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एवं वदति भृङ्गिणि तद्भक्तिमहिमाभिनन्दी

नन्दीश्वरः स्वयमेव किचिदुपसृत्य संज्ञया हरि
रिं
त्वरयागास मास। ततश्चंच[^1] दुरवबोध शिवमहिमसर्वस्ववेदी
 

 
नारायणः
 
--
 
अर्थामुक्त किरीट कुण्डलमधोण्या[^2]लम्बिपीताम्बरं

व्यालोलद्वनमालमाकुलरमासंश्लिष्टवक्षःस्थलः

यावद्देवपति स्वयं धृतकरस्संभ्रान्तनागान्तकः

द्राक्सी[^3]मन्तितदेव[^4]सन्ततिपथः प्राप्तश्शिवस्यान्तिकम् ॥७॥

भूलग्ना [^5]भुग्नर्नाभी[^6]कमलदल[^7]वसत्संकुचछेद्देसंसद्यो-
[^8]-
मन्दी[^9]भूतातिनिका कुश्रुतिपठन विधिप्रार्थितोत्थानकालः

श्रीगात्रक्लेशशङ्को न्नमित [^10]बृहदुरोलम्बहार श्चिराय
[^11]
स्वान्विष्टं दृष्टमङ्घ्रिद्वमांपेमपि गिरिशांत
शं तं ववन्दे मुकुन्द :॥७॥
 
12
 
7.M-दले
8.

 
 
[^1]
A,M - सैन्धो
 
1. A,M
omit च
 

 

[^
2. M.]M- कुण्डलमयो'
 

[^
3. ]A omits Rसी
[^4]M ॰देव----थः,
T
 
4. M देव ---- थः
-
7.
- देवसन्ततिपयः
 

[^
5. ]A,M- भूभागा

[^
6. M - ]M- ॰नाभि
 

[^7]M- ॰ढले
[^8]A,M- ॰सन्धो॰
[^9]T- ॰मदी॰
[^
10
 
: T- मदी'
10. M - शा
]M- ॰शमित
 
11.

[^11]
A.- चाराय
M.
, M- चराय

[^
12.1M.]M- गिरी
शं
[^*] A “is wanting in a
leaf containing the portion
 
A
 
* "A" is wan
तं ववन्दे.....ting in
तं वन्दे 10
o तपसस्तव मूल (on p. 2
 
40
 
)