This page has been fully proofread once and needs a second look.

वैराग्यश्लोकाः ।
विजानन्तोऽप्येते वयमिह विपज्जालजटिलान्
 

न मुञ्चामः कामानह ह गहनो मोहमहिमा ॥ १६० ॥

 
फलमलमशनाय खास्वादु पानाय तोयं
 

शयनमवनिपृष्ठं वल्कले वाससी च ।
 

लवधनमधुपानभ्रान्तसर्वेन्द्रियाणाम्

अविनयमनुमन्तुं नोत्सहे दुर्जनानाम् ॥ १६१ ॥
 

 
विपुलहृदयैर्धन्यैः कैश्चिज् जगज् जनितं पुरा

विधृतमपरैर्दत्तं चान्यैर्विजित्य तृणं यथा ।
 
६३
 
ज्ञानाद्;
 
(second m.v.) 'दहनं. - 4 ) G2. 3 न ( for स ). C विज्ञानाद्; Eot.st [s] पि E3
[s] पज्ञानाद्; Fam.v. [5]पि ज्ञात्वा Ao. 1 D H I Y: बिडिशयुतम्; B बिडिशगतम्; F4
 
M. 3 बलिशत ( Fat.v. वृत ) म्; Y7 भडिशयुतम्; G1 M1.3 बळिशगतम्; M3 बळिशयुतम्.
A3C D E3t. 4t F2. 3. 5 J We X Y1 M1. 2. ± 5 अश्नाति; Wt अनंति. ° ) F 2 [ 5 ] [प्यंते; W
येते. Js वयमिव. F3 विषज्जाल. A X Y1 जटिला; W -पटलान्; Ts जटिलो.
 

 
BIS. 100 (36) Bhartr. ed. Bohl. 3. 19. Haeb. and Galan 17. lith. ed. I. 18;
II. 20; 8p. 4156 ( Bh. ) ; SRB. 374 214 ( Bh. ) ; SKM. 131.73 (Gobhatta) ; SRK.
p. 295. 12; Santis. 1. 8; SU. 1034 ( Bilbana); SM. 1445; SN. 407; PMT. 289 (Bh.),
SSD. 4. f. 7b; SAV. 1430.
 
161 Om. in BU. 114 / 7. 2 ) ID E3. st विषमलम्; Eo. 2.50 विशमलम्; E1
विसमलम्; Ec बिशमलम्; J3 वनफलम्;
Y3 फळमुळम्;
G1 M2 सिलमलम्. Y: [अ]लं च
( for स्वादु ). A8 पानाय वारि; J1 पानीयतोयं. ′ ) B C D Et F2 -- 5 I J W X Y1 - 8
G1 - 3.6 M1 - 8 शयनमवनिपृष्ठे; Y7.8 T G+M.5 क्षितिरपि ( Y 7 'धर-) शयनार्थं (M.5 थी ).
 
B C D E4. 4 F I J W Y1 – 1 G1 -3 M वाससी वल्कले; E० वाससे वल्कली; Y8 TG4. 5 वाससे
 
B
 
-
 
" ) A निधुवन-; B E F3 H I J
 
वल्कलं. Hit नुः H1c. 30 ननु ( ? ) ; H2. 3t तु ( for च ).
W1t Xt Y1.1 - 8 T G2 - 5 M1 नवधन ; CF145W1c. 30.4 Y3 धनलव; D Xc धनमद; Fa
नघतल; Y2 धननव; G1 M2. 3 परधन; M1 वरधन - ( for लवधन- found only in W2.3t.4t).
Est -मधुपानां; Ese ( also as in text ) W Y2 मधुपानं. A -श्रांत-; Eot भ्राति-; Wi-भ्रमि-;
Y8 -क्रांत; Gst - भ्राम्य ( for भ्रान्त-).
अनुनयम्; Gst अपि नयम्.
अनुगंतुं; Yic.v. G1 अभिनेतुं; G1 अभिमंतुं
 
g
 
. ") C सविनयम्; X Y1 ( c.v. as in text )
 
C उपसर्तु; F2 अपनेतुं ; J1 अनुमंत्रं ; J: अनुमत्ये; W अनुमर्तु; X
 
D [s ] पंडितानां (for दुर्जनानाम्).
 
BIS. 4372 (1934 ) Bhartr ed. Bohl. and Haeb. 3. 55. lith ed. I. 46, II. 21.
Galan 51; SSD. 4. f. 9.
 
162 Om. in D; BORI 328. V1 (hence probably a later addition ). a) F's
-मतिभिः (for-हृदयैर् ). F5 कैरप्येतज्; J अन्यैरेतज्; IV Y: M3 ईशै: ( IV + 'शा: ) कैचिज्
Ya Gat धन्यैः कश्विज; Y 4-6 धन्यैरेतज्; Y7 TG3.1 ईशैरेतज्; Mi: एकैरेज् (for धन्यैः
कैश्चिज्). Ms जयितुं ( for जनितं ). – 3 ) J3 विवृतम् ; Y2 G2t विजितम् (for विटतम् ). Ja
चान्ये; G5 यान्यैर् (for चान्यैर् ). Y: विचिंत्य Aot Eot तृणां; Est It X2 M4. 5 नृणां (for
तृणं). Wat. + पुरा ( for यथा). ● ) Y1 इह च; Yr इति हि;
Y 7 इति हि; T : अह हि; Gat
इह वा. F1
भुवनानन्ये; J1 भुवनान्येव J नृपाश; X Y 18 वीराश. - 4 ) It कति कति ( for कतिपय-).
Ko. 6 -पुर:- ; It - पुरं. G+ -स्वाम्यै: C [s ] प्येषां (for पुंसां ).
W1 मदनज्वर.
 
F1 Wat. 36. 4 क एव; J३ य एष.