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भर्तृहरिसुभाषितसंग्रहे
एताश् चलइलयसंहतिमेखलोत्थ-
झंकारनूपुरवाहृतराजहंस्यः ।
कुर्वन्ति कस्य न मनो विवशं तरुण्यो
वित्रस्तमुग्धहरिणी सदृशाक्षिपातैः ॥ ८० ॥
सत्यं जना वच्मि न पक्षपाताल लोकेषु सप्तस्वपि तथ्यमेतत् ।
नान्यन् मनोहारि नितम्बिनीभ्यो दुःखैकहेतुर्न च कश्चिदन्यः ॥ ८१ ॥
लीलावतीनां सहजा विलासास् त एव मूढस्य हृदि स्फुरन्ति ।
रागो नलिन्या हि निसर्गसिडस् तत्र भ्रमत्येव मुधा षडङ्गिः ॥ ८२ ॥
२२
80 ) M + एकाश ( for एताश). W स्खलद्- ( for चलदु-). C झांकृति-; H
-संतति- ( for - संहति - ). IF 3 मेखलोद्यज्; J1 W4 Y1a and printed ed. 'मेखलोत्थं ; T2. 3
'मेघलोत्थ. - ' ) C -शृंगार - ; Fs -झांकार -; W1 झंकारि-; Y 3 - झुंकार ( for झंकार- ). C Fs
-
-
Gs - रवाहत-; D F1. 2. 4 I T M4.5 पराजित; Eit वाकृत; X X1 -रवाजित ; Yr Gat
-स्वामृत; Ys -पराहत; M3 वराहृत (for वाहत ). A3BD E2t 3t 4t F1 2 4 W Y1.26.7
G+ M1. 2 -राजहंसा:; X -राजहंसा; G2t -राजहंस्याः; Gst राजहंस्युः
Get - राजहंस्याः; Gst राजहंस्युः - ) Jit कुर्वतु. J3 विवर्स;
X Y 1 विकचं; X 7 [s]पि वशं; Gat [S]धिवशं (for विवशं). 11: तरुस्थो; X तरुण्याः (for तरुण्यो).
a ) C वित्रस्त ; Est चित्रस्य; E3c. 4 चित्रस्थ - ; Jit विशस्त्र ; Jio विस्त ( for वित्रस्त ).
A2 F1 X Y1 -सदृशाक्षपातैः; D F3 W Y2-8 TG1-1 M -सदृशैः कटाक्षैः; F० सदृशेक्षणांतैः.
-
BIS, 1456 ( 573 ) Bhartr ed. Bobl. 1. 8. Haeb. 10. lith ed. II. 9 ; SRB.
p. 253 25; SHV app. II. f 1b. 3 ( Bh. ) ; SIP. 4.59 ( Bh. ).
c
(6)
81 2 ) A सत्यं वचो; X X 1 सत्यं जनान्; M1.5 भो सज्जना ( for सत्यं जना ). Y8 श्रूयत
( for वच्मि न ). F2 पक्षपाता; F+J G1 M46 पातो; M1.3 पातं ( for पाताल ).
Eo. 1 यत्सप्तस्वपि;
X G1.2t 4 M1. 2
Y8 विलासिनीभ्यो ( for नितम्बि ). - ") Gat दुःखस्य; G+ न दुःख - ( for दुःखैक- ). Eo -2 Y1
हि (for च ). CG+ किंचिदस्ति; Eac. 3. I M1 किंचिदन्यत्; M2 किंचिदन्यः; M3 कश्चिदन्यत्
+
M4.6 कश्चिदेव.
D F3. 4 सर्वेष्वपि; Est Fs W सर्वेषु च ( for सप्तस्वपि ). D तथ्यमेव; F2. 4
सत्यमेतत् ; M4.5 मध्य (for तथ्य ) – ( ) J X2 M. 3-5 नान्यं (for नान्यन्).
). 2
BIS. 6720 ( 3127 ) Bhartr ed. Bohl. 1. 54. Haeb 57 lith ed. II. 10. Kāvyas.
46 ; SBH. 2231; SLP. 4.60 ( Bh. ).
82 Generally found in Ś, but C. N60 ( 61 ) and Ś11; F1 and BORI. 326,
N62 ; F2 N64 ( 65 ) ; Ujjain 6414, N64. M3 order cdnb. a) Ms विलासिनीनां (fon
लीलावतीनां). X2 महजा; Gst सहसा ( for सहजा). Jat.2t X.2 विलासः - 0 ) Jiस एव;
W2 - 1 तवैव; J2t T2 ता एव ( for त एव ). Ao - 2 Eot.it स्मरंति ( for स्फुरन्ति ). [ But A1
com. स्मरंति कहतां चीता भावै ] - ० ) X [ भ ]थ ;
Eot Ha J
निसर्गसिद्धिस्.
Ma - 3 मुदा;
Y4 - 6T1 वृथा ( for मुधा).
G1 4 M1. 2. 4 च ( for हि ).
d
4 ) E2 F 4.5 X 2 X1t भ्रमत्येष. J1 W1. 2 X1 Y3. 7 T2. 8 Gst
BIS. 5857 (2673 ) Bhartr ed. Bohl. 178 Haeb 81 lith ed. II 11. Subhāsh;
212; SRK. p. 271 10 (Sphutasloka) ; SN, 268; JSV, 302, 5; SLP. 4.61 ( Bh.).
*
एताश् चलइलयसंहतिमेखलोत्थ-
झंकारनूपुरवाहृतराजहंस्यः ।
कुर्वन्ति कस्य न मनो विवशं तरुण्यो
वित्रस्तमुग्धहरिणी सदृशाक्षिपातैः ॥ ८० ॥
सत्यं जना वच्मि न पक्षपाताल लोकेषु सप्तस्वपि तथ्यमेतत् ।
नान्यन् मनोहारि नितम्बिनीभ्यो दुःखैकहेतुर्न च कश्चिदन्यः ॥ ८१ ॥
लीलावतीनां सहजा विलासास् त एव मूढस्य हृदि स्फुरन्ति ।
रागो नलिन्या हि निसर्गसिडस् तत्र भ्रमत्येव मुधा षडङ्गिः ॥ ८२ ॥
२२
80 ) M + एकाश ( for एताश). W स्खलद्- ( for चलदु-). C झांकृति-; H
-संतति- ( for - संहति - ). IF 3 मेखलोद्यज्; J1 W4 Y1a and printed ed. 'मेखलोत्थं ; T2. 3
'मेघलोत्थ. - ' ) C -शृंगार - ; Fs -झांकार -; W1 झंकारि-; Y 3 - झुंकार ( for झंकार- ). C Fs
-
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Gs - रवाहत-; D F1. 2. 4 I T M4.5 पराजित; Eit वाकृत; X X1 -रवाजित ; Yr Gat
-स्वामृत; Ys -पराहत; M3 वराहृत (for वाहत ). A3BD E2t 3t 4t F1 2 4 W Y1.26.7
G+ M1. 2 -राजहंसा:; X -राजहंसा; G2t -राजहंस्याः; Gst राजहंस्युः
Get - राजहंस्याः; Gst राजहंस्युः - ) Jit कुर्वतु. J3 विवर्स;
X Y 1 विकचं; X 7 [s]पि वशं; Gat [S]धिवशं (for विवशं). 11: तरुस्थो; X तरुण्याः (for तरुण्यो).
a ) C वित्रस्त ; Est चित्रस्य; E3c. 4 चित्रस्थ - ; Jit विशस्त्र ; Jio विस्त ( for वित्रस्त ).
A2 F1 X Y1 -सदृशाक्षपातैः; D F3 W Y2-8 TG1-1 M -सदृशैः कटाक्षैः; F० सदृशेक्षणांतैः.
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BIS, 1456 ( 573 ) Bhartr ed. Bobl. 1. 8. Haeb. 10. lith ed. II. 9 ; SRB.
p. 253 25; SHV app. II. f 1b. 3 ( Bh. ) ; SIP. 4.59 ( Bh. ).
c
(6)
81 2 ) A सत्यं वचो; X X 1 सत्यं जनान्; M1.5 भो सज्जना ( for सत्यं जना ). Y8 श्रूयत
( for वच्मि न ). F2 पक्षपाता; F+J G1 M46 पातो; M1.3 पातं ( for पाताल ).
Eo. 1 यत्सप्तस्वपि;
X G1.2t 4 M1. 2
Y8 विलासिनीभ्यो ( for नितम्बि ). - ") Gat दुःखस्य; G+ न दुःख - ( for दुःखैक- ). Eo -2 Y1
हि (for च ). CG+ किंचिदस्ति; Eac. 3. I M1 किंचिदन्यत्; M2 किंचिदन्यः; M3 कश्चिदन्यत्
+
M4.6 कश्चिदेव.
D F3. 4 सर्वेष्वपि; Est Fs W सर्वेषु च ( for सप्तस्वपि ). D तथ्यमेव; F2. 4
सत्यमेतत् ; M4.5 मध्य (for तथ्य ) – ( ) J X2 M. 3-5 नान्यं (for नान्यन्).
). 2
BIS. 6720 ( 3127 ) Bhartr ed. Bohl. 1. 54. Haeb 57 lith ed. II. 10. Kāvyas.
46 ; SBH. 2231; SLP. 4.60 ( Bh. ).
82 Generally found in Ś, but C. N60 ( 61 ) and Ś11; F1 and BORI. 326,
N62 ; F2 N64 ( 65 ) ; Ujjain 6414, N64. M3 order cdnb. a) Ms विलासिनीनां (fon
लीलावतीनां). X2 महजा; Gst सहसा ( for सहजा). Jat.2t X.2 विलासः - 0 ) Jiस एव;
W2 - 1 तवैव; J2t T2 ता एव ( for त एव ). Ao - 2 Eot.it स्मरंति ( for स्फुरन्ति ). [ But A1
com. स्मरंति कहतां चीता भावै ] - ० ) X [ भ ]थ ;
Eot Ha J
निसर्गसिद्धिस्.
Ma - 3 मुदा;
Y4 - 6T1 वृथा ( for मुधा).
G1 4 M1. 2. 4 च ( for हि ).
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4 ) E2 F 4.5 X 2 X1t भ्रमत्येष. J1 W1. 2 X1 Y3. 7 T2. 8 Gst
BIS. 5857 (2673 ) Bhartr ed. Bohl. 178 Haeb 81 lith ed. II 11. Subhāsh;
212; SRK. p. 271 10 (Sphutasloka) ; SN, 268; JSV, 302, 5; SLP. 4.61 ( Bh.).
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