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हरिदन्तरं पर्यायवृत्तस्वपक्षजयवीक्षकस्तवपाठमुखरो-

भयचमूगतवन्दिमागध समूहं शत्रुपक्ष इत्युभयसेना परि
-
व्यक्त निरीक्षकलोकमध्यगत निर्ति बलं[^1] पक्षजयोपाय-

निरीक्षणाय
प्रतिक्षणप्रेहित[^2]चारमुखावधृतपरपक्षवृत्तान्त -
 
3
 
निरीक्षणाय
 
-
तत्त[^
4
 
तंत्तन्मन्त्रि
](……) तत्काल पतित देवाचित देयितदैते य बल यबल[^*]बला-

कृष्यमाण
 
न्दीग्रहत्ततत्रस्यदप्सर:कुलकलितविविधकरुणा-
कन्दमन्त

क्रन्दमन्त
रावृत्त बहु विधरक्षोघ्नमन्त्रसुर[^5]कर्मन्दिवृन्दवर
दूर
दूरदृष्टमदृष्ट[^*]परिपाकलब्धनिदमित्यदमित्य[^6]त्यादर विस्तारित -
-
वीक्षणप्रतिक्षणलम्भितानन्दकलहानन्दिकर्मन्दिनयना-

रविन्दरणान्तर दिदृक्षापेक्षणविचक्षणं कथमिदं भवेदिति

मियः थ:प्रवृत्तकथ
भुवनत्रयं त्र्यं त्र्यम्बकसै[^7]संरम्भकृतकल्याणो
-
दर्कतर्कणसमासाठिढिता श्वासताप[^8]सकुल कलित
[^9]प्रमो
 
6.
दं
 
 
 
[^1]A- ॰बल॰
[^2]A- ॰प्रतिहित॰
[^3]
Momits इति
 
7.
add च
[^4]M- ततश्च त्रियुगलं,
A - त्रयम्बक
 
8
तत्तन्मन्त्रियुगलं
[^5]
All mss. read तापसङ्कल
 
सुरतममन्दि, This is the em. reading.
 

 
1. A- बल
 
2. A. प्रतिहित
 
0
 
3.

[^6]
Madd it
 
4. M - ततश्च त्रियुगलं
2.
A तत्तहमन्त्रि इंगले,
मतममन्दि
Jhis is the em.reacting .
 
5. All A
 
* A
omits इति
[^7]A- त्रयम्बक॰
[^8] All mss. read ॰तापसङ्कुल॰,This is the em reading.
[^9]A अप्रमोदं
[^*] A omits
from बलबलाकृष्यमाण to दृष्टमह
 
9. A अप्रमोद
 
-
 
O
 
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