2025-01-21 07:35:29 by ambuda-bot
This page has not been fully proofread.
xliii
न्यायविन्दुटीका - 57, 323, 331.
न्यायभाष्यम् – 242, 277, 278, 279, 281, 512.
न्यायवार्तिकम् - 214, 216, 217 221, 222, 223, 229,230,
233, 242, 243, 244, 245, 277, 278.
न्यायसिद्धाञ्जनम् - 72, 150, 155, 201, 206, 326, 354, 472,
पञ्चसिद्धान्तिका -589, 590, 591, 592.
परमतभङ्गः --- 28, 152, 170, 179, 319, 421,
पस्पशाभाष्यम् –537.
पातञ्जलभाष्यम् - - 280.
पातञ्जलसूत्रम् -- 282.
पौलिशसिद्धान्तः -592.
प्रमेयसंग्रहः -- 503, 536, 537.
प्रश्नोपनिषत् - 113.
बादरायणसूत्राणि -- 419.
बुद्धितत्वमाला - 40.
बृहदारण्यकश्रुतिः - 464.
बृहत्संहिता - 607.
बोधिचर्यावतारः 329.
बोधिचित्तविवरणम् 348.
बौद्धविलासः -460.
बौद्धाधिकारः - 169.
वाह्मसिद्धान्तः
606, 607.
भट्ठदीपिका - 587.
भामती -- 446.
भारतम् - 93, 572, 510.
---
मध्यमागमः- -419.
मरीचिसिद्धान्तः -- 602.
पहासिद्धान्तः - 600, 606.
महोपनिषत् - 93.
माठरवृत्ति: - 103, 112, 122, 131.
माध्यमिकावृत्तिः- 59, 84, 192, 328, 374, 423.
न्यायविन्दुटीका - 57, 323, 331.
न्यायभाष्यम् – 242, 277, 278, 279, 281, 512.
न्यायवार्तिकम् - 214, 216, 217 221, 222, 223, 229,230,
233, 242, 243, 244, 245, 277, 278.
न्यायसिद्धाञ्जनम् - 72, 150, 155, 201, 206, 326, 354, 472,
पञ्चसिद्धान्तिका -589, 590, 591, 592.
परमतभङ्गः --- 28, 152, 170, 179, 319, 421,
पस्पशाभाष्यम् –537.
पातञ्जलभाष्यम् - - 280.
पातञ्जलसूत्रम् -- 282.
पौलिशसिद्धान्तः -592.
प्रमेयसंग्रहः -- 503, 536, 537.
प्रश्नोपनिषत् - 113.
बादरायणसूत्राणि -- 419.
बुद्धितत्वमाला - 40.
बृहदारण्यकश्रुतिः - 464.
बृहत्संहिता - 607.
बोधिचर्यावतारः 329.
बोधिचित्तविवरणम् 348.
बौद्धविलासः -460.
बौद्धाधिकारः - 169.
वाह्मसिद्धान्तः
606, 607.
भट्ठदीपिका - 587.
भामती -- 446.
भारतम् - 93, 572, 510.
---
मध्यमागमः- -419.
मरीचिसिद्धान्तः -- 602.
पहासिद्धान्तः - 600, 606.
महोपनिषत् - 93.
माठरवृत्ति: - 103, 112, 122, 131.
माध्यमिकावृत्तिः- 59, 84, 192, 328, 374, 423.