This page has not been fully proofread.

भर्तृहरिसुभाषितसंग्रहे
 
तत् संसारमसारमेव निखिलं बुद्धा बुधा बोधका
लोकानुग्रहपेशलेन मनसा यत्नः समाधीयताम् ॥ २९३ ॥
भोगे रोगभयं कुले च्युतिभयं वित्ते नृपालाद् भयं
 
माने दैन्यभयं बले रिपुभयं रूपे जराया भयम् ।
शास्त्रे वादिभयं गुणे खलभयं काये कृतान्ताद् भयं
 
सर्व वस्तु भयान्वितं भुवि नृणां वैराग्यमेवाभयम् ॥ २९४ ॥
भो मर्त्याः शृणुत स्फुटाक्षरमिदं वाक्यं शिवप्राप्तये
 
सन्तः क्रीडनमिन्द्रियैः सुखलवप्राप्त्यर्थमभ्युद्यताः ।
संसारे क्षणभङ्गभङ्गुरतरे लभ्यं न चात्यन्तिकं
 
Marke
 
स्वात्मन्यस्ति समाधिनिर्मितसुखं यत् तत् स्वयं चिन्त्यताम् ॥ २९५॥
मत्तेभकुम्भदलने भुवि सन्ति शूराः
केचित् प्रचण्ड मृगराजवधेऽपि दक्षाः ।
 
BIS. 4634 ( 2073 ) Bhartr ed. Bohl. 3. 35. Haeb.' and Galan 31. jith ed. I
and III. 32. Subhash 317 ; SRB. p. 373. 185; SRK. p. 93. 4 (Bh.); SK. 6.433,
7.7; SSD. 4. f. 17).
 
294 {V } Cf. the variant sloka in Group III. Om. generally in N.
Found in D (var. ) J1; F+V124 ( 23, var. ). [ Also GVS 2387 V104 ( var. ) ; BORI
326 V96 (96); ISM Kalamkar 195 V122 (125) ; BORI 328 V148 (40); Wai 2
V1051; Punjab 2885 V30; Ujjain 6414 V106 (107, var. ).] - 4 ) X सुखेऽसुख;
a
Gat कुले च्युत' ( for कुले च्युति ). (G6 [5]पलापाद् (for नृपालाद् ).
4) W तरुण्या
( for जराया). " ) Y1 बल ; T3 कल ( for खल ). W 2 कार्ये ; Y1. 4 काले ( for काये ).
– d) Y3 खलु (for भुवि ).
 
T
 
Langen
 
BIS. 4637 (2075) Bhartṛ. ed. Bohl. 3. 32. Haeb and Galan 28. lith, ed. I
and III. 29, II. 101. Subhash. 88. Kävyakal. 3. Astaratna 5 (Haeb. p. 8); SRB.
p. 370.90; SRK. p. 92, 1 (Bh.); SA. 38. 35 (var.). Kṣemendra claims this śloka
( var. ) as his own in Aucityavicāracarcã ( KM. 1, p. 130 ) and Caturvargasamgraha
4.7 ( KM 5, p. 98 ) .
 
295 {V } Found in ACD F+ ( V100 = 99 ) [ Also BORI 329 and Punjab
2101, V75; BORI 328 V102 (100) ; Punjab 697 V93 ) – 4 ) A3 शिवप्रीतये;
CD
Punjab 2885 शिवावाप्तये. - ) C क्रीडितुम् ( for क्रीडनम् ). A8 लवप्रायै सम्; C
°लवावाध्यर्थम्. – °) F4 - भंगुरतरं
a) C स्वात्मन्यस्त c
 

 
C वाध्यंतिकं ( for चात्यन्तिकं).
 
F1 -निर्मल- ( for -निर्मित-). C चेतः समा; D ये तत्समा; F+ यतः स्वयं ( for यत् तत् स्वयं).
 
296 { } Om. in A — " ) B1 EoI
A, ª
 
a
 
) B₁ Eo I
 
- 4 ) After के, Ya lost on missing folio.
'वधे). DM: विदग्धाः (for ऽपि दक्षा: ). - 9 )
-मदने ( for -दलने ). F3s विरला; Y7 विरता.
 
: ; D Y4 T efter: ; Y¹A effet: (for stet:).
G1 मृगजाति Eet 'विधे; F1.2 °जये ( for
 
G 1 नु ( for तु ). J प्रसंह्य. d) G4