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वैराग्यश्लोकाः ।
 
पुण्ये ग्रामे वने वा महति सितपटच्छन्नपालीं कपालीम्
 
आदाय न्यायगर्भद्विजहुतहुतभुग्धूमधूम्रोपकण्ठम् ।
द्वारं द्वारं प्रवृत्तो वरमुदरदरीपूरणाय क्षुधार्तो
 
मानी प्राणी स धन्यो न पुनरनुदिनं तुल्यकुल्येषु दीनः ॥१७९ ॥
विरमेन्द्रियार्थगहनादायासकादाश्रयाच्
छ्रेयोमार्गमशेषदुःखशमनव्यापारदक्षं क्षणात् ।
शान्तं भावमुपैहि संत्यज निजां कल्लोललोलां गतिं
 
एतस्मादू
 
मा भूयो भज भङ्गुरां भवरतिं चेतः प्रसीदाधुना ॥ १८० ॥
 
BIS. 4633 (2072) Bhartr ed. Bohl. 3. 36. Haeb and Galan 32. lith ed. I.
and III. 33, II. 52. Satakav, 99; SRE. p. 373. 186; SIRK. p. 93.5 ( Sphutaśloka);
SSD 4 f 18a.
 
.
 
७१
 
Cont
 
A
 
179* Om. in BORI 320 and Punjab 2101. a ) J1 W1.20.30, + X 2 Y 2
पुण्यप्रामे; M+ पूर्णे ग्रामे X 2 पुरे ( for वने ). " : वहति ( for महति ). F2 शत; JX T3
F2
शित - ( for सित- ). BI125 I W2. 3 X M5 छन्नपाली; Eot -च्छिन्नपाली-;
E2. 10 - छिन्नपालीं;
J_Y1. 2. ±−4 'T G2. 6 छन्नपालिं; W+ छत्रपाली; G+ छन्नमौलिं (for -छन्नपालीं). Y4–6.4 T1
कपालिं. 1 ) J3 आघाय; Y+ - 6.8 11 ह्यादाय A ज्ञानगर्भ; ]) न्यायगभ्रं; Es F3 J2.3 W
न्यायगर्भ; F2 न्यायवर्म; Hit. 2. 3t ज्ञानगर्भ-; Y1 न्यायगत्या; Y3 न्यायगर्भा; G1 M 1-3 [आ]म्नाय
गर्भ- E3. + (and Ec) -भूम-; W+ धूम्र ; X 1 धाम - ( for धूम-) [E com. भूम-प्रचुर. ]
F1 -पूत - ( for धूम्र ). Esta [उ ] पतं; X Y0. 4 T G1. ± 5 M1 3 [ उ ] पकंठे. - ) B प्रनृत्यन्;
CJ प्रयातो; W X1 Y 1, 2, 4 – 8 T GM प्रविष्टो (M3 °ट : ); X 2 प्रतिष्टो ( for प्रवृत्तो ). (01 M3, 4
-परम् ( for वरम् ). A BIF 2 J प्रवृत्तो ( for क्षुधार्तो). – 2 ) Y1. 4 - 4 T G5 प्राणैः ( for प्राणी).
2
C वराकी; Esc सुधन्यो; F 2. 3. 6 JS ( except Y3) सनाथो ( for स धन्यो ).
न). E2 पुनरिदं; s पुनरमुदिते; Is पुनरनुदितं; (GM6 वरमनुदिनं. W
तूलतुल्येषु. F2 दीनाः; Y8 लीनः.
 
d
 
W1. 2. 4 च (for
* *तुल्येषु; X2
 
BIS. 4102 (1785) Bhartṛ. ed. Bohl. 3. 24. Hacb. and Galan 21. lith. ed. I.
and III. 22, II. 53. Satakāv. 97; Śp. 254 (BL.) ; SRB p. 81.47 (Bh.) ; SRH. 102.
20 ; SRK. p. 47. 2 (Śp.) ;Kşemendra's Aucityavicaracarcă (KM. 1, p. 149, Dipaka);
SHV. f 71 778 ( Bh. ), 870 74; SSD 2 f 139).
(a ) M2.3 एकस्माद्
 
180* Om. in BORI 329, Punjab 2101 and BU. 114/7.
(Bat.v. as in text ) CF1.45 H I J1.3 W Y1. ±−8 T1.3 G1-35 M1.3-5 आयासका ( Ma
'कौ) दाश्रय (F+ 'यं; H3t Y7 °यः; Js `यन्; G1 °ये); D भायासकष्टाश्रयाच्; 12 आयासकाद्धंति नः;
Fः भायासकालाश्रयाच्; X आयासभोगाश्रयाच; Y३ आयासखेदाश्रयाच्; T2 आयासकादायस. Y3
छ्रणेमार्गम् ; X1 छ्रेयोदुर्गम्. Jit.2t Mo - विशेष - ; X 4.5 G1 - 3 M1 - 1 अनेक - ( for अशेष ). B1
Ya -दुःखशमनं; B2 H₁ I
-दुःखसमन; B2t.v. दुष्टदमनं; C-दुःखद्हन-;
F1 - दुःखसहन - ; T2
Y. 6 व्यापात - B1 दु:* ; B2 ( t.v, as in text ) दुर्गे; F+Y Wit-दक्ष-; J1
-दक्ष: ( for - दक्षं). I's क्षणं. 2) A शीतं ; B शांत्या; C स्वास्थ्यं ; F2. 6. 5 J W1c. 20 X
Y TG3-6 M1, 3 – 6 स्वात्मी- ( Y1 °त्मा - ) ; + शांती-; IF'+m.v. शांत्यै; I Wat.2.3.4 G1 Mg
स्वामी; Gat सात्मी-
तावद् ( for भावम् ). F25 H X 2 T : G1 उपेहि J
संतत- ( for संत्यज ). A3 निशां (for निजां), 40 लोलिं; X1 लीलां (for 'लोलां ). DFa
 
-दुःखमशन-
M +
 
( for शान्तं ).