This page has not been fully proofread.

९२
 
भर्तृहरिसुभाषितसंग्रहे
 
किं गतेन यदि सा न जीवति प्राणिति प्रियतमा तथापि किम् ।
इत्युदीक्ष्य नवमेघमालिकां न प्रयाति पथिकः स्वमन्दिरम् ॥ २३३ ॥
कौपीनं शतखण्डजर्जरतरं कन्था पुनस् तादृशी
निश्चिन्तं सुखसाध्य मैक्ष्यमशनं शय्या श्मशाने वने ।
मित्रामित्रसमानतातिविमला चिन्ताथ शून्यालये
ध्वस्ताशेषमदप्रमोदमुदितो योगी सुखं तिष्ठति ॥ २३४ ॥
 
क्षणं बालो भूत्वा क्षणमपि युवा कामरसिक:
क्षणं वित्तैनः क्षणमपि च संपूर्णविभवः ।
 
$
 
233 { } Om. in W Panjab 2885 Missing in J1, but traces found in com.
सोऽनु - ( for सा न ). – 4) A3 जीवति ; Es I X
Ys प्रियतमे. M3 तदापि ; M 1.5 स्थितेन ( for
 
" ) G+ वा;
 
M +
 
( for प्राणिति ).
 
●) D G1 इत्यवेक्ष्य; Eo - 2.5 इत्यवीक्ष्य [ E com. simply वीक्ष्य ]; Yr इत्यपेक्ष्य;
 
C नैव याति; Gat न प्रियाति; G+ संप्रयाति ( for न प्र ). A0 स्वमंदिरां;
 
of उरसि निपतितानां.
 
X 2 प्राणति; M3 प्राणि
तथापि ).
 
Y
 
(G+ इत्युदीर्य. - ( ) C नैव याति;
d)
 
15 स्वमालयं.
 
BIS. 1740 ( 3928 ) Bhartr. lith ed. II. 1. 66. Schiefner and Weber. p. 22;
Sp. 3885 ( Bh. ) ; SRB p. 342 83 ( Ratimitra) ; SBH. 1748 ( Ratimitra ) ; SU. 541.
 
I'3.
 
c ) Ao. 3 समानता च; B -समानभाव ; F2 - समागताति-; Fs समान-
(for -समानताति- ). B F 2.3.5 - विरला ( for -विमला ). A3
 
व;
 
234 { V } Om in F1 H I J BORI 326 Jodhpur1 NS1 ; extra in NS2.
Missing in Y7. a ) B E2 कोपीनं. Eo - जर्जरतरा; E2 F 2.3 X2Y2 G2. 5 जर्झरतरं;
Wic. 2-4 -जर्जरजरं; T2. 3 G3 - झर्झरतरं. -- 1) D नैश्चितं; E3 निश्चित्यं; F3 निश्चिन्त:; W T3 Gat
नैश्वियं; X Y ( Y1 missing ) T1.2 G1.4 M1-3 नैश्वियं; M45 शुद्धं ( for निश्चिन्तं ). A3
निजसाध्य; CS निरपेक्ष - ( W 1 Y 3 G2t °क्ष्य ) ; F3.5 सुखसाधु- A2 DF 1.5 X1 Y1, 2, 4–6, 8
W1Y3

TG3-5 M - भैक्षम्; G1om. CS ( Y7 missing ) निद्रा ( for शय्या ). DE5W1 X Y1-4
स्मशाने; E2 स्मसाने.
कान्ति ; Is - समानकारि
[अ]पि (for [अ]थ ).
"मुद; -तमः- ( for
-मद- ). Eo. 2.5 -प्रमाद B योगीश्वरस्. Aot तिष्ठते.
C subst: ब्रह्माण्डो-
दरमन्दिरं सुविपुलं भक्तिश्व गुर्वी शिवे योगाभ्यासर तिर्महोत्सवसुखं त्रैलोक्यराज्येन किम् ।
On the other hand, S subst. for : स्वातन्त्र्येण निरङ्कुशं विहरणं स्वान्तं प्रशान्तं सदा
स्थैर्य योगमहोत्सवेऽपि च यदि त्रैलोक्यराज्येन किम् । [ - ० ) W 1 Y2. 3 स्वातश्रेण. Wa
विरहणं. W शान्तं ( for स्वान्तं ). M3 यदा. a ) G1 M धैर्य ( for स्थैर्य). G+t.v.
'महोत्सवेन; G स्सवेपु; M+ °त्सवे च. X च यता; Ms. 5 यदिदं ( for च यदि ).
 
B
 
F3
 
4 ) B - तमाः; E3 ( E3c also as in text )
 
For ca
 
cd
 
d
 
ed
 
BIS. 1956 (757, follow S reading in od ) Bhartr. ed. Bohl. 3. 92. Haeb 85.
lith ed. I. 88. Galan 86. Prasangabh 9; SRB. p. 371.111.
 
c
 
235 { V } Om in A Fs Jodhpurl NS1.2 and BU. Extra in most E.
a) X भूते (for भूत्वा ). E3. 4 Hit. 2 G1.4 क्षणमपि च; F1.3 क्षणमथ (for क्षणमपि ).
सदा ( for युवा ). Ys -निरतः ( for रसिकः). 0 ) J1 W1.2 बली • W2 -पण्डित-: M4
मुण्डित- ( for -मण्डित- ). – 4 ) F1 मरः (fcr नरः ). F2 संसारोके;
a ) F1 मरः (fcr नरः ). F2 संसारोके; F½ ( m.v. as in text)
-संसारेके; Jzc. 2 3 8 ( except Y3
 
I
 
d
 
G2. 3) संसारान्ते. P2 विशसि; H2 दिशति; G2. 8 निविशति.