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भर्तृहरिसुभाषितसंग्रहे
 
वयं पुण्येऽरण्ये परिणतशरञ्चन्द्रकिरणैस्

त्रियामा नेण्ष्यामो हरचरणचित्तैकशरणाः ॥ ३२५ ॥
 

 
विरमत बुधा योषित्सङ्गात् सुखात् क्षणभङ्गुरात्

कुरुत करुणामैत्री प्रज्ञावधूजनसंगमम् ।

न खलु नरके हाराकाक्रान्तं घनस्तनमण्डलं
 

शरणमथ वा श्रोणीबिम्बं रणन्मणिमेखलम् ॥ ३२६ ॥
 

 
विरम विरमायासादस्माद् दुरध्यवसायतो
 

विपदि महतां धैर्यध्वंसं यदीक्षितमीहसे ।

अयि जडविधे कल्पापाये व्यपेतनिजक्रमाः
 

कुलशिखरिणः क्षुद्रा नैते न वा जलराशयः ॥ ३२७ ॥
 
Es प्रियामा-; F2. 3 G1 M1.5 त्रियामां. J सेव्यामो; X -न्ये स्वामो ( for नेष्यामो). - 4 )
E2c. 3. 4 J3 Y 1 G1 M3 हरि - ( for हर- ). BY1ut ct 3: वित्तैक-; F4 J1.2_Y2.8 T1 G
12.5 शरण.
 
( except Gst) M -चिंतक; J3 चिंत्येक (for - चित्तैक).
 
BIS. 6068 (2789 ) Bhartr ed. Bohl. 386 Haeb. 81. lith.ed. I. 84, II. 49,
III 82 Galan 80; SK. 7. 20.
 
326 {V, Ś} Om. in A W, BORI 329 and Punjab 21
 
}
 
विरमित:
 
Gi
 
Esc T2 विरमति
F'± (m.v. as in text ) भंगुरं. – ' ) D F1.4 भजत; G1 कुरु तत् एवं कुरुत; J3 तरुणा; Ts.
 
B प्रति-; F4 (m.v. as in text) सुखं; Yः क्षणात्; सुत्तात् (for सुखात्).
 
करुणं ( for करुणा-).
 
CF 2 प्रज्ञामैत्री ; J3 - मैत्रप्रज्ञा
 
D Y3 नव- (for जन- ).
 
©) F2
 
हारालांतं; Fs G1. M2 भाराकांतं; Y3 T2 हारक्रांत; X० दाराक्रांतं. Es Yr घनं;
 
4
 
a
 
. 2 ) F3 भरणम्; J2 तरुबिम्; J3 तरुण-; Y2 चरणम् (for शरणम् ).
 
Ys
 
( for घन- ).
 
( for अथ वा ). Eot F5 X2 G1 श्रेणी ( for श्रोणी- ). J10.2.3 G4 वणन्;
रणन् ). T2.3 'मेघलं.
 
PODO
 
Jit जघन-
J8 रमते
स्फुरनू ( for
 
U
 
DIS. 6173 (2833) Bhartr. lith. ed. II. 3. 58. Schiefner and Weber p. 24;
BH 3385; JSV. 304.10.
 
327 {N } Om in CWY 2G4 M+ 5, Mysore 582, BORI 329, Punjab 2885
and Ujjain 6414. a ) B D E F1 2 H1.2.3t I Y3 G2.3 विरसा ( for विरमा ). A
 
F3
 
[भ]मुष्मानूनं (for [आ ]यासादस्माद् ). दुरवध्याव- X दुराध्यव; Y2 दुर्व्यव- (for
दुरध्यव-). 6 ) Fs कर्तुं च समीहसे; J2. 3 यदि क्षितिमी'; M2 समीक्ष्य न लज्जसे.
Eot.1.2.5 F Y1.6 अपि ( for अयि ).
 
* ) D
B1 I X Y 163 जडविधे:; D J Y1 जडमते; F1
 

 
जड़ मिधे:; F2 हतविधे; F4 जलनिधे: Fo.15 कल्याणाय (for कल्पापाये ). B1 व्यत्येव-14
व्यपैति; J2 व्यवसित-; Y8 निरस्त; 11 G1.35 M3 [S ] प्यपेत- (for व्यपेत ). Est It पराक्रमाः;
F2 °निजालया:; F1 'निजक्षमा; Ja 'निजक्लमाः; X 'निजक्रमः – 4 ) F2
 
Ja
 
क्षुण्णा;
 
( for क्षुद्रा ).
 
BIS. 6148 Bhartr. ed. Bohl, extra 17 (order bacd). Haeb. 2. 75.
 
4
 
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