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११०
भर्तृहरिसुभाषितसंग्रहे
येषां नो कण्ठलग्ना क्षणमपि तुहिनक्षोदरक्षा मृगाक्षी
तेषामायामयामा यमसदनसमा यामिनी याति यूनाम् ॥२८०॥
फलं स्वेच्छालभ्यं प्रतिवनमखेदं क्षितिरुहां
पयः स्थाने स्थाने शिशिरमधुरं पुण्यसरिताम् ।
मृदुस्पर्शी शय्या सुललितलतापल्लवमयी
सहन्ते संतापं तदपि धनिनां द्वारि कृपणाः ॥ २८१ ॥
बाले लीलामुकुलितममी मन्थरा दृष्टिपाताः
किं क्षिप्यन्ते विरम विरम व्यर्थ एष श्रमसू ते ।
lacuna; D Fi3 J1 X1 - [उ ] हार-; F+Je X Y 4-6TG Mo -[ उ ]दार C-वाते; Ja Y4-8
TG1.2.4 M1−3 धाम्नि; X2 दम्नि; Gat दाम्ना.
°) E J2 Y3 I3 G2 एषां. F2 नौ; T2
23
( for नो ). C D Eo.1 F+5 I Y3G15 [उ ] कंटलग्ना; Y1 Ga कंडलग्नाः; Ms कर्णलग्न. D
तुहिनं. As क्षोदशक्का; B1 1) 2 3 11 X YBeJ-6.8 T G2.3.6 M+5 क्षोददक्षा; Ba
क्षोउराक्षा; C क्षोदरता; क्षोदाक्षा; is [उ ]त्कंपिवक्षो; J1 क्षोदलक्षा; Ja क्षोहलक्ष्मा;
13
VIA श्रोदया; Y क्षोदवक्षा;
Fs
क्षोरक्षी;
क्षोभक्षा; । क्षोभरक्षा; Mः क्षोदराक्षो.
') 10--2 मायामग्रीमा (Ao.com. मायामयी + इमा,
V1 62.3 मृगाक्ष्यस्; M3 मृगाक्ष्या.
इमा कहतां आ ) ; 43 आयातयामा;
आयामियामा; Eat आयातियामा;
आयात; Y आयामि यामैर्.
Bi ID (1 Mi? नूनं ( for यूनाम् ).
Ba ( आयातियामो; D F1 3 1H I J2 Y? 7 T? G1-3 M
C -
]'+ आयातमाया; 12. आयामनीयं; J। आयानियामा; X
Aot यमसदनगता; Aoc. 1.2 निभा.
J2 G1 M1-4
Ja यातु.
G₁ 2
BIS. 4366 (1928 ) Bhartr. Schiefuer and Weber p. 23; Sp. 3924; SBH.
1843; SDK 2 172 3 ( p. 181); SU. 889; SLP. 5. 34 ( Bh. ).
•
Ir
;
281 {V } Found in S ( exeept Srigeri 309). - a ) W+ श्वेच्छालभ्यं ; Ms
चेच्छालभ्यं. Wat.० प्रतिवचनखेदं; We प्रतिवचममखेदं; X7 प्रतिभवमखेनं — 4 ) (G+ M‡. 5
लभ्यं (for the second स्थाने ). M+ भाति शिशिरः; M भवति शिशिरः (for शिशिरमधुरं ).
^ ) Y3 तरा;
G+M: -तला ( for लता- ). Y2 चंपकमयी. ) Y2 संलापं ( for संतापं ).
Wil ध्वनिनां ( for धनिनां ). X 1 कृपणः.
d
BIS. 4368 (1930) Bhartr. ed. Bohl. 3. 28. IIaeb. and Galan 25. lith. cd, I.
26; SRB. p. 72. 54; SKM. 128. 3 ( Krspanisra ) ; SRK. p. 62 9 ( Bh.).
Prabodhacandrodaya IV. 19; SHV. f. 778 871 ( Krsoamiśra) ; BPB. 270; SSD.
•
2. f. 137b.
282 {Ś, V} Om. in F2 H I, ISM Kalamkar 195 and Mysore 582. NS3
$107 ( 108, extra ). Occurs twice in D E; F4 V72 (71), Ś19; GVS2387 V3, 53,
Punjab 697 $18 (19), V68. - ) Ao मुकिलितममी; B1 X विलसितममी; B2
-विलसितमिमं; Jit मुकुलितमिमं; Y1G1 मुकुलितवली. F3G मंधरा; Foसुंदरी-; JY1G1
मंदरा; W1. 3. + सुंदरा.
6) B विरम विरस. B2 एक-; C एवं ( for एष ). Wat. 4 समस्ते
( for श्रमस् ते ) . - °) B C D E (Vai) F13 5 JS ( except X M4.5) संप्रत्यन्ये; F4 संप्रत्यंते.
(for वयम् ). B अपगतं;
B अपगतं; C E2 ( Vai) उपगता ; Eot ( Sr.) अपिरतं; Eoc. (Śr ) and
Vai,1,2(Śr.).5 (Śr. and Vaic) अपरतं; X उपरता; G# अपि गतं ; M3 उपरती ( for उपरतं).
C वरम्
भर्तृहरिसुभाषितसंग्रहे
येषां नो कण्ठलग्ना क्षणमपि तुहिनक्षोदरक्षा मृगाक्षी
तेषामायामयामा यमसदनसमा यामिनी याति यूनाम् ॥२८०॥
फलं स्वेच्छालभ्यं प्रतिवनमखेदं क्षितिरुहां
पयः स्थाने स्थाने शिशिरमधुरं पुण्यसरिताम् ।
मृदुस्पर्शी शय्या सुललितलतापल्लवमयी
सहन्ते संतापं तदपि धनिनां द्वारि कृपणाः ॥ २८१ ॥
बाले लीलामुकुलितममी मन्थरा दृष्टिपाताः
किं क्षिप्यन्ते विरम विरम व्यर्थ एष श्रमसू ते ।
lacuna; D Fi3 J1 X1 - [उ ] हार-; F+Je X Y 4-6TG Mo -[ उ ]दार C-वाते; Ja Y4-8
TG1.2.4 M1−3 धाम्नि; X2 दम्नि; Gat दाम्ना.
°) E J2 Y3 I3 G2 एषां. F2 नौ; T2
23
( for नो ). C D Eo.1 F+5 I Y3G15 [उ ] कंटलग्ना; Y1 Ga कंडलग्नाः; Ms कर्णलग्न. D
तुहिनं. As क्षोदशक्का; B1 1) 2 3 11 X YBeJ-6.8 T G2.3.6 M+5 क्षोददक्षा; Ba
क्षोउराक्षा; C क्षोदरता; क्षोदाक्षा; is [उ ]त्कंपिवक्षो; J1 क्षोदलक्षा; Ja क्षोहलक्ष्मा;
13
VIA श्रोदया; Y क्षोदवक्षा;
Fs
क्षोरक्षी;
क्षोभक्षा; । क्षोभरक्षा; Mः क्षोदराक्षो.
') 10--2 मायामग्रीमा (Ao.com. मायामयी + इमा,
V1 62.3 मृगाक्ष्यस्; M3 मृगाक्ष्या.
इमा कहतां आ ) ; 43 आयातयामा;
आयामियामा; Eat आयातियामा;
आयात; Y आयामि यामैर्.
Bi ID (1 Mi? नूनं ( for यूनाम् ).
Ba ( आयातियामो; D F1 3 1H I J2 Y? 7 T? G1-3 M
C -
]'+ आयातमाया; 12. आयामनीयं; J। आयानियामा; X
Aot यमसदनगता; Aoc. 1.2 निभा.
J2 G1 M1-4
Ja यातु.
G₁ 2
BIS. 4366 (1928 ) Bhartr. Schiefuer and Weber p. 23; Sp. 3924; SBH.
1843; SDK 2 172 3 ( p. 181); SU. 889; SLP. 5. 34 ( Bh. ).
•
Ir
;
281 {V } Found in S ( exeept Srigeri 309). - a ) W+ श्वेच्छालभ्यं ; Ms
चेच्छालभ्यं. Wat.० प्रतिवचनखेदं; We प्रतिवचममखेदं; X7 प्रतिभवमखेनं — 4 ) (G+ M‡. 5
लभ्यं (for the second स्थाने ). M+ भाति शिशिरः; M भवति शिशिरः (for शिशिरमधुरं ).
^ ) Y3 तरा;
G+M: -तला ( for लता- ). Y2 चंपकमयी. ) Y2 संलापं ( for संतापं ).
Wil ध्वनिनां ( for धनिनां ). X 1 कृपणः.
d
BIS. 4368 (1930) Bhartr. ed. Bohl. 3. 28. IIaeb. and Galan 25. lith. cd, I.
26; SRB. p. 72. 54; SKM. 128. 3 ( Krspanisra ) ; SRK. p. 62 9 ( Bh.).
Prabodhacandrodaya IV. 19; SHV. f. 778 871 ( Krsoamiśra) ; BPB. 270; SSD.
•
2. f. 137b.
282 {Ś, V} Om. in F2 H I, ISM Kalamkar 195 and Mysore 582. NS3
$107 ( 108, extra ). Occurs twice in D E; F4 V72 (71), Ś19; GVS2387 V3, 53,
Punjab 697 $18 (19), V68. - ) Ao मुकिलितममी; B1 X विलसितममी; B2
-विलसितमिमं; Jit मुकुलितमिमं; Y1G1 मुकुलितवली. F3G मंधरा; Foसुंदरी-; JY1G1
मंदरा; W1. 3. + सुंदरा.
6) B विरम विरस. B2 एक-; C एवं ( for एष ). Wat. 4 समस्ते
( for श्रमस् ते ) . - °) B C D E (Vai) F13 5 JS ( except X M4.5) संप्रत्यन्ये; F4 संप्रत्यंते.
(for वयम् ). B अपगतं;
B अपगतं; C E2 ( Vai) उपगता ; Eot ( Sr.) अपिरतं; Eoc. (Śr ) and
Vai,1,2(Śr.).5 (Śr. and Vaic) अपरतं; X उपरता; G# अपि गतं ; M3 उपरती ( for उपरतं).
C वरम्