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नीतिश्लोका ।
 
द्वावेव ग्रसते दिनेश्वरनिशाप्राणेश्वरौ भास्वरौ
 

भ्रातः पर्वणि पश्य दानवपतिः शीर्षावशेषीकृतः ॥ ५३ ॥

 
श्रोत्रं श्रुतेनैव न कुण्डलेन दानेन पाणिर्न तु कङ्कणेन ।

विभाति कायः करुणापराणां परोपकारेण न चन्दनेन ॥ ५४ ॥

 
जयन्ति ते सुकृतिनो रससिद्धाः कवीश्वराः ।

नास्ति येषां यशःकाये जरामरणजन्मभीः ॥ ५५ ॥
 

 
यद् धात्रा निजभालपट्टलिखितं स्तोकं महदूद् वा धनं

तत् प्राप्नोति मरुस्थलेऽपि नितरां मेरौ च नातोऽधिकम् ।
 
(orig.) पंचधास ( for पञ्चषास). 6 ) F2 स्वान् (for तानू ). ACJ प्रत्येक - ( for प्रत्येष ).
J2 दिनेषु विक्रमरुचे. – ° ) Y1 T दिवाकर (for दिनेश्वर ).
 

 
Wit Y1(4as in text ). 3 भास्करौ; Fs W10. 2 भासुरौ ;
 
d
 
Ao भावरौ ; B2 C Eo-25 12.5
I भ्रातरौ; J2.8 भास्वतौ ( for
भास्वरौ ). – ब ) D प्रातः; W10. 2 – 4 X1c. 2 Y3 T3 M + भ्रांत : ; G1 M1-35 प्रीतः (for भ्रातः ).
F3 यस्य; G+ सोपि ( for पश्य ). Y2 दैत्यरिपुणा ( for दानवपतिः ). D E F3 I Wit Y4 T
G2.8M1. 2.45 शीर्षावशेषाकृतिः (D 'तः); Ji Y1 शिष्या ( Y7 °क्षा वशेषीकृतः; J2 शीर्षा च
शेषां कृतिः; W1c शीर्षावशेषः कृतः.
 
२३
 
BIS. 6803 (3159 ) Bhartr. ed. Bohl. 2. 27. Haeb 66 lith ed. I and II. 34.
Galan 37 ; SRB. p. 249.99; SSD. 2. f. 7b.
 
54
 
Order in B Fs Y2 is bacd.
 
4 ) Est श्रुतं ( for श्रोत्रं ). F1 श्रुतं नैव (for
1) Est दाने च ( for दानेन ). E3HI M1
 
E3 च; Eo न च; F० तु ( for न ).
 
www
 
Fim.v.
 
श्रुसेनैव ).
व ( for तु ). E3t कंकरेण; Y1B कुंडलेन ( for कङ्कणेन ) . . C ) B1 Eo - 2.3c. 5 F2 X Y 1
आभाति (for विभाति ). D करुणापरायणा; F2 - 1 X1B. 2. 4-0 Git.v. 1 करुणाकराणां;
J1.4 Y3.7.8 TG1 M करुणाकुलानां; J2 Gst. v. करुगालयानां.
. d ) W 1 - 3 परोपकारैर्न ( for
'कारेण ). D च; F1 W1-3 तु; F5 न तु ( for न). G1 M2. 3 मंडनेन; M4.5 भूषणेन
( for चन्दनेन ).
 
patarti
 

 
BIS. 6856 (3032 ) Bhartr. ed. Bohl. 2. 63. Hach. 68. lith ed. I. 70, II. 72.
Galan 73. Prasangabh 11. Subhāsh 100; SRE. p. 75.12; SRK. p. 103 5 ( Hit.);
ef. Cāņakyanitidarpana 17. 2; Alankirakaustubha ( KM 66, p. 360 ); SK. 6.91 ;
SSD. 2. f. 93b; SMV 5.21; SKG f. 11a.
 
55 Om. in BORI 329. NS3 N71, N109 ( extra).
a ) A0 जयंतु.
8 ) Ya
गुणयुक्ताः; Yr रससिद्ध- (for रससिद्धा: ). © ) A3 F1 Ja Y1B. 4-6 T1.2 G3. + ( tvas in
text ). 5 तेषां (for येषां ). F2 वचःकाये. Y3 कवित्वे विकृतिनैपां – ") C D F1.2.1 J13 8
जरामरणर्ज भयं; F3 जरामरणजन्म च; J2 जरामरणजं शुचं.
 
www
 
BIS. 2343 ( 940 ) Bhartr. ed. Bohl. 2. 21. Haob. 69. lith. T. 23. Galan 24;.
Sp. 166 ( Bh. ): SRB p. 32. 1 (Bh.); SRK. p. 39. 1 (66p.); SSD. 1. f. S7b.
 
56 Om. in BORI 329.
 
a
 
● ) Es निजलाभपट्ट; 11-3 J3 3 Y7 I14 01 -4 M.
निजफालपट्ट; J1 निजबालपट्ट 13 स्वल्पं ( for स्तोकं ). Yo वा फलं; Dis यहूनं ( for वा धनं).
– 4 ) B1 E016 H10. 2 तत्मामोषि; 12 सिध्यंत्येव ( for सरप्राप्नोति ). F3 हिमगिरौ; Ga M
[s]पि नियतं (for ऽपि नितरां ). A3 Ba Y1 न चातोधिकं 3 12 च तन्नाधिकं; F4 वनांतेपि वा;