This page has been fully proofread once and needs a second look.

संशयितश्लोकाः ।
 
मधुरमधुविधुरमधुपे मधौ भवेत् कस्य नोत्कण्ठा ॥ ३४० ॥

 
सिद्धाध्यासितकन्दरे हरवृषस्कन्धावगाढद्रुमे

गङ्गाधौतशिलातले हिमवतः स्थाने स्थितः स्थेयसि ।
 

 
कः कुर्वीत परप्रणाममलिनं मानं मनस्वी जनो
 

यद्युत्रस्त कुरङ्गशावनयना न स्युः स्मरास्त्रं स्त्रियः ॥ ३४१ ॥

 
सृजति तावदशेषगुणाकरं पुरुषरत्नमलंकरणं भुवः ।

तदपि तत् क्षणभङ्गि करोति चेदह ह कष्टमपण्डितता विधेः ॥ ३४२ ॥
 
१३३
 
F3 H_J1c. 2 W Y TG3-5 M -भरामोद-; Jat G1 - भारामोद-; Xt -समूह - (but भवामोद-
in translation); G2 - भारमोद- ( for - भवामोद - ). - ( ) F1 विधुरमधिपे; मत्तमधुपे; Jit
F+
 
>
 
' विधुरमधुसे; Xt 'विबुध ( but निरत in translation ) मधुपे; M2. मुखरमधुपे; (for
"विधुरमधुपे).
 
d
 
(d) Y3 भवति मधौ: Y+6 मधुनि भवेत् (for मधौ भवेत् ). Wt om. कस्य.
Est कस्यापि (for कस्य). Wt उत्कंठा; G1 नो कंठ: ( for नोत्कण्ठा ).
 
BIS. 6965 (3224 ) Bhartr. ed. Bohl. 1. 37. Haeb 40 lith ed. II. 92. Kavyas.
29. Šatakāv. 66; Śp. 3787, (Kapilarudra); SRB. p. 331. 9 (Kapilarudra); SBH.
1666 ( Kapilarudraka); SLP 5-28 ( Bh. ).
 
द्रुमे.
 
तपः-; Eo.1.3 स्थिति;
 
** {5}Om.}nj - १ ) A2 सियासितकंदरे; X 'ध्यासितकंधरे; Y: ध्यूषितकदरे;
9
Ea TV हरि- (f) IS (except W) स्कंधावरुग्ण (Gat° दावरुन ; धादिरुग्ण-)
(G3
शिकांत CEsit IPH.J W X Y1 2 4 6.8 TG2.6 M1-3 स्थिते;
शुभे; G+ सिते; 14.5 स्थित (for स्थितः) . C D F3 - 5 W X
CDF W
निश्चले; X 3 स्थेयसे; Y66G+M. प्रेयसि ( for स्थेयसि ). ●)
( except M3 ) शिरः प्रणाम ( F1 'माण ) मलिनं ( F1.3.4
B1 मान्यो; Ba C मान्यं ; D Y3 मानी; F3 Y+– 8.8 T
@ ) D F3.4tv H I ( by
 
Y1. 4. 7.8T Gst: श्रेयसि
Hst के कुर्वीत BCDEFHIS
[t.v. as in text] H - विगलन् ).
 
( Tic.v as in text ) म्लानं ( for मानं ). B1om. मनस्वी.
corr.) X Y1.3~4 TG1. 4 M1 - 3 यद्वित्रस्त ; F1. 2. 4 सद्यस्तत्र ; W1-3 यद्यत्रस्त ; W± यद्यवस्तु;
Ms. 5 यद्यात्रस्त - ( for यधुत्रस्त - ).
 
Gst यद्यवस्थ;
 
B Fs.st.v. - शाबकदृशो. Some N Mss
and Y7 T G M read शाब (for -शाव' ). B1 स्मरार्ताः; Ms स्मरास्त्राः (for ).
 
BIS. 7047 ( 3254 ) Bhartr. ed. Bohl. 1. 67. Haeb. 70 lith ed. II. 12. Kavyas.
SBH. 2244; SDK 5.57 4 ( p. 315 ) ; SLP 4. 62 ( Bh. ).
 
59;
 
.
 
342 { V, N } Om. in E ( but Eo Vl14, extra ; Ea V112, extra ; Es V116,
extra), Jodhpur 1, Ujjain 6414, NS1. Y8 प्रक्षिप्तः NS3 N111 ( extra); BVB5
7112 ( extra); ISM Kalamkar195 N100 ( 102), V121 (124).
a ) X -गुणाकर..
 
9)
E2X1446 G1-3 M1-3 च क्षण; W½ तक्षण. E2 Ja
भंग (tor - भक्ति ) – d) It खेदम् ( for कष्टम् ). J1 अखण्डितता. J2.8 कष्टतरा जडता.
 
Es Fa
E8F4 J Y: तदनु; W3 सदपि.
 
BTS 7163 (3289 ) Bhartr ed. Bohl. 2. 88. lith ed. I. 2. 90, 3. 93, II. 2. 92
Galan 93. Subhāsh. 68. Sp. 4000; SRB. p. 92. 67; SBH. 3126 ( Phalguhastinī);
aKM 131.39 ( Phalguhastinī ) ; SRH 36 4 ( Phalguhastini ) ; SRK. p. 71.15
(Bh.). SK. 6. 269; SSD. 4. f. 2&; SSV. 270; SMV. 15. 11.