This page has been fully proofread once and needs a second look.

२६
 
भर्तृहरिसुभाषितसंग्रहे
 
दिनस्य पूर्वार्धपरार्धभिन्ना छायेव मैत्री खलसज्जनानाम् ॥ ६२ ॥

 
भवन्ति नम्रास् तरवः फलोद्गमैर्नवाम्बुभिर्भूरिविलम्बिनो घनाः ।

अनुद्धताः सत्पुरुषाः समृद्धिभिः स्वभाव एवैष परोपकारिणाम् ॥ ६३ ॥

 
पद्माकरं दिनकरो विकचं करोति
 

चन्द्रो विकाशयति कैरवचक्रवालम् ।

नाभ्यर्थितो जलधरोऽपि जलं ददाति
 

सन्तः स्वयं परहितेषु कृताभियोगाः ॥ ६४ ॥

 
यदचेतनोऽपि पादैः स्पृष्टः प्रज्वलति सवितुरिनकान्तः ।
 
Gat दीनस्य; J नरस्य; M5 इनस्य ( for दिनस्य ). J2 °जीर्णाश; Y2 °भागा (for भिना ) – 2)
Eo I G+ छायैव. Bat C Eot F2 + J W3 X1 Y 27.8 G2 ( orig as in text ) 4 5 खलु ( for
खल-).
 
BIS. 1004 (382 ) Bhartr. ed. Bohl. 2. 50. Haeb 78. Galan 63. Pañc. ed.
Koseg. II. 38. Subhāsh. 62; SRB. p. 172. 826; SDK 5. 37. 5 ( p. 303, Vācaspati);
ST. 3. 38; VS. 362 ( Bh. ) ; SU. 1557; SS. 27. 3; SL f. 26a; SSD. 2. f. 125b;
SMV. 13. 8; JSV. 217 5 ; SKG. f. 17a.
 
a ) Fo-2.6 फलोद्गमे; G+ फलोदर; G+tv. फलोदयैर् (for 'मैर् ) – 1) Eo न वा
अंबुभिर्; ABD Est F2 X Y 8 भूमि; CY1 ( printed text ). 4–4 T G_M1–4 F3
दूर;
भूति; Y1A
Y1B
मूल्य; भूम्य ( for भूरि ). c) J3 W2 अनुद्धृताः (for 'द्वताः ). d)
X: एषो हि (for एवैष).
 
BIS. 4556 (2029 ) Bhartr. ed. Bohl. 2. 62. Haeb. 81. lith ed. I. 69, II. 71.
Galan 72. Śākuntala 109 (V. 13 in Pischel's HOS. ed.); SRB. p. 75. 11; SDK. 5.
39. 3 ( p. 303, Kālidāsa ) ; SRH 31 33 ( Kālidāsa ) ; SRK. p. 103. 4 ( ST.) ; SSD 2.
f. 95b; BPS. 127.
 
64 = ) T2 पद्माकरो दिनकरं. C ( emendation as in text ) D E2 F2.4 W1.8.4 X
Y1 विकची (for विकचं ). 4 ) C D F1 - 4 J2. 8 W 1 -3 X2Y ( except Y1 ) TGM1.3 5
विकासयति; W½ विकातपति; M2 [s]पि कासयति (for विकाश ). - ० ) X नाभ्यर्थितं. AC
X
Est H I ° तोपि जलदः स ( 1 श) लिलं ददाति. - 4 ) Y8 स्वतः (for स्वयं ). F2 परहिते सुकृता;
तियोगाः; F4 JY2. 4 - 8 TGM2. 3 परहिते वि ( J2 नि ) हिताभि (T: 'तानु; G1 Ms 'तोप) योगा:-
4–4_T
Wat. at at परहिताभिहिताभियोगाः; X 'हितेषु कृताभियोगः; Y: 'हितेषु कृतप्रयत्नाः; Ma हिते
M1
विहितप्रयत्नाः; M4. हिते विहिताभिलाषा:.
 
A
 
BIS. 3909 ( 1692 ) Bhartr ed. Bohl. 2. 65. Haeb. 84. lith ed. I and III. 72.
Galan 74; SRB. p. 75. 13; SRK. p. 103 6 ( ST. ) ; SS. 24.1; PT. 1. 62; SSD 2
 
f. 97a.
 
65
 
CD
 
a) missing in J1. B2 Eot. 1. at यदि चेतनो. J2 वाद्रि; X 2 G4 पाद- ( for
पादै: ). - 0 ) G4 - स्पर्शै: (for स्पृष्ट :). E2t [अ]पि ज्वलति; Y14 प्रज्वलतु. C D F3 I J2
सवितुरिव कांतः; Est सवितुसूर्यकांत:; W (Ws orig. ) सवितुरविकांतः ; X सवितरिनकोतः; X 2
1
सवितुरीनकांता; M4 सवितुरिनकांतं; Ms सवितरि* कांतं. - °) is I यस्तेजस्वी; J2 ते तेजलि.
पुरुषः om. in XJAB.
) Ba X1 प्रकृत-; OJs Go परकृति - Fs Gs प्रकृति- (for परकृत),
 
www.com