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भर्तृहरिसुभाषितसंग्रहे
 
यस्मात् तपसोऽपि फलं स्वर्गः स्वर्गेऽपि चाप्सरसः ॥ १२० ॥
विश्रम्य विश्रम्य वनडमाणां छायासु तन्वी विचचार काचित् ।
स्तनोत्तरीयेण करोद्धृतेन निवारयन्ती शशिनो मयूखान् ॥ १२ ॥
अदर्शने दर्शनमात्रकामा दृष्टौ परिष्वङ्गरसैकलोला ।
आलिङ्गितायां पुनरायताक्ष्यामाशास्महे विग्रहयोरभेदम् ॥ १२२ ॥
उरसि निपतितानां स्रस्तधम्मिल्लकानां
 
मुकुलितनयनानां किंचिदुन्मीलितानाम् ।
उपरिसुरतखेदखिन्नगण्डस्थलीनाम्
 
अधरमधु वधूनां भाग्यवन्तः पिबन्ति ॥ १२३ ॥
 
B2 E. H स्वर्गः स्वर्गेपि युवतयः सरसा: (B2 Es H°तयोप्सरसः ); 0 स्वर्गः स्वर्गेप्सरस एव; )
स्वर्गः स्वर्गेपि भवतिवाप्सरसः; F2 स्वर्ग: स्वर्गोपि परं चाप्सरस:; Fs W स्वर्गस्यापि (F3 स्वर्गः
स्वर्गस्य; W1 स्वर्गः स्वर्गस्यापि ) फलं तथाप्सरस:; X Y1 स्वर्ग: स्वर्गेपि च स्त्रियोप्सरस:; X3 स्वर्ग:
स्वर्गपिताश्चाप्सरसः.
 
BIS. 7285 (3328 ) Bhartr ed. Bohl. 1. 57. Haeb. 60. lith. ed. II. 62.
Kāvyas. 49; SRB. p. 251 27 ; SHV app. II. f 2b 5 ( Bh. ) ; SK 5280; SLP. 4.
78 ( Bh.).
 
८८
 
121 ) F+M + विश्राम्य विश्राम्य
वन ). - 4 ) A0 - 2 E3. 4 transp. तन्वी and काचित्.
IF‡ ( m.v. as in text ) H Ic तनूत्तरीयेण; Fs Wat. 3t. 4t Gaty.
E Gst करोद्वृतेन ( Ecom. दक्षिणकरचालितेन ) ;
नरोजूतेन; X करोन्नतेन.
A3 Est F+ मयूषानू.
 
BIS. 6199 (2852 ) Bhartr. ed. Bohl. 1.22. Haeb. 24. lith, ed. II. 63; Śp.
 
D वनस्थलीनां; Eo. c. 2t H2 We नवदुमाणां ( for
C विरराम ( for विचचार). ")
 
म्तनोत्तरीयेन; it स्वेनोत्तरीयेण.
1 करोद्धतेन; J1 निवारयंती; Wat
 
" ) E3 W3 निवारयंति; J1 करोद्धृतेनैव ( for निवारयन्ती).
 
a
 
3399; SRB. p. 275 16; SLP. 5. 1 ( Bh. ).
122 ) Jit. 2 अदर्शना ( for 'शेने ). * ) F1.2 X Y 3.7 G1 M2 - 5 दृष्टे ; F 3.5 J
Wat.st. 4t_Y1.1–4.4 T G6 Mi दृष्ट्वा ; W1.20. 30. 10 Y2 G2. 4 दृष्टा; G3 दृष्टा: ( for दृष्टौ ).
F2. 3 X Y 7 T M 1 - सुखैक- ( for - रसैक- ). Aot B1 C E5 F2.5 X Y1.3.7 G3 M1.5 -लोलाः;
G1 M3 कामा ( for -लोला ). c ) B1 Eot. 10. 10 आलिंगतायां; D आलोकितायां; Est
अलिंगितायां: X आलिंगितायाः - 4 ) B2 अध्यास्महे; Eo. 2t नाशास्महे . C अभेदात्. ( W
com. विग्रहयो: - कलहयोः ! ).
 
-
 
a
 
BIS. 190 (71) Bhartr. ed. Bohl. 1. 23. Haeb 25 lith. II. 64; SL f. 7b;SLP.
5. 2 ( Bh. ).
123 4 ) A3 B C D E F 2 3 6 H1c I J X उपरि ( for उरसि ). D त्रस्त ; Eo. 1. 8. 4
) C 2.3.6
F4 H I J 1 श्रस्त - ( for स्रस्त ). - 8 ) A2 B1 उन्मीलतानां. ● ) A3 B E3c. 6 F1.25 H I
W X सुरतजनित; C सुरतसमर (for उपरिसुरत ). B2 Fat.v. खेदस्निग्ध; CY4
- खेदस्वेद-; D Eo. 2.5 X - खेदखिन्न ; E1.4 खेदा ( E1 °दात् ) खिन्न ; Est खेदाक्लिन्न-; W
-खेदस्वाई; Yr -भेदास्विन्न; G1 वेगस्विन-; Gs - खिन्नस्वेद-; Ms -तांतस्विन्न (for खेदस्विन्न-).
 
a ) D H2 It
 
B Eo. 1.4t. 5 I -गल्ल- ( for - गण्ड- ).
X 2 (orig.) मधुरमधु ( for अधरमधु ).
 
( for भाग्यवन्तः).
 
A3 B2 E3 H Y+ TG5 -स्थलानाम्.
 
Ao - 2 B E0 - 2.40 5 F1 I J2 पुण्यवंतः; Jat भार्यवंत :