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भर्तृहरिसुभाषितसंग्रहे
 
यच्छन्तीषु मनोहरं निजवपुर्लक्ष्मीलवश्रद्धया
 
पण्यस्त्रीषु विवेककल्पलतिकाशस्त्रीषु रज्येत कः ॥ १०९ ॥
वेश्यासौ मदनज्वाला रूपेन्धनसमेधिता ।
कामिभिर्यत्र हूयन्ते यौवनानि धनानि च ॥ ११० ॥
मधुरयं मधुरैरपि कोकिलाकलकलैर्मलयस्य च वायुभिः ।
विरहिणः प्रणिहन्ति शरीरिणो विपदि हन्त सुधापि विषायते॥१११॥
शंभुस्वयंभुहरयो हरिणेक्षणानां
 
येनाक्रियन्त सततं गुहकुम्भदासाः ।
 
च दुष्कुलाय;
 
II: च दुःकलाय; X च दुष्कलाय (com. निःप्रभाप्रति ); G+ च दुर्मुखाय; Mt. 6
गलद्विजाय (for च दुकुलाय ). C च चलतू-; M 1.5 च तथा ( for च गलतू - ). M3 जाताय
W 2. 3 ते ( for च ) . – ( ) F3 Gat गच्छंतीपु; H संदत्ते सु-; Y3 यच्छंतीह; T3
Jit लेव-

 
( for भूताय ).
 
Eot.1.5 लक्ष्मीलवस्पर्धया; F2 °लवः श्रद्धया;
 
a
 
Jit
 
यच्छतेषु. Y3 मनोरमं ( for हरं ).
श्रद्धया. — ') Ji (but Ji com. पुण्यस्त्रीषु = वेशयरल्लि) X7 G2. 3 ( orig. ) पुण्यस्त्रीषु. F3
'लतिकां; F1 'कलिका- ( for लतिका ). A2 शस्त्रीषु राज्येत कः; F3 स्वस्त्रीषु लक्ष्येत कः;
X 2 शस्त्रेषु सज्येत कः ; Y2m.v.7T2. G2.4 M1 शस्त्रेषु
'शास्त्रेषु रक्तेत कः; X °सुश्रीषु सज्जेत कः;
M2 शास्त्रेषु लज्जा कुतः; M3
रज्येत क; Ys Gat 'शस्त्रीषु लज्जेत कः; G1 न स्त्रीपु लजा कुतः;
M+ शास्त्रेषु रम्येत कः; Ms शास्त्रेषु रंजेत कः.
'शस्त्रीषु लज्जा कुतः;
 
BIS. 2391 (967) Bhartr. ed. Bohl. and lith, ed. III. 1. 89. Haeb. 92. lith, ed.
II. 47. SRB. p. 335 9 ; SRK. p. 105 4 ; SHV app. I f 3a; SM. 1433; SN 284;
SSV. 1418; JS. 415; SLP. 4. 90 ( Bh. ).
 
४४
 
110 W3 ( wrongly ) om. this stanza and number.
सा; M4. वेश्यामौ. M. 3 मदनज्वाले G+ वेश्या नाम मदज्वाला.
 
5
 
5
 
● ) Est वेश्यास्ते; G1 वेश्या
 
6 ) G4 रागेंधन- Ao-2
 
समन्विता; B1 -समिद्धुता; B2 -समर्धिता;
 
B2 - समर्धिता; E+t -समृद्धता; I -समिद्धिता; J समर्थिता; Y1.2.4 - 8
 
T G M1.3 -विवर्धिता; Y: समृद्धिता; M2 -विवर्जिता; Ms - विवर्धिनी ( for समेधिता).
 
- 0 ) C तंत्र ( for यत्र).
 
G1 हूयेत ( for हूयन्ते ).
 
p.
 
a ) J10 समधुरं;
 
BIS. 6280 (2897 ) Bhartr ed. Bohl. 1.90. Haeb. 93 lith ed. II. 49 ; SRB.
355. 1; SRK. P. 104. 1 (Bh.) ; SM. 1436; SSV. 1420; SLP. 4. 92 ( Bh. ).
Jit मधुरं;
111 Punjab 2101, V extra 4.
मधुरं; Ms मधुरयन् (for
'रयं ). D मधुरैरति-; G1 M3 कोकिला: ( for कोकिला - ). X सुमधुरं मधुरं च ( X 2 °रेपि च )
1
कोकिला; M4.5 मधुरयं मधुरैः पिककूजितैः. — ) D F2 J X2t Y1.6.8 T G1. 2, 30, 4.5 M1-35
-कलरवैर; M+ अभिनवैर् (for-कलकलैर् ). Y14 मधुरस्य च; Gat मधुरैरपि; Gst मलयैरपि; G+
● ) Eo. 1. 20. 40.5 विरहितान्;
मलयोत्थित- ( for मलयस्य च ). F+ मारुतैः ( for वायुभिः).
 
It Y2 G2 - 1 विरहिणां; Wo विहारिण: (for विरहिण: ). C विनिहंति; D Y1.3.6 G+ M3 - 5
प्रहिणोति; F3 प्रणिहिताः; J1 प्रहिणंति; J2 प्रहिनस्ति; W1.20. 30. 4 प्रणहंति; Wat. st प्रणयंति;
Y2. 4. 5. 7. 8 T G1–8.5 M1. 2 प्रहिणस्ति ( for प्रणिहन्ति ). F5 W2t 3 4 Y2.45 G1.20.34 M1–8
à) E2t It W X Y 3 हंति ( for हन्त ). Jit सुधामपि; Y3
शरीरिणां; G2t शरीरिणीं.
सुखं हि ( for सुधापि).
 
BIS. 4680 (2099) Bhartṛ. ed. Bohl, and lith, ed. III. 1. 3. Haeb. 36. lith ed.
II. 51; SLP. 4. 93 ( Bh. ).
 
112 Om. in Yo & Harilal's lith ed. Benares 1850 ( I. O H 12a &nd 13 ).
- ) B1 अदुमौलि; H1 शंभुस्वयंभू (for शंभुस्वयंभु ). CEo. 4t F2 हरिणीक्षणानां; D मदिरे