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संशयितश्लोकाः ।
गतो मोहोऽस्माकं स्मरशबरबाणव्यतिकर-
ज्वरज्वाला शान्ता तदपि न वराकी विरमति ॥ २१८ ॥
उदन्वच्छन्ना भूः स च निधिरपां योजनशतं
सदा पान्थः पूषा गगनपरिमाणं कलयति ।
इति प्रायो भावाः स्फुरदवधिमुद्रामुकुलिताः
सतां प्रज्ञोन्मेषः पुनरयमसीमा विजयते ॥ २१९ ॥
एकेनापि हि शूरेण पादाक्रान्तं महीतलम् ।
क्रियते भास्करेणैव स्फारस्फुरिततेजसा ॥ २२० ॥
एके सत्पुरुषाः परार्थघटकाः स्वार्थ परित्यज्य ये
सामान्यास् तु परार्थमुद्यमभृतः स्वार्थाविरोधेन ये ।
c)
X किमभिप्रेत ( X ° त्य) मनसा (X1 या ) ; J3.3 किमभिप्रेति मनसा; F1 सहसाह्लादनपरा.
D (S) गतोस्माकं मोह: ; ( 4 गते मोहेस्माकं. BD ( V ) EF1 स्मरकुसुम; स्मरविशिख-;
C
. 4 ) A1 ( orig. ) D F1
D (S) स्मरनिशित; IFi (V) चलकुसुम- (but m.v. as in text).
W2.3 Y3 G3 M -ज्वलज्वाला; 1. Y1 ज्वरज्वाला.
Fs W X 2 Y1 शांतात्. Jit G+ च
( for न). G+ न पारे; Ms पताकी; 1 + वरागी; Ms वियोगी ( for वराकी). G+ विरमते.
BIS.
75; SDK
1130. ( 429 ) Bhartr. ed. Bohl. lith ed. IIT. 1. 94. Hacb. 97. Satakāv.
5.03. 2 ( p. 319, Jnanaśiva) ; JSV. 304. 13.
219 {N } Collated B C EFH [ Also found in BORI 326 N18; BORI 329,
N17 ; Punjab 2101 N17 ( 18 ); Jodhpur 1.3 N17 ; Punjab 697 N17 ; NS1 N17
(18); NS2 N16; NS3 N19; GVS 2387 N18].
a) C तदन्तच्छन्ना; E2 B2 उदन्व-
C
च्छिन्ना; P1 उदञ्चन्ना ( for उदन्वच्छन्ना ) II
F1
शतैः (for शतं ). — 0 ) Eat परिणामं; Es
परमाणं. - ") C° दवनिमुद्रामुकुलितः - ( ) CEo-23 FiHit (orig.). 2.st प्राज्ञोन्मेषः (C°वैः).
25
-
-
●
BIS. 1229 (461 ) Bhartr. ed. Bohl. 3. 20. Haeb. 2. 17. Satakiv. 79. Subhāsh.
305 ; SRB. p. 51. 233 ( Rajaseklhara ); SBIH. 322 (Rajasekhara); SDK 5 25 3
( p. 295, Rajasekhara ) ; Sahityadarpaņa 7; AMD. 310; Balarānāyana 1. 8;
Hemacandra's Kāvyānuśāsana 3 ( KM. 71, p. 151 ) ; JSV. 109. 1.
W2-4
13
220 { N } Om. in X YT GM. Generally found in N and W MSS. a)
J 3 न (for हि ). A2 FE1. 30 सूरेण. – 4 ) CF% 112 J2 पदाक्रांतं; E3 J3 पादाक्रांता. BC E2tFi
Hic. 3c J1 क्षमातलं; F+ रसातलं. " ) A E3 F1 क्रियंते. B2 C Ee F2 - 4 H1c. 30 W2-4
भास्करेणेव; W 1 भास्करस्येव. 4 ) Eo.1.20.5 स्फुटं; Eat J 1.2 स्फुरत्; J3 स्फुर-;
फरः (for स्फार-). Eo Ws स्फुरति; J1.3 -स्फारित - ; J2 स्फूरित-; W 2. 4 स्फूरति
W2-3 तेजसि. A स्फार ( 1:रं ) स्फारितलोचनाः.
1 तेजसां;
(
BIS. 1419 ( 552 ) Bhartr. ed. Bohl. Extra 12.
II. 108 ; SRB p. 78. 1; SRK. p. 51. 3 (ST
CAM
″
) ; SSV.
Hael) 2. 85 lith
1656.
ed. I. 106,
221 {N } Om. in X
J
W 2 ये ते; W 1 ये के ( for एके ). 1) 12.5 Y1.24 - 8T1 2 G ( (G20) M स्वार्थान्. A3 BiEo st
Ya W 1 ते ; Jat रे ( for ये ). – ') Y3 Gat परार्थ उद्यम 13 स्वार्थाव; J स्वार्थानि; M.3
a ) I}2 E F G H J 1 3 W3. + Y2-4 T GM एते ; F3 Ja
•
गतो मोहोऽस्माकं स्मरशबरबाणव्यतिकर-
ज्वरज्वाला शान्ता तदपि न वराकी विरमति ॥ २१८ ॥
उदन्वच्छन्ना भूः स च निधिरपां योजनशतं
सदा पान्थः पूषा गगनपरिमाणं कलयति ।
इति प्रायो भावाः स्फुरदवधिमुद्रामुकुलिताः
सतां प्रज्ञोन्मेषः पुनरयमसीमा विजयते ॥ २१९ ॥
एकेनापि हि शूरेण पादाक्रान्तं महीतलम् ।
क्रियते भास्करेणैव स्फारस्फुरिततेजसा ॥ २२० ॥
एके सत्पुरुषाः परार्थघटकाः स्वार्थ परित्यज्य ये
सामान्यास् तु परार्थमुद्यमभृतः स्वार्थाविरोधेन ये ।
c)
X किमभिप्रेत ( X ° त्य) मनसा (X1 या ) ; J3.3 किमभिप्रेति मनसा; F1 सहसाह्लादनपरा.
D (S) गतोस्माकं मोह: ; ( 4 गते मोहेस्माकं. BD ( V ) EF1 स्मरकुसुम; स्मरविशिख-;
C
. 4 ) A1 ( orig. ) D F1
D (S) स्मरनिशित; IFi (V) चलकुसुम- (but m.v. as in text).
W2.3 Y3 G3 M -ज्वलज्वाला; 1. Y1 ज्वरज्वाला.
Fs W X 2 Y1 शांतात्. Jit G+ च
( for न). G+ न पारे; Ms पताकी; 1 + वरागी; Ms वियोगी ( for वराकी). G+ विरमते.
BIS.
75; SDK
1130. ( 429 ) Bhartr. ed. Bohl. lith ed. IIT. 1. 94. Hacb. 97. Satakāv.
5.03. 2 ( p. 319, Jnanaśiva) ; JSV. 304. 13.
219 {N } Collated B C EFH [ Also found in BORI 326 N18; BORI 329,
N17 ; Punjab 2101 N17 ( 18 ); Jodhpur 1.3 N17 ; Punjab 697 N17 ; NS1 N17
(18); NS2 N16; NS3 N19; GVS 2387 N18].
a) C तदन्तच्छन्ना; E2 B2 उदन्व-
C
च्छिन्ना; P1 उदञ्चन्ना ( for उदन्वच्छन्ना ) II
F1
शतैः (for शतं ). — 0 ) Eat परिणामं; Es
परमाणं. - ") C° दवनिमुद्रामुकुलितः - ( ) CEo-23 FiHit (orig.). 2.st प्राज्ञोन्मेषः (C°वैः).
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BIS. 1229 (461 ) Bhartr. ed. Bohl. 3. 20. Haeb. 2. 17. Satakiv. 79. Subhāsh.
305 ; SRB. p. 51. 233 ( Rajaseklhara ); SBIH. 322 (Rajasekhara); SDK 5 25 3
( p. 295, Rajasekhara ) ; Sahityadarpaņa 7; AMD. 310; Balarānāyana 1. 8;
Hemacandra's Kāvyānuśāsana 3 ( KM. 71, p. 151 ) ; JSV. 109. 1.
W2-4
13
220 { N } Om. in X YT GM. Generally found in N and W MSS. a)
J 3 न (for हि ). A2 FE1. 30 सूरेण. – 4 ) CF% 112 J2 पदाक्रांतं; E3 J3 पादाक्रांता. BC E2tFi
Hic. 3c J1 क्षमातलं; F+ रसातलं. " ) A E3 F1 क्रियंते. B2 C Ee F2 - 4 H1c. 30 W2-4
भास्करेणेव; W 1 भास्करस्येव. 4 ) Eo.1.20.5 स्फुटं; Eat J 1.2 स्फुरत्; J3 स्फुर-;
फरः (for स्फार-). Eo Ws स्फुरति; J1.3 -स्फारित - ; J2 स्फूरित-; W 2. 4 स्फूरति
W2-3 तेजसि. A स्फार ( 1:रं ) स्फारितलोचनाः.
1 तेजसां;
(
BIS. 1419 ( 552 ) Bhartr. ed. Bohl. Extra 12.
II. 108 ; SRB p. 78. 1; SRK. p. 51. 3 (ST
CAM
″
) ; SSV.
Hael) 2. 85 lith
1656.
ed. I. 106,
221 {N } Om. in X
J
W 2 ये ते; W 1 ये के ( for एके ). 1) 12.5 Y1.24 - 8T1 2 G ( (G20) M स्वार्थान्. A3 BiEo st
Ya W 1 ते ; Jat रे ( for ये ). – ') Y3 Gat परार्थ उद्यम 13 स्वार्थाव; J स्वार्थानि; M.3
a ) I}2 E F G H J 1 3 W3. + Y2-4 T GM एते ; F3 Ja
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