2023-02-17 14:54:15 by ambuda-bot
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तार्यध्वजे निजनिजचापलातिशय चोदिता शतमखमुख-
बहिर्मुखा जय जय जलन्धरान्धकादिदनुजमहान्धकार-
निवर्तन संवर्त विकर्तनाकार
घोररूप कृतान्तमर्दनोद्दण्ड
खण्डित दुर्दान्त विधिपञ्चमवदन मैदनाब्धिशोषणबाडव-
ज्वाल खेलकबलीकृत ज़ेल क्षोभितदक्षाध्वर रक्ष रक्ष
विरूपाक्ष कमलाक्षमुखत्रिपुरदानव भयादित्युद्वाहवस्ते
चुक्रुशुः!
:
हुंकृत्य त्रिदशगणान मंद प्रकोपा-
दुच्चै(रादृत) वलमान(चैत्र) दण्ड: ।
श्रीनन्दी हृदयमुमापतेरंजानन
भीमन्दीकृतरभसस्तमालु लोके ॥ २७॥
♥
1. A has मुख zon मरळ
2. M. omits मुख
3. A omits मदन
4. M. दिनदप्रकोपात
A - विप्रदकोपात /
5. M - अनुद्धृत
6. Jhists the amendest
Aeading. Allmss.have gap.
7. M. अजन्य
45
बहिर्मुखा जय जय जलन्धरान्धकादिदनुजमहान्धकार-
निवर्तन संवर्त विकर्तनाकार
घोररूप कृतान्तमर्दनोद्दण्ड
खण्डित दुर्दान्त विधिपञ्चमवदन मैदनाब्धिशोषणबाडव-
ज्वाल खेलकबलीकृत ज़ेल क्षोभितदक्षाध्वर रक्ष रक्ष
विरूपाक्ष कमलाक्षमुखत्रिपुरदानव भयादित्युद्वाहवस्ते
चुक्रुशुः!
:
हुंकृत्य त्रिदशगणान मंद प्रकोपा-
दुच्चै(रादृत) वलमान(चैत्र) दण्ड: ।
श्रीनन्दी हृदयमुमापतेरंजानन
भीमन्दीकृतरभसस्तमालु लोके ॥ २७॥
♥
1. A has मुख zon मरळ
2. M. omits मुख
3. A omits मदन
4. M. दिनदप्रकोपात
A - विप्रदकोपात /
5. M - अनुद्धृत
6. Jhists the amendest
Aeading. Allmss.have gap.
7. M. अजन्य
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