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भर्तृहरिसुभाषितसंग्रहे
 
कामिनीकायकान्तारे कुचपर्वतदुर्गमे ।
 

मा संचर मनःपान्थ तत्रास्ते स्मरतस्करः ॥ १०४ ॥

 
शृङ्गारद्रुमनीरदे प्रसृमरक्रीडारसश्रोतसि

प्रद्युम्नप्रियबान्धवे चतुरतामुक्ताफलोदन्वति ।

तन्वीनेत्रचकोरपार्वणविधौ सौभाग्यलक्ष्मीनिधौ
 

धन्यः कोऽपि न विक्रियां कलयति प्राप्ते नवे यौवने ॥१०५॥

 
रागस्यागारमेकं नरकशतमहादुःखसंप्राप्तिहेतुर्

मोहस्योत्पत्तिबीजं जलधरपटलं ज्ञानताराधिपस्य ।

कन्दर्पस्यैक मित्रं प्रकटित विविधस्पष्टदोषप्रबन्धं
 

 
लोकेऽस्मिन् न ह्यनर्थव्रजकुसुमवनं यौवनादन्यदस्ति ॥१०६॥
 
104 Om. in NS1. Order in Ms cdab.
 
b) B₁ H2 M₁.2
 
C
 
- (for
कुच ). A2 दुर्गमः; F संकटे; Jat (orig. ) मंडले (for दुर्गमे). – ° ) F5 Y7 नो (for मा ).
W2. # मनःपांथस्. - ") CY7 तत्रास्ति; Eot 2t at st H यत्रास्ते ( for तत्रास्ते ).
 
d
 
Jat मनःपन्था;
C कामतस्कर:.
 
BIS. 1660 (642) Bhartṛ. ed. Bohl. and lith. ed. III. 1. 85. Haeb. 88.
Subhāsh. 14, 245; SBH. 1256; SRK. p. 127. 3; JSV. 134 5; SLP. 3. 37.
 
105 ± ) B1 Y1.2 G2.3.5 संसार ; M1 शृंगारे ( for शृङ्गार - ).
प्रचुरत- (W1 °ता-); M+ प्रसृमरे ( for 'मर- ).
( for रस- ). B1 CDE6FHJ S ( except
प्रच्छन्न ; M 4.5 प्रथोत ( for प्रधुम्न ). F3 - 5 J
चतुरवान्; G+ चपलता-; Ms.6 पितुरवाङ्- (for
H1c.v. W_Y7 G4 M3.5 पारणविधौ; J1 पर्वणविधौ.
Yr om. ( for सौभाग्य - ). Ea G1 - लक्ष्मी विधौ.
विक्रयं ( for न विक्रियां ).
 
C -चल-; Fat.v. जल-;
W2 -1 ) -स्रोतसि (for
X 2 - 6.8 TG6
 
F
 
चतुरता - ).
 
M1 - 3 चतुरवाङ्ग; Y7 G1
- 3
Ma फलोदंवति. ° ) B1 CD
A Est. t G+ सौरभ्य ; B1 लावण्य-;
2 ) F3 नतिक्रियां; I न विक्रयां; X 7 न
 
X Y8T1 G.5 कलयते ( for यति ).
 
W
 
.
 
M 1.5 - नीरसे. W
Y4-1 G1 M3 -सर-
श्रोतसि ). 8 ) F4
 
Be
 
BIS. 6518 (3018 ) Bhartr. ed. Bohl. 1. 71. Haeb. 74 lith, ed. II. 43. Kāvyas.
63. Šatakāv. 72. Vairāgyaśataka of Padmananda 17; SLP. 4. 86 (Bh.).
 
O
 
106 ") C रोगस्यागारम्; Fo G1.3t 5 M2 - ½ रागस्याकारम्. A भृशविवशमहा; Fat.v.
नरकपुरमुखं ( for नरकशतमहा- ). 1.3 Ja Y7 Ms - संप्राप्तिहेतुं ( F3 °तु ) ; Y1AB G5 -संप्राप्त-
हेतुर. ८) C हेतुर (for 'बीजं ). Y8 मोक्षताराधिपस्य; G4 ज्ञानतारापथस्य.
°) G+
-विभव (for विविध ). X1 G2t स्पृष्ट; G1 -स्पर्श (for - स्पष्ट ) . Ha -प्रबंधो; J1
[भ] ] प्रबंध; Y1 प्रबर्द्ध; G1 M1.2 प्रवृद्धं; 74 M45 प्रसंगं ( for प्रबन्धं ). . 4 ) C ह्यनर्थे; Fs
 
X7
 
G4
 
Jit W1. 2.4 X 2 ह्यनर्थ; G1 M1. 2 [अ]प्यमर्थ- ( for ह्यनर्थ ). C व्रत-; Fs W निज-; X - स्मर-
P
 
( for वज- ). D F1-1 J_Y2 - 8 T GM °कुलभवनं; Fo W कुलदहनं ( for 'कुसुभवनं ). Jit
अन्यनास्ति; G1 M1. 2 अस्ति नान्यत्.
 
BIS. 5728 (2595) Bhartr ed. Bohl. 1.70. Haeb. 73 lith ed. II. 45; SN.
568; SLP. 4.88 ( Bb. ).