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मैत्रायणीयोपनिषत् - 93, 463.
 
श्रुतिः - 179.
 
योगभाष्यम् - 282 284 288 289, 290, 306, 317.
योगरहस्यम् 547.
 
योगवार्तिकम् - 288,304, 305.
 
लङ्कावतारसूत्रम् 328, 329, 330, 419.
 
लघुचन्द्रिका-424.
 
लोकायतसूत्रम् - 85, 91, 414, 419,
वार्तिकम् - 424.
 
वासिष्टसिद्धान्तः --582, 607, 608.
 
विंशतिकारिका विज्ञप्तिमात्रतासिद्धिः - 190, 326, 339,
 
विरोधवरूथिनी - 396.
 
विष्णुपुराणम् - 98, 129, 153, 214, 446599, 606, 816, 617,
 
विंशतिकरिका--202.
 
वेदार्थसंग्रह: - 129, 443.
 
शङ्करभाष्यम् (घं) -- 464.
 
शतकम् - 84.
 
शतदूषणी – 277, 309, 310, 315, 421.
 
शावरभाष्यम् – 159.
 
शैवतत्व संग्रहः -- 150.
 
शिरोमणिः - 581, 584, 585, 886, 595, 600, 606, 609.
शैवागमः --- 152.
 
श्रीकरभाष्यम् -- 150.
 
श्रीभाष्यम् - 69, 70, 71, 72, 110, 308, 311, 368, 396, 452
 
456, 458, 472, 473.
 
श्रुतप्रकाशिका - 11, 69, 70, 71, 73, 182.
 
श्लोकवार्तिकम् 162, 289, 299, 339, 382.
 
संक्षेपशारीरकम् - 80.
 
संवित्सिद्धिः – 421.
सांचन्द्रिका – 303.
 
सांख्यतत्वकौमुदी - 100, 102, 112, 122, 123, 125, 130,
142, 149, 154, 260, 261, 263, 275, 298, 299, 397.