This page has been fully proofread once and needs a second look.

१००
 
भर्तृहरिसुभाषितसंग्रहे
 
भोगः कोऽपि स एक एव परमो नित्योदितो जृम्भते

यत्स्वादादू विरसा भवन्ति विभवास् त्रैलोक्य राज्यादयः॥२५४॥

 
ददतु ददतु गालीर्गालिवन्तो भवन्तो
 

वयमपि तदभावाद् गालिदानेऽप्यशक्ताः ।

जगति विदितमेतद् दीयते विद्यमानं
 

ददतु शशविषाणं ये महात्यागिनोऽपि ॥ २५५ ॥
 

 
दिक्कालाद्यनवच्छिन्नानन्तचिन्मात्रमूर्तये ।

स्वानुभूत्यैकमानाय नमः शान्ताय तेजसे ॥ २५६ ॥
 
as an alternative to ब्रह्मेन्द्रादि (286). a) F1 पतिस्त्वमेव J1 निरसं. J2t शासके;
F2 शोभने (for 'शासने ). – 4 ) B2 तं लब्ध्वा ; Eo.5 F12 l1c 30 J1 तल्लुब्धा; J2 तल्लुब्धो.
 
C नववस्तुमात्रघटने; 5 परितोषमेपि च मनो ( for [अ] शन... घटने ).
 
D E F2 H1 I J
 
[आ ]सन - (for [अ]शन ). – ० ) I 3. + भोगै: ( for भोगः ). F2 कायिक ( for कोऽपि स).
 
-
 
A E5 एष; F1 एव ( for एक ).
 
DJ 1 नित्योदिते; F+ नित्योर्दिनो.
 
F3 भुवने ( for परमो).
A0 - 2 जृंभितो; A3 जृंभतो; Ee उज्जृंभते. - d) Jat यत्सादाद.
 
Ao.8 विपणा ( for विरसा).
 
12
 
40. 3 विरसास्; 41.2 Eo.30 10.5 विषयास; Est at वशगासू; Fः भवतस् ( for विभवास्). E3
-राजादयः; Fa Jit - राज्योदयः.
 
BIS. Cf. ब्रह्मेन्दादि.
 
255 { V } Found in A B C D ; F1 V113 (extra ) ; F+ V29; FEgV28. [ Also
BORI 326 V29 (28) ; BORI329 and Panjal) 2101 V29; BORI 328 V 30; BU
V 34 ; Jodhpur 3 V 29 ; Punjab 697 V26; NS1 V34 ; NS2 V 24 (23) ]. – *) B
ददत ददत. Aa B2 गालिर; Fs गालीं. गालिमंतो. 6 ) B DF‡i.v. वयमिह
. d A
 
;
 
C
 
s ] समर्था :; F1.5 [s] प्यसक्ताः ( for sध्यशक्ताः ). - ) 4 ददति ( for दद्रुतु ). Aot शशि-
विषाणां. A किं ( for ये ).
 
BIS. 2702 (1102) Bhartr. ed. Bohl. 3. 99. IHaeb. 97. Satakāv 110 Subhāsh,
311 ; SM 1566; SN. 357; BPS. f. 25a 155; SSV. 1538.
 
A
 
256 { V, N } Om. in D Fs, Punjab 697 and Punjab 2885. Added by later
hand without number in Adyar XXIX - E- 2. In Ji and Ujjwin6414 N1
and V1. Generally in V in N MSS., and in N in S MSS. In Ti and other
southernmost sources, this often appears as Niti 0. (a ) A0 - 2 Ese Fs Y3
दिक्पालायनव- ( Ao. com.: दिक्पालादि कहतां लोकपालप्रमुखे ); E2 दिक्कालादिनव-; Yt
दिक्कालर्यनव-; M+ दिक्कालाद्यपरि. J3 Y2-छन्ना.
Ya Thev. G1 M2. 3 [ आ]नंद चिन्मात्र' ; J1 (Niti)
F1_H_J2_Y1.4–4.4 T G1.5M 1.3 स्वानुभूत्येक ; It सानुभूत्यैक; Y3 स्वानभूत्यैक-
-गम्याय; Ha -नाथाय; W -साराय ( Wat -रूपाय ) ; Gat - बोधाय ( for मानाय ). d) F4
चेतस; G1 Ms शंभवे ( for तेजसे). Xo नमः सोमार्धमूर्तये.
 
Ao - 2 Eo. 2. 10
चिन्मात्रानंद
 
5 [अ] नन्तविज्ञान; F2
– ° ) 40. 2 B C Eo.at
Fam.y.
 
BIS. 2789 (1152) Bhartṛ. ed. Bohl. lith. ed. I and Galan 2. 1; SBH. (Bh.);
Laghuyogavāsisthasāra 1 1 ( with com. of Mahidhara ) ; cf Laghuyogavāsistha
of Abhinanda 6. 1; also Yogavāsistha VÌ 1, 13, 12 ; SSD. 1. f. 2b.