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संशयितश्लोकाः ।
 
सद्यः स्यूतपलाशपत्रपुटिकापात्रे पवित्रीकृते
 
भिक्षासक्तुभिरेव संप्रति वयं वृत्तिं समीहामहे ॥ ३०२ ॥
 
माने म्लायिनि खण्डिते च वसुनि व्यर्थं प्रयातेऽर्थिनि
 
!
 
क्षीणे बन्धुजने गते परिजने नष्टे शनैर्यौवने ।
 
युक्तं केवलमेतदेव सुधियां यज् जह्रुकन्यापय:-
पूतग्रावगिरीन्द्र कन्दरदरीकुञ्जे निवासः कचित् ॥ ३०३ ॥
 
मृत्पिण्डो जलरेखया वलयितः सर्वोऽप्ययं नन्वणु
 
अंशीकृत्य स एव संयुगशतै राज्ञां गणैर्भुज्यते ।
 
;
 
११९
 
स्पृहयालवस्तव वशाः. G 1 के ( for का ). E3.5 F1.25 M निस्पृहाणाम्. FY1G4.5 अपि
( for असि ).
- c ) B Jit सद्यः सूत-; DF 4 Y 2 G+ सद्यश्चत-;
J3 सत्यं मति; T2 सत्यः स्यूत ;
Gat यद्यः स्यूत- Jit Ts - फलाश - Y2 - पात्र - ( for पत्र- ). AB F 3.5 - पुटके; J3 घटिका-;
-पुटका- ( for पुटिका ). F 1 I -पत्रे - ; 12 - पात्रै: ; M+ - पत्री - Y2- 6.8 T G2. 4.5 M - कृतैर.
*)+A2.3 C E3 °शक्तुभिर्; Jit शक्तिभिर्; Y1.6.8 T ( Tic.v. as in text) G6 °वस्तुभिर्
( for सक्तुभिर् ). Y3 समीहाम ये; M4 समीक्षामहे.
 
T2
 

 
BIS. 4787 (2164) Bhartṛ. lith. ed. I. 3. 102, II. 60. Galan 88. Schiefner and
Weber p. 24. Kavyakal. 33. Nitisamk. 85. Subhash 312. Santis. 4. 11 ( Haeb.
427 ) ; SRB. p. 370 102; SRK, p. 87.11 ( Bh. ) ; SS.D. 4. f. 293.
 
.
 
303 { V } Om.in W and GV82387 ( Probably missing folio in original).
 
. 4 ) A3 F2 माने म्लायति ; X 2 म्लाने मानिनि. F3 वसुमति ( for च वसुनि).
 
C Ec J
Y1. 2. 4–4 T G_M व्यथं; IF 2 व्यर्थ - ( for व्यर्थं ). Com.; G1 प्रयासे ( for प्रयाते).
- 1) Ba
परजने; Xs सखिजने ( for परिजने ). B F 1 याते; X भ्रष्टे ( for नष्टे ) . E 2 X 2 शनिर्; Gat
पुनर् - °) 43 युक्ते ( for युक्तं ). IF : सुधियो; Y1 (printed text ) सुधिया; Y1G+ विदुषां.
J1.3 या जहु
4 ) DF 1.3-पूतग्राम -; J3 पुत्रप्राव ; M1.5 पूरे वाथ ( for पूतग्राव - ). Y 3
करींद्र- ( for -गिरीन्द्र ). M1.5 मंदर - ( for -कन्दर ). Y1 -कुटी-; Y2. 1 - 8T G1 M -तटी-3
G+ - नटी- ( for -दरी - ). F3.5 कुंजेषु वासः; X कुक्षौ निवास:.
 
BIS. 4825 (2183) Bhartr ed. Bohl. 3. 79. Haeb 101; Galan 72 lith ed. II
31. Prasañgabh. 10. Subhash 312; Sp, 4178 ( Bh. ) ; SR.B. p. 376.254 ( Bh.) ; SK
7. 114; SU. 1053; SSD. 4. f. 28a; JSV. 304. 3.
 

 
304 {V} Om. in W, Jodhpurl, NS2, GVS 2387 (probably missing
folio in original ) and BVB. 5. – " ) F2.35 (m.v as in text ) Hat 2.3 परिवृ (Est
'त्र ) तः A B2 DE5F H I J2 3 YT G1-35 M1 - 3.5 नन्वणु:; B1 Eo. 2-4 न त्वणुः; Jit
नन्वनु: X 1 निर्गुण: ; X 2 दुर्गुणः; G+
नश्वरः; M नन्वणूम् ( for नन्वणु found only in CF2 ) ..
 
8 ) A F3 - 0 G 1. 2t तं स्वीकृत्य; B EsFm v. H G3 M1 3 5 त्वंशीकृत्य; CX Y 4 - 6, 8T1G4.5
स्वांशीकृत्य; D It Y3 G2c भागीकृत्य; Eot त्वंसीकृत्य; Eoc. 2 अंगीकृत्य; E3. 4 त्वं स्वीकृत्य; F1
तत्स्वीकृत्य; F2 ये स्वीकृत्य; Y 1.7 T2.3 येंशीकृत्य; X 2 त्वेकीकृत्य; M4 व्यंगीकृत्य; ( for
अंशीकृत्य found in only He Ic J [ I com. ननु निश्चितं अणु त्वं अंशीकृत्य विभागीकृत्य ]). B
C_F2. 3 J_Y T G M1 - 3.5 तमेव ; IF 1 समं स; ० स एष; M+ तदेव ( for स एव ). X 3 - 6T1
 
G2 संगर- ( for संयुग-), CF5 JYTGM गणा; Hशतैर; F2. 3 गुणा (for गणैर् ). C