.
दिगम्बराः -- 633.
धर्मकीर्तिः - 43, 62, 320, 323, 332, 343, 362, 366.
xlvi
अकलङ्कः - 169.
अक्षचरणतनयाः--111.
अक्षपाद:- 276, 279, 281.
अविद्धकर्ण:- 887.
आर्यभटः -- 581.
ईश्वरकृष्णः -- 100.
उदयनः - - 94, 224, 228, 252.
उद्योतकरः - 239, 243, 369.
उमामहेश्वरः -- 396.
कणभक्षः – 111, 112.
कमलशलिः - 386, 388.
काणादाः - 576.
कुमारिल :- 154, 157, 181, 289, 299, 300, 339, 364, 378,
419, 420.
कौमारिलाः - 572.
खण्डनकारः - 77, 417, 418, 419, 421.
गोविन्दसिंह:- 464.
गौतमः --- 250.
चन्द्रकीर्तिः - - 192.
जैमिनिः---181.
ज्ञानश्रीः - 324.
टीकाकार:- 245.
तथागतः-419.
दिगम्बराः -- 633.
धर्मकीर्तिः - 43, 62, 320, 323, 332, 343, 362, 366.
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