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भर्तृहरिसुभाषितसंग्रहे
 
रात्रिः सैव पुनः स एव दिवसो मत्वाबुधा जन्तवो
धावन्त्युद्यमिनस् तथैव निभृतप्रारब्धतत्तत्क्रियाः ।
व्यापारैः पुनरुक्तमुक्तविषयै रेवंविधेनामुना
 
संसारेण कर्थिताः कथमहो मोहान् न लज्जामहे ॥ ३१६ ॥
रे कन्दर्प करं कदर्थयसि किं कोदण्डकार
 
रे रे कोकिल कोमलैः कलरवैः किं त्वं वृथा जल्पसि ।
मुग्धे स्निग्धविदग्धमुग्धमधुरैर्लोलैः कटाक्षैरलं
 
चेतश् चुम्बितचन्द्रचूडचरणध्यानामृतं वर्तते ॥ ३१७ ॥
 
316 { V } Om in BORI 329, Punjab 2101 and Nğ2. - 2 ) B1 सेव;
 
a ) B1
 
सेव; H8 सेव्य
 
( for सैव ). Yr स एष ; Ys प्रसन्न ( for स एव ). Ao. c. 2.3 B C D F2 3 5 W1-3 Xa
Y2. 6 - 8T1.2 G 1M मत्वा मुधा; E मत्वा बुधा; ( Ecom. बुधाः पण्डिताः ); F1 यत्रासते.
Fât.v. Ic W4 X1_Y1. 3 T8 G+ मत्वा मुदा; JY4.5 G2. 3. 5 मत्वा सदा. – 1 ) Y1 [उ ] चमि
 
6
 
Y 3 त एव ( for तथैव ). E3 G1 निभृताः; 2 निवृत-; Fs J2t. 8 Y2. 3 निभृतं ; M2 निभृता (1ör
निभृत ). Xs G2.3t. v. प्रारंभ ( for प्रारब्ध ). D तत्तत्प्रियाः; X तंतुक्रियाः; Ga Ma
दत्तक्रियाः – ( ) A0-2 Y3 - भुक्तविरसैर; C दोषविषमैर्; I मुक्तविषयैर्; W X Y1.2.4-8 T
G15 M भूतविषयैर्; G3-पक्षविषयैर् CFs J 8 इत्थं - ( for एवं - ). F4 (m.v. as in text)
बुधेनामुना. -1) s वयम ( Y3 'मि ) हो ( for कथमहो). Jit W Y1 मोड़ न; Ms मोहो न.
Wt Y3 M1 जानीमहे ( for लज्जामहे ).
 
C
 

 
3
 
BIS. 5778 (2626) Bhartr. ed. Bohl. 3. 45. Haeb. and Galan 41. lith. ed. I.
33, II. 71, III. 42; SRB p. 375 227; SSD. 4. f. 8b.
317 {V, Ś } Om in A F1, Punjab 2101, BORI329, ISM Kalamkar 195
and NS1. NS3 V95, 8109 (110). – 4 ) B C F2 3 5 J $ किं ( for रे ). F8 X2Y2.4.5
* 3.5
G2. 8 कथं ; J2 कळं; J3 दळं; X1 Y1.6.8 TG5 शरं; G1 4 M12.45 वृथा (for करं ). BC
F2. 4. 1 J X Y T G2.3.5 रे; G1 4 M1. 2. 4. 8 मां; M3 ते ( for किं ). B1 टंकारिते; Ba F5 X
Y3Ac. 2. 4. 5 M1.45 'टंकारितैः; C 'टांकारितैः; FY1B ढंकारितैः; Fs W 'शंकारितैः; F
टंकारकै:; J2. 8 Yo. 7 T G4 °टंकारितं; Y3 कंकारितं; Y8 °टंकांकित ; G1 M2 °झंकारवै:; G2.8
*'ठकारितैः; G6 टंकारवं; M3 झंकारितं. – 6) Ms ते रे (for रे रे ). BCF286IJ8 ( except
W4) कोमलं. BC F2 3 6 Ie J W1 – 4 Y1 1 4–4 T GM कलरवं; It कलिरवं; Y3 कलकलं.
B2 किंचिद्; I X Y TG किंवा J2.3 किं तु (for किं त्वं ). B मा कृथाः; CF2.3.6 H I Ja
वल्गसि; D J3 W वल्गसे; G+ M3 जल्पसे. -- ° ) Ic
● ) 10 दुग्ध;
W1.4 मुग्धा-; W2. 3 मुग्ध (for
मुग्धे ). X Y1.6 – 8 T G4 -चारु-; G1 M4.5 -नर्म; M2 -निर्म (Lor - मुग्ध- ). DF H
मधुराक्षेपैः; Ec F4 -मधुरक्षेपैः; F2 मधुराक्षोभैः; Ms हरिणीतुल्यैः; Mo मधुरालोकै; Mo
-मधुरालोलैः (for -मधुरलोलै:). W लोलैकपक्षैर् (for 'लोलैः कटाक्षैर) – d) CG1M12.25
संप्रति; Eot.2t. 3 ( orig . ) F2 H Ic J1 W X 2 M 3 चुंबति; X 1 चुंबत ( for चुम्बित- ). I
ध्याने धृतं; W ध्यानामृते. C सेवते; F2 सांप्रतं; H संप्रति; G1 M1.3.4.5खुम्बति
 

 
BIS. 5799 (2640) Bhartr ed. Bohl and lith ed. III. 1. 97. Haeb. 100. lith..
ed. II. 101. Satakāv. 75; Sp. 4096 ( Bh. ) ; SRB. p. 369 74 ( Bh. ); SK. 7 SSD,
 
4. f. 28b.