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भर्तृहरिसुभाषितसंग्रहे
 
अये गौरीनाथ त्रिपुरहर शंभो त्रिनयन
 
प्रसीदेति क्रोशन् निमिषमिव नेष्यामि दिवसान् ॥ २२७ ॥
कर्मायत्तं फलं पुंसां बुद्धिः कर्मानुसारिणी ।
तथापि सुधिया भाव्यं सुविचार्यैव कुर्वता ॥ २२८ ॥
कशू चुम्बति कुलपुरुषो वेश्याधरपल्लवं मनोज्ञमपि ।
चारभटचौरचेटकनटविटनिष्ठीवनशरावम् ॥ २२९ ॥
कान्ताकटाक्षविशिखा न खनन्ति यस्य
चित्तं न निर्दहति कोपकृशानुतापः ।
 
BIS. 1525 ( 594 ) Bhartr ed. Bohl. 3. 87. Haeb 82. lith ed. I. 85. Galan 81,
Sahityadarpana 93; Kuvalayananda 189; SRB. p. 369. 59; SDK. 5. 60. 4 (p. 317;
Viśveśvara ) ; SRK. p. 297 98 (Bh. ) ; SK 7 21; SSD 4. f.30a.
 
.
 
228
BORI 326.
 
सुविचार्य च.
 
BIS. 1568 ( 611 ) Bhartr ed. Bohl. extra 9. Hael) 2. 60. lith ed. I. 88.
Galan 90. Vrddhacāņ. 13. 18; SRB p. 161. 375; 8A. 15. 8 (धर्मायत्तं ); SN. 749 ;
SSV. 367; SKG. f. 4a.
 
N } om. in X Y T GM ( but in Y3 and Tanjore 4916 N X - 11 ) and
a) D बलं (for फलं). – ' ) C सुधियां; Ji सुधियो. – ( ) 132
d) B2
C सीदति; Jit कुर्वतः (for कुर्वता).
 
BAB
 
सुविचार्येव; J
 
229* {Ś} Om. in M1, Adyar XXVIII-M-56 and XXII-B10. – 2 ) Bat सत्;
 
a.
 
4) Hst वैश्याघर. Jit मनोज्ञा च; Jat मनोज्ञेति; J2c Y1.8
 
J खल- ( for कुल-).
'ज्ञमिति.
 
e ) Ys M3 जार-; G०
G3 रांज- ( for चार ). A2 Eat Jit भट्ट; Ys -विट- (for
 
w
 
-
 
-भट - ). D Ei ( t. by corr. ) . 3. 4F1-1 Hit. 2. 3 J W1 X Y T GM चोर ; Wat. 3t -केर-;
W+ -कीर - (for चौर-). J 1 खेटक - [.J1 0om. खेटक - हरिगेय हिडिदवनु ]; G1 X 1 M 2. 4 - चेट-
( for चेटक ).
 
wi
 
•*ष्ठीवन - ; I + JI
( for -निष्ठीवन - ).
 
› ) C_Y2°−4_T G35 M2 विटनट; Eat -नटभट (for -नटविट-). C
-निष्ठीव; W 1 -विनिष्ठीवन ; X1 -निष्ठीमन - ; X 2 -नष्टीचमन-; Y1A -विष्ठीवन-
-
C -सराग; Ji -शरावेवं; J2 -शरावेदं.
 
BIS. 1593 (620) Bhartṛ. ed. Bohl. lith, ed. III. 1. 91. Haeb. 94. lith. ed.
II. 48. Subhāsh. 294; 8M. 1431; SN. 282; SSV. 1416; JS. 413; SLP. 4. 91 ( Bh. ) .
 
-
 
230 * {N } Om. in Y3; belongs to no paddhati, and apparently a later
addition in W. a ) C लुनर्ति; D F2 3 Y2. 4 - 8 T G2 - 6 M4 लुनन्ति; Fs W दहन्ति;
Jलुयन्ति; G1 M1.25 दळन्ति ( for खनन्ति ). M + नुदकंति ( for न खनन्ति ). by
X काम ; T3 चोप- ( for कोप-).
J1.3 X1 - कृशानुतापाः.
 
D -दृशानुतापः;
 
Eat -
-कृतः कृशानु:;
 
E2c Fs - कृतानुताप:;
९) Hst वर्षन्ति; Yo Ti ( c. v. as in text ) तर्षन्ति; T3 कुर्वन्ति;
C F2 X Y1 (t.v. as in text )
पाशाल. a) C लोके यो;
 
G1 M1 - 3 नह्यन्ति ( for कर्षन्ति ). 13 भूमि - ( for भूरि- ).
 
G1 M1 - 3 - विषयांश्च.
 
H3c J2 W G + लोभपाशैर; 's Mt.
 
;
 
X 1 लोकत्र ये; Y: एतत्रयं J3 Xt जगति ( for जयति ). I कृष्णमिदं. B2 G1 हि धीरः; J1.3
शरीरं;
 
X1 स धीराः (for स धीरः).
 
.