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संशयितश्लोकाः ।
 
प्रियसखि विपद्दण्डवातप्रपातपरंपरा-
परिचयचले चिन्ताचक्रे निधाय विधिः खलः ।
 
मृदमिव बलात् पिण्डीकृत्य प्रगल्भकुलालवद्
 
भ्रमयति मनो नो जानीमः किमत्र विधास्यति ॥ २७८ ॥
प्रीणाति यः सुचरितैः पितरं स पुत्रो
 
यद् भर्तुरेव हितमिच्छति तत् कलत्रम् ।
तन् मित्रमापदि सुखे च समक्रियं यद्
 
एतत् त्र्यं जगति पुण्यकृतो लभन्ते ॥ २७९ ॥
प्रोद्यत्प्रौढप्रियङ्गुद्युतिभृति विदलत्कुन्दमाद्यद्विरेफे
 
काले प्रालेयवातप्रबलविकसितोद्दाममन्दारदाम्नि ।
 
१०९
 
278 { V, N } Om. in CF1H W I Y23, and BVB2, Jodhpurl, BORI 326,
NS1. 2, Adyar XXVIII-M-56. NS3 V122 (extra), Šrugeri 309799. " ) Ea J2. 3
X Y 4-4 T12 (61-3.6M2-5 प्रियसख; 1 प्रियनिज BF15-दंडप्रांत-; Do 2. 40.5-दंड-; i 2
X Y1. 4−4 T G M दंडाघात (X वाताद; ((1 खात ) ( for दण्डनात - ). BYs Ms - प्रभाव - ;
Eic st Js -प्रताप ; X - विघात ; Yo T1 65 प्रवात - ; G1 M1-3 -प्रघात - ; G+ -प्रतप्त- ( for
-प्रपात - ). – 1) Gst -परिचल- ( for - परिचय ). 19Y1.58 T (G1.5 M बले; Fs -वते; X 2
-चलचू; Y7
X7 - जले ( for - चले ). F. चिंतावके
 
-
 
F Yat विधाय; F+ [s] भिधाय; J1 निराय
 
Est F's Y3 खलु; F2 J1 किल; G4
 
( for निधाय ). Ji - सविधिः; Jet निधिः (for विधिः ).
खलं.
भ्रमयसि
 
G+बंधीकृत्य
 
T3 प्रचंड- ( for प्रगल्भ- ). - 2) D
 
") 13
च बलात् (for बलात्).
BF2 जनं; 15 तनो ( for मनो ). 12 G+ विधास्यते; J3 विधिनास्यति.
BIS. 4353 (1921 ) Bharty. in Schiofner and Weber p. 25 ; Śp. 451 (Vijjaka);
SR.B. p. 93.86 (Vijjakā ) ; SBH. 3137. SHV. f. G1a. 667, 79b. 63 ( Vijjakā),
279
 
.
 
} N } Om. in X. « ) F1.3 J W Yc - 8 I G1 + M यः श्रीणयेत्; Y2 यः
प्रीतयेत्. I Y: स्वचरितैः; It (by corr. ) स धन्यो; J सुपुत्रो ( for स पुत्रो). – 1 ) Y2 सुखम्
( for हितम् ). c) Js Xs यन्मित्रम्. V2. 1 सुखं च; 12 सुखेपि. A2 3 ( hoth doubtful );
B1 समक्रियं स्याद्; Eot.it समं क्रियं यद् ; Hit. 2. यदेकरूपं ; Js G1 Moसमप्रियं यद् (J-
तद् ). Y7 समक्रियं यदि ; Ys Gal समक्रियं तद् – ( ) W+ तत्तत्रयं.
 
BIS· 4363 (1926) Bhartr ed. Bohl. 2. 58. lith. od. I. 67, II. 6S. Galan 70,
Subhash 300; SRB p. 50. 92; SBIL. 2929; SRH 163 160. ( Vallabha); SRK,
p. 18.74 ( ST. ) ST. 36. 5 ; SA 36. 11 (order cabd ). VS. 811; SHV app. I. f,
114 13; SSD. 2. f. 119b.
 
280 {6} Om. in W, and Harilal's lith ed. Ya lost on missing fol. a)
Est प्रौद्यप्रौढ; J1 प्रौढप्रोद्य; G2.3 प्रोद्याढ F द्युतिष्टति B2 सुरसं; 1) विगलत् ; F2 J
 
])
 
Yr G1 M1, 2 विलसत्-; X Y1. 3-6.8 TG2-1 M3 - 5 विकसत्. B1 कुंकुमोद्यद्-, I'2 कुंकुमाद्यं;
Fst.v. -कुंकुमाढ्य ;
T2 वाता- ( for वात-). Y: प्रचलितललित
 
F4 - कुंकुमाद्यन्. F2 द्विरेफ; X -द्विरेफा; G2t - सुरेफे. – 4 ) D कालप्रालेय.
A0-2 प्रचुर ; Eo.1 ( orig. ). 20.5 F1.4H J
X104 - 0TGM प्रचल; F5 प्रचय ( for प्रबल - ). J X Y11 - 1 T1.3 GM विलसित c