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तार्क्ष्यध्वजे निजनिजचापलातिशय चोदिता शतमखमुख-
[^1]मुख-
बहिर्मुखा जय जय जलन्धरान्धकादिदनुजमहान्धकार-

निवर्तन संवर्त विकर्तनाकार
घोररूप कृतान्तमर्दनोद्दण्ड
-
खण्डित दुर्दान्त विधिपञ्चमवदन मैदना[^3]ब्धिशोषणबाडव-

ज्वाल खेलकबलीकृत ज़ेक्ष्वेल क्षोभितदक्षाध्वर रक्ष रक्ष

विरूपाक्ष कमलाक्षमुखत्रिपुरदानव भयादित्युद्वाहवस्ते

चुक्रुशुः!
 
शु:
 

 
हुंकृत्य त्रिदशगणान मंद न् मद[^4]प्रकोपा-

दुच्चै(रादृत)[^5] वलमान(चैवेत्र)[^6] दण्ड:

श्रीनन्दी हृदयमुमापत्तेरंजान
न्[^7]
भीमन्दीकृतरभसस्तमालु लोके ७॥
 

 

 
 
[^
1. ]A has मुख z॰मुख॰ fon मरळ
 
r ॰मख॰
[^
2. ]M. omits मुख
 

 
[^
3. ]A omits मदन
 

[^
4. ]M. दि- विनदप्रकोपा
त्, A - विप्रद-कोपात /
 
त्
[^
5. ]M - अनुद्धृत
 

[^
6. J]Thist is the aemendest
A
d reading. All mss. have gap.

[^
7. ]M.- अजन्य
 
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