This page has been fully proofread once and needs a second look.

भर्तृहरिसुभाषितसंग्रहे
 
जालैः शीकरशीतलाश् च मरुतो रत्यन्तखेदच्छिदो

धन्यानां बत दुर्दिनं सुदिनतां याति त्प्रियासंगमे ॥१४२॥

 
अर्धंघं नीत्वा निशायाः सरभससुरतायाससंश्लेषयोगैः

प्रोद्भूतासह्यतृष्णो मधुमदनिरतो हर्म्यपृष्ठे विविक्ते ।

संभोगक्लान्तकान्ताशिथिलभुजलतावर्जितं कर्करीतो
ज्

न्
योत्स्नाभिन्नाच्छधारं न पिबति सलिलं शारदं मन्दभाग्यः ॥१४३॥

 
हेमन्ते दधिदुग्धसर्पिरशना माञ्जिष्ठवासोभृतः

काश्मीरद्रव सान्द्रदिग्धवपुषः खिन्ना विचित्रै रतैः ।
 
BIS 1067 (405) Bhartṛ. ed. Bohl. and lith. ed. III. 1. 46. Haeb. 49. lith.
ed. II. 96. Śatakāv. 68; SRB. p. 342. 67; SBH. 1784; SU. 863; SLP. 5. 32 (Bh. ).
 
143 Wrongly om. in B:. Y2 folio missing. " ) Jit अर्ध:; W+ अर्धे. DJ1
सुप्ता; Eat F3.4m.v. Hac.v. 1 Ja Y1.3 - 8 T GM सुध्वा ( G3 ) ( for नीत्वा ). D F3
Y7 निशायां; J1 निशाया. Wat शरभस C°ताया *; M3 तावास- (for 'तायास ). C सर्व-
श्लथांगा; F3.4t.v. Hic.v. Y18 - 6.8 T G2 - 3 Ms सन्नलथांग:; F1 Y7G1 M1. 2. 4 -संगलथांग:;
-
Fs W X - खिन्नश्लथांग:; Jit -सन्नलगंधा; J10. 2 -सन्नलगंधी ( J2 °धि ); M3 - संविश्वथांगं ( for
संश्लेषयोगैः). – 6) Cश्लेषोतमथो; DJ1W G1 M1.2 प्रोद्भूतासह्यतृष्णा (Gष्णुर; M1, a
°ष्णं ); Y1 (printed text ) प्रोद्धृत तृष्णो ( in com. प्रोद्धूता - समुत्पन्ना ); Y3 प्रोद्भूतासा
वर्षे; G+ प्रोद्धाताना तृते; M4 प्राग्भूतासन्नतृष्णा Y1G -विरतो; Ms -सरतो ( for -निरतो).
W2t विवेके ( for विविक्ते ). – ९) Y3 सं[स]र्ग- (for संभोग-). Fs - वर्जितां; W1.2. 4 -सर्जित;
-
W3c - तर्जितां;
G+ - वर्धितुं; Ms -विल्लितं (for [आ ] वर्जितं ). B1 शर्कराभं; C ( but lacuna in
C1 ) कः करोति; F1. कर्करीतं; F3 I कर्करांते; Fक (m.v. श ) करांभो; Fs कर्कटीतो;
W2. 4 कंकरांतो; X1 कुर्कुरीतं; X 2 कुर्वरीतं; Y: शार्वरीशो; T8 कर्करीशो; Ms.6 'रीभ्यो ( for
'रीतो). [ Ao. 1 com. कर्करीतः कहतां कोरी गागरी ]. 2 ) C lacuna ; Es याज्योत्सा; Ms.s
ज्योत्स्त्री . C Fs भिन्ना सुधार; D - भिन्नांधकारं; F2 -भिनाष्टधारं; F+ -भिस्वाच्छभारं; Ja
- भिन्नासदार; J2 -भिन्नारसदार; W भिन्नाधरासं; Ys -भिर्नाच्छधारं; Y8 G+ -भिन्नांडधारं;
G4
G1 M 1. 2 च्छायाभिरामं; M4 -भिन्नात्तसारं; Ms -च्छायान्तसारं ( for -भिन्नाच्छधार). D Ea J2
W X Y 3 G 1 पिबति न ( by transp. ) ; M1. 2.5 पिबति च. AC Bi?t. 4
4 F Yr afæð; Gr
स बिलिं (for सलिलं). F1.4t v. J Y4-8 TG M1. 2 मंदपुण्यः; Ms पुण्याः (for भाग्य.),
BIS. 622 (229) Bhartr ed. Bohl. 1. 47. Haeb. 50. lith, ed. IT. 97 III. 47;
Satakāv. 68; Sp. 3908 ( Bh. ) ; SRB. p. 345 46 ; SBE. 1824; SLP. 5. 33 ( Bh. ).
 
A C E1. 3t.
 
144 Ya folio missing. 2) Y1 दधिमुग्ध. B2 O Eat F3 H I JaWi
'सर्पिरसना; Eat सर्परसमं (for 'सर्पिरशना). Ÿ4-8 G1 मंजिष्ठवासोभृतः; Ms मांजिहवातो हुसं.
१) F3 काश्मीरम; s काश्मीरोद्भव ; X कस्तूरीद्रव D सांद्रदग्ध; Eat Ya 'सांइदिव्य;
Y1 सविदुग्ध; M6 दिग्धसांद्र (for सान्त्रदिग्ध-). C स्त्रीणां; Ja Yo T1 Go छिना (for
खिन्ना). Get विचित्रैरणिः - ° ) B1 CE2 F3 4 J1 Y7 G5 पीनोरुस्तन-; Fs W पीनोर:स्थल :
Go
X 2 वित्तोरुस्तन-; X 8 वृत्तोरः स्तन Fa (orig.) -मालिनी (for -कामिनी - ). D - घनकृता-; F8
"निजकृता-; X 2 जनकृती- ( for जनकृता- ). 0 श्लेषप्रजाभ्यंतरे; W लेषा गृहाभ्यंतरं; G4श्रेषा
महास्वंतरे - ( ) : 'पूरितसुखा; Jiपूरितमुखं. J1 धन्यं. Foमुखाः (for सुर्ख). Dोरे
( for शेरते).
 
5