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शेकः
कृत गिरस्तदनु
 
अकृत जपञ्चाक्षरतः ४९
 
अघशतघस्मर २२
 
अर्धन्यस्त ५
 
जतिभीमं २२
 
जय नन्दी ११
 
अथ परमं १
अथ परमे २९
 
जय पुरतोऽमरपाता ४९
 
अथ रतिमापुष्यन्तः २६
अथ विजयाशां ४८
अथ विजहारामेयं १०
अथ विभुरच्छ ४०
अथ संरम्भान्विततः ४७
 
अथ सुतरामुदराणि ५६
अथ हरिमापन्नत्वाद् १
अद्वैतं परममलं ५१
मधुनापि तथैव ५९
 
अनितरसादृश्यत्वं ५३
 
अपि चाम्बरवासा ३६
 
अपि तेन प्रतिभवन ४२
 
अपि देवा! गच्छत २४
अपि तपसे २२
 
अभजत ५८
 
अयि ललिता ४१
 
अर्चा २४
अव्यथितः ५३
अनुवते २०
असुरैरुचक्रोऽधः ५७
 
त्रिपुरदहनम्
श्लोकानुक्रमणी
 
पुट श्लोकः
 
असुरैरुद्धतराग ६१
 
अम्ति स ६
 
अहिता र ३
 
116
 
81
 
99
 
90 । आज्ञामीशाननत: ३३
 
19 इति कृतपूर्व्यापार ६८
 
93
 
इति तालान्निध्याय २१
 
88 । इति ते शैलादिव ८: १४
 

 
105 इति बहुधा ४४
39 । इति भासुरया १६
22 । इति हरिनारद ४७
 
80
 
इत्थं तान्ततमानां ६
 
11
 
इत्थं वादे २५
 
111
 
115
 
20 । इत्थममेय ९
53 इत्थमसत्य ३७
 
82
 
*8
 
इत्थं साधुतरा १०
इत्थं सुरवाचार ५३
 
इत्यलघोरजवरत: ४६
 
इन्दुसमानन ६
 
84
 
उडुघटयामा ७१
73 उद्यति नादे २८
 
34 । उल्बणनाना ३७
102 ।कतरन्नामानन्त ! ५६
64 का पुनरङ्गात्र २५
43 कुलिशं ३
 
76 कृतदानव ५५
20 । केन्वेते ६७
 
41
 
ऋतुरुपसन्नामा १०
 
63 । क्रियते यत्तावदथ २७
43 क्षुधितेनापि ५४.
 
पुटम्
 
45
 
7
 
54
 
107
 
49
 
63
 
95
 
77
 
96
 
79
 
55
 
10 2
 
92
 
118
 
57
 
74
 
37
 
[[91
 
51
 
105
 
30
 
86
 
66
 
4
 
119
 
49
 
58
 
67
 
41