This page has been fully proofread once and needs a second look.

संशयितश्लोकाः ।
 
दुर्वारस्मरबाणपन्नगविषव्यासङ्गमुग्धो जनः
 

शेषः कामविडम्बितो हि विषयान् भोक्तुं न मोक्तुं क्षमः ॥२२॥
 
८९
 

 
एतत् कामफलं लोके यद् द्वयोरेकचित्तता ।

अन्यचित्तकृते कामे शवयोरिव संगमः ॥ २२५ ॥

 
कदर्थितस्यापि हि धैर्यवृत्तेर्न शक्यते धैर्यगुणः प्रमार्ष्टुम् ।
 

अधोमुखस्यापि कृतस्य वह्नेर्नाधः शिखा याति कदाचिदेव ॥ २२६ ॥

 
कदा वाराणस्याममरतटिनीरोधसि वसन्
 

वसानः कौपीनं शिरसि निधानोऽञ्जलिपुटम् ।
 
( for जिनो वि - ). F1 - वनिता ( for - ललना- ). (( 4 संगोम्ति; M+5 संगोपि ( for -सङ्गो न).
D यस्यात्परः; F2 यस्मात्पुरः ; F+ J1.2t G1 - 3 यस्यापर; J20 Y7 Ms यस्याः परः (Ms "रं); Y1
तस्यापरः; G+ M+5 यः सोपर: ( for यस्मात्परः ). F3 Ic Jit नीरागो जि ( Jitज ) न एक एव भुवने
(Jit जननो)
- बाणपन्नग - ).
Bo.1.6 F2 - व्यासक्ति; Y2.3. TG1. 4 M3.5 व्याविद्ध-
( for व्यासङ्ग - ). A E1.5 Y -मूढो; Fs. it. v. -दग्धो; Ji -दग्धा; X - मध्यो; (G1 M3 - बोधो;
-
G2 मूर्ती; G3.5 मुग्धो ). F3 Jat जनाः; Get जिनः .
 
c ) Fs - पन्नगाधिक; I -घस्मरोरग ( for
 
संगो न यस्या ( F3 स्मात् ) पर:.
AFX -व्यासक्त;
 
- मुक्तो ( for
 
d ) F5 Jat शेषा:; Ys
 
कान्ता - ( for शेष:). B1 स्त्रीपु ( for काम ). 13 - विजंबितो; B1-विमोहितो; E3. 4 विटंबितो;
F3.0 X -विडंबिनो; Y1.4–6. 3 T G_M1-3 -विडंबितानू; M1.5 विडंबनान्. DJ1 X Y2.7
[5]पि ; E2 [.s]खि; I J2 Y1.8–6. 4 T GM न ( for हि ). J1 भोक्तुं विमुक्तं ; X M. त्यक्तुं न
भोक्तुं; Y1 मोक्तुं न भोकुं. Fs J12t G+ क्षमाः
 
BIS. 1436 ( 3842 ) Bhartr. lith ed. II. 1. 77. Schiefner and Weber P. 22.
Subhāsh. 142; SM. 1463; SN. 413; SSD. 4. f. 8a; SSV. 1446; SLP. 5. 13 ( Bh. ).
225 {$ } Collated E F W [ Also BU Ś49; Punjab 2885 538 ; NS3 $103
(104, extra)]. – 6) Eo (gloss ) 3. 4t स्त्रीपुंसोर् (for यहूयोर् ). c. 4 ) 31 संगमे ( for
संगमः ).
 
cl
 
E3. अन्योन्यरागरहितः संगमः शवयोरिव
 
BIS 1444 ( 567 ) Bhartr ed. Bohl. lith ed. III. 1. 29.
 

 
226 * { N } Found in all versions; but belongs to no paddhati and
apparently a later addition in W. – ¬) Eo W ह; T2 च; T3 न ( for हि ). D
धैर्यवृत्तैर; Y3 M+ : वृत्ते – 4 ) A3 B ( B2 orig. ) Eat.st Fs I X Y 1.3 G1-3_M1-1
धैर्यगुणं; C धैर्यगुणान्; J1 धैर्यगुण-; J2.3 सत्त्वगुणान् – ० ) Y1 तन्नपातो; Y2 हुताशनस्य;
G4 कृशम्य वह्ने: X अधः कृतस्यापि तनूनपातो.
" ) J3 om. न. Be CDEF1 - 3 I J X
Y1.6.7 T G1 – 3.6 M यांति. B Eo. 1.5 I कथंचिदेव.
 
BIS. 1519 (591 ) Bhartr ed. Bohl. 2. 75. Haeb. 12. lith ed. I. 104, II. 106.
Galan 107. Paic. ed. Orn. I. 62. Hit. ed. Sehl. II. 66. ed. Johns. 67; Śp. 227
(Bh.); SRB. p. 77. 8 (Bh., Bhadanta Aśvaghoșa etc.); SBH. 528 (Aśvaghoșa),
316 (anon.) ; SRH 101. 7 ( Pañc. ) ; SRK. p. 51. 4 (Śp.); Tantrākhyāyikā and
Edgerton I. 31; Garudamahapurana 110. 16; SHV. f. 47a. 343; SK. 2. 88; SU.
1448; SSD. 2. f. 996; SSV. 389; JSV. 173. 1.
 
227 {V } Found only in S ( Yr-missing ) [ Also Punjab 2885 V86 ( 87 ) ].
Ms 'नीतीर निवसन्.
 
a
 
4) Wic. 20.3 G1 विदधानो; M3
 
a ) G5 मरतक- ( for अमर- ).
विनिधाय. – C ) Gst त्रिणयन. -
 
) W X Y 3. 3 T10 [भा ] क्रोशन्.
 
भ. सु. १२