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भर्तृहरिसुभाषितसंग्रहे
 
विरलसुरतस्खेदोद्द्वारा वधूवदनेन्दवः
 
प्रसरति धनाढ्यानां ग्रीष्मे कुतोऽपि गुणोदयः ॥ ९९ ॥
शास्त्रज्ञोऽपि प्रगुणितनयोऽप्यात्मबोधोऽपि गाढं
 
संसारेऽस्मिन्भवति विरलो भाजनं सद्गतीनाम् ।
येनैतस्मिन् निरयनगरद्वारमुद्घाटयन्ती
 
वामाक्षीणां भवति कुटिला भ्रूलता कुञ्चिकेव ॥ १०० ॥
उन्मीलत्रिवलीतरङ्गवलया प्रोत्तुङ्गपीनस्तन-
द्वंद्वेनोद्यतचक्रवाकमिथुना वक्राम्बुजोद्भासिनी ।
 
O
 
( Ms विरुदो ) ( for मधुपविरुतोत्कण्ठा). Fs W M1-4 वाच : ( for - भाज: ). EI प्रिया; Xom.
DEI पिकभाषिणी; F12,
 
-
 
F1. 2, 45 H1c. 2 J Y5 G2.3.6 M3 - 5 पिकपक्षिण: ; G+ अपि पक्षिणां.-
– ° ) B2 D H J X Y15.78 T G1.45 M1 - 3 विरलविरल (G+ °ला ) ; E 3 विरलविरलैः; F4
 
J -
 
G2. 3 विमलविरल - (G2 °ला ); X 3 विरलविरस - ; M4. 5 तरलविरल - ( for विरलसुरत- ). J स्वेदो-
दारा; W -स्वेदोद्नमां [metrically defective; W com. संभोगेन स्वेदस्तस्मादमाः उद्गमस्वेदाः]
4 ) F1.2 गुणाढ्यानां; E com. धन्यानां ( for धनाढ्यानां ). E3 ग्रीष्मेपि कुतोपि ; E5 ग्रीष्मे
कुपितोपि. B DF 3-5 H J S प्रसरति मधौ धान्यां (F3.5 W Y1G1 M3 राज्यां) जातो
 
( D Y: यातो; X Y1 जाते ) न कस्य गुणोदयः.
 
BIS. 3964 (1719 ) Bhartr
65; SLP. 480 ( Bh. ).
 
ed Bohl. 1. 33. Haeb. 35. lith ed. II. 36. Satakav,
 
100 Fol. missing in Y2. * ) G+ शास्त्रज्ञान ( for शास्त्रज्ञोपि ). A CFs W
प्रथितविनयो; Fam.v. प्रगुणमनयो; Y प्रगुणितगुणो (for 'णितनयो ). B2 [s]प्यात्तबोधादि;
C [5] ध्यात्मबोधेपि; DJ2 [5] प्याप्तबोधोपि; Eot. 2t ह्यात्मबोधोपि; 11 [5]प्यात्मबोधेपि;
J1 व्याप्तबोधोपि; Y ( Y2 missing ) T G M 1 - 3 [ 5 ] प्यात्तबोधोपि; M45 [s]प्यात्तसारोपि
( for sप्यात्मबोधोऽपि ). DH Ie प्रगुणमतिरप्यात्मबोधोपि (for प्रगुणितनयोऽप्या ). B1 E
(except Est ) F1. 2. 4 ( by corr. ). 6 H J S ( except Y3 M + ; Y2 missing ) बाढं ( W1. 2. 4
टं; T3 घं) ( for गाढं ). - 4 ) F2 न भवति; Hit विरति- ( for भवति ). Y7 विरतो; Ts
विरणा; G+ तरलो ( for विरलो). Eit भोजनं ( for भाजनं ). ● ) A F1. 2 यत्रैतस्मिन्; B2
येनैकस्मिन्; C Y3 यद्येतस्मिन्; G+ यद्येकस्मिन्. B1 It X Y10. 3 नरकनगर-; G4 नगरमिरय-
( for निरयनगर- ). Y3 द्वारमुग्धापयंती; G द्वारमुद्घाटयंते. - 4 ) 3+ भ्रमति; J भ्रमर; Y8
G1
F+
कुटिल- ( for भवति ). F4 H Y7 T2. 3 G13t ( by corr. ) + M 2. 4.5 कुटिल -; Y
बहुला (for
कुटिला). G1 भूलतं ( for भ्रूलता ). Est Fo Jat 2 X Y 1 कुंचितेव; W ½ कुंचितेन; Ga
X
कंचुकेव ( for कुचिकेव).
 
BIS 6445 (2978 ) Bhartr. ed. Bohl. 1. 62. Haeb. 65. lith ed. II. 38.
Küvyas. 54. Śatakav. 70; SRB p. 350.73; SLP. 4. 82 (Bh.).
 
101 ) W Xat Y 4. 6 - 8 T G1 M3 °निलया; G+ M1. 2 °निचया; G5 वलय (for
'वलया). D I प्रोत्तंग – 1) DF124 HY46T Ma द्वेनोगत -; X 1.8 द्वंद्वेनोद्धृत; Y2
- -
G2.3 M1.2 इंद्वेनोद्धत; Yo द्वंद्वेनोपरि ; Y7 द्वंद्वामोदित ; Y8 द्वंद्वेनोन्नत ; G1 द्वंद्वोन्मादिनि
( for द्वंद्वेनोद्यत ). M - चक्रवाल - ( for वाक - ).
( for वाक- ). F ½ H J Y1 ( printed text ). 2. 4-8 T
G1.20.85M युगला; Y1AD युगुला; Get -युगली (for मिथुना). C वक्तांबुजाभासिनी;
Ga Ms.6 धैर्यवुमध्वंसिनी. - °) J1 कार ( om. धरा); Ja X8 कारवरा; Yo 'कांस्युदका; Ms