This page has not been fully proofread.

भर्तृहरिसुभाषितसंग्रहे
 
पुष्पैर्मूलफलैः प्रिये प्रणयिनि प्रीतिं कुरुष्वाधुना
भूशय्या नववल्कलैरकरुणैरुत्तिष्ठ यामो वनम् ।
क्षुद्राणामविवेकमूढमनसां यत्रेश्वराणां सदा
वित्तव्याधिविवेकविह्वलगिरां नामापि न श्रूयते ॥ १८१ ॥
मोहं मार्जय तामुपार्जय रतिं चन्द्रार्धचूडामणौ
चेतः स्वर्गतरङ्गिणीतटभुवामासङ्गमङ्गीकुरु ।
 
७२
 
We Y3 मतिं (for गतिं ). – ( ) 12 भूयो मा; W2. 3 मा भूया. F3 I Ys भव-;
भज ).
 
Ts भुज- ( for
Fs - भंगुरीं. F1 भवगतिं; Jo भररतिं; Y1 धवरतिं; Ys भज रतिं. J3 प्रसिद्धाधुना.
BIS. 1450 (571) Bhartr. ed. Bohl. and lith. ed. III, 3. 61. Haeb. 62. Galan.
58. lith ed. II. 55; SRK. p. 92.11 ( BL. ) ; SSD. 4. f. 30b.
 
181* Om. in BORI 329. Punjab 2101, V extra 2. 6.
 
a ) B C Eo. 2. 5 Fa
II J W X Y T G2–5 M3 पुण्यैर् ; Est पुप्फैर्; Dit पुर; M 4.5 पुण्या. [ ट्वै and ण्यै are
C प्रियां; 13.35 H G1 M1 - 3
G2.1M. प्रिय; Y+5T1G5
तथा; Y1 प्रियः; T2. 3 तदा ( for प्रिये ). B1CF5HJS ( except X 1 ) प्रणयिनीं; B2 D
प्रणयिनी; 12 फलयिनीं. Biatv. C D F 2.3.6 H J S ( except Wt) वृत्तिं ( for प्रीतिं).
 
virtually indistinguishable in Devanagari MSS.).
प्रियैः; J1 प्रिया; J2 3 W X 1 ( printed text ). 2.3.6.8 Te.v.
 
.
 
;
 
b) भूप्राय्या; 13 भूयः शय्या; W Y T G2 - 5 M1 - 3 भूशय्यां B Hic. 30 तरुवल्कलैर्; C
D F1.2.1.6 Hit. 2.3t तृणवल्कलैर्; 3 Ie वनवल्कलैर; Wit Yi (printed text ) वनपल्लवैर;
7 W1c.2–4_X_Y1B, 2–6,78 TG+5 M45 नवपल्लवैर्; Q1 M1-3 तृणपलवैर् A अतरुणैर्; Ba
 
;
 
E
 
Y3 तत्तिष्ठ.
 
M
 
m.v. D F2.3.6_J S ( execpt Wt) अकृपणैर्; अपमलैर्; E अकरणैर् [Ecom. अकरणैः
= करणक्रियारहितै:.]
Yo. 8 T1.2 G5 यात्रो [T1 com. यामो वनम् इति न
साधीयान्पा: ] CD Y1 वयं ( for वनम् ). – ° ) X 1.6 - गूढ़ - ( for -मूढ- ). Y०. ० वित्तेश्वराणां.
Y
ID तथा ( for सदा ). – 4) In most Devanagari Mss. the reading may be चित्तव्याधि
[10.1 com. चित्तचिंता]. All MSS. except A E25 ( and Ec ) F2 W read -विकार-
( for - विवेक - ). It Wt - व्याकुल- ( for -विह्वल ). C D F2 Y2 - धियां ( for -गिरां).
11 नो श्रूयते.
 
a)
 
BIS. 4103 (4544) Bhartṛ, ed. Bohl. 3. 27. Haeb, and Galan 24. lith. ed. I
and III. 25, II. 56. Satakāv. 98; SRB. p. 370 83; SRK. p. 78. 5 ( Sphutaśloka) ;
 
SSD. 2. f. 138a.
 
de d
 
182* Om. in BORI 329. Punjab 2101, Vextra 2. 7. a ) E com. मोहं
मार्जयताम्. F1 तत्त्वतः कुरु; W Get तामुपाश्रय (for तामुपार्जय). Do.3 It चंद्रार्क; Ja
चंद्रोर्ध. - 0) A Lo -तटभुजाम्; J3 तटभवाम् (संसर्गम् ; Y: आसंसम् (for आसङ्गम् ).
") A एको वीचिपु; G1 M+ को वीचीपु च; Gat.v. को वा विद्विषु. Fs बुद्धिदेषु (for
बहुदेषु ). Eot F1.2 J3 M1 तटिल्लेखासु च स्त्रीषु च; J1.2 W1 Y3-4 T1. 2 G4 5 M3 तडि -
( J2 Y2.7 G+ M3 °टि) ल्लेखासु च श्रीषु च; X तडिल्लेखासु वल्लीषु च; Y2 तटिल्लेखासु योषित्सु
च; G1 M2 तटिल्लोला ( M2 तडिल्लेखा ) मतल्लीषु च; Get तटिल्लोलासु च श्रीषु च; G3 M45
तटि ( 3 °डि ) द्वल्लीषु च श्रीषु च ( Mom. first च ) . - ( ) A2 D ज्वालायेपु; T3 ज्वालाशेपु.
X Y1 सरीसृपेषु ( for च पन्नगेषु ). Yo T G5 सुहृद् ( for सरिद् ). CF6 - दुर्गेषु; F1.4
-भंगेषु; I J W1.2 Y 4-6 8 T G1 45 M 1 3 वर्गेषु ; X Y1Gst पूरेषु; M45-
पूगेषु (for
चेगेषु ). A Eoat (orig. ) and Ec नः; D E3-6 H23 X कः ( for the last घ).