2023-07-16 10:45:39 by jayusudindra
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भर्तृहरिसुभाषितसंग्रहे
स्वार्थान् संपादयन्तो विततपृथुतरारम्भयत्नाः परार्थे ।
क्षान्त्यैवाक्षेपरूक्षाक्षर
सन्तः साश्चर्यचर्या जगति बहुमताः कस्य नाभ्यर्चनीयाः॥३६॥
लोभशू चेदगुणेन किं पिशुनता यद्यस्ति किं पातकैः
सत्यं चेत् तपसा च किं शुचि मनो यद्यस्ति तीर्थेन किम् ।
सौजन्यं यदि किं जनैः स्वमहिमा यद्यस्ति किं मण्डनैः
स
O
.36 Om. in NS2. ") B F1.2. 4 (t.v, as in text ) J Mi 5 नुतिभिः ( for कथनैः).
Y1B स्वागुणान् F3 Wst व्यापर्यंत; W2.30. + स्थाप';
F3 Wst व्यापयंत:; W2. 30. + स्थाप; Y0 बाच ( for ख्याप ). - 0 ) B
कुर्वतः स्वीयमर्थ; F1. 2. 4 (t.v. as in text ) G1 Mg ( 2 मु ) ष्णतः स्वीयमर्थ; H It स्वार्थ
संपादयंतो. BY7.8 G1 M सतत - ; F2 विवृत ; Y3 वितथ; + विविध (for वितत ). As
-
X X1 - बहुतरा ; BY8 G1 M1 - 3 -कृतमहा; Est Fst.v. पृथुफला; W2. 4 -प्रियतरा; Gat
-परधना; M45 -कृतसमा ( for पृथुतरा ). F+ -रंभयत्रैः; It -रंभयित्वा (for रम्भयत्नाः).
F6 J1 परार्थैः; I परार्थान् – ) A2 क्षांतीवाक्षेप-; B C D Est H क्षांत्यैवोपेक्ष्य (Es);
●
Eot.it क्षांत्यैवापेक्ष्य; F+ W3. क्षांत्यैवक्षेप- (F+m.v. "वानेक-); J1 क्षांत्येवाक्षेप- (for क्षान्त्यैवाक्षेप-).
W1. 3. 4 -रुक्षाक्षर-; J1 रूपाक्षर- (for-रूक्षाक्षर - ). Wom. ; M3 - 5 - परुष - ( for मुखर ). D F3
-
Y (except Yic. 4) TGM दुर्जनान् ( for दुर्मुखान् ). A0 - 2 दूषयंतः कियंतः; W2- दूषयंतः
समंतात् ( for दुर्मुखान्दूषयन्तः ). B धर्षयंतः; CDFat.v. 1 J2.3_Y2. 4. 5.7.8 'T' GM1-3
दुःखयंतः; J1 दुर्जयंतः; Yo दूरयंतः; M1.5 पीडयंत : (for दूषयन्तः). - 6 ) E3 F2. 3 G2 चाश्चर्य ;
M4.6
Hic स्वाश्चर्य; W2t. 3t st [5]प्याश्चर्य; त्वाश्चर्य (for साश्चर्य ). B2 Eo. st Wac X2 वर्याः;
Fam.v. - भूताः ( for -चर्याः). ( E com. generally चर्य (Eoc. 30 वर्य) = सौंदर्य ). X बहुमतो.
C It J1. 3 ®Y7 T3 G1_M2. 3 नाभ्यर्थनीयाः B त्रिभुवनभवने वंदनीया जयंति; M18 सदसि
बहुमता: के ( Ms क )स्थ न स्युर्नमस्या: ( for जगति बहु etc.).
d
BIS. 3379 (1434 ) Bhartr ed. Boil. 2.59. Haeb. 41. lith ed. I. 68, II. 70.
Galan 71. Prasangabh. 11. Subhash. 308; SRB. p. 53. 277; SBH. 286; SRK.
p. 18.75 (Śp.) ; SSD. 2. f. 92b; SSV. 430.
37 A3 order bacd; Fs bead. -- ) A0 - 2 स्नेहगुणेन; G1 चेत्सुगुणेन (for चेदगुणेन).
a
.J1 पिसुमता. Fs पावकै: ( for पातकै: ). C लोभश्वेति गुणेन किं सुखशतैर्यग्रस्त्यनायत्तता.
6 ) E1 तपसापि. I Y3 तीर्थेश्च - ●) Omitted in W3. A3 B E ( E5c ) F5 H I J
X1.2 (by corr. ) Yie.v. 4. 6 T3 42c. 8 निजैः; C हितैः; DF 1.2.4 Y1.6.8 M4.6 गुणैः; Yr बलै,
Gat चनै (sic); M3 धनैः (for जनैः ). A3तु; CEst Fs H_J2 W (W3 om.) Ÿ4.4.4 Ta
G1 M1-4 सु-; I श्व- (for स्व- ). Y2 सौजन्यं स्वजनेन किं सुमहिमा; T1. 2 सौजन्यं यदि किं
बले ( T2 जने ) न महिमा ( before caesura ). d) Ham.v. धनैपरयशो. X यद्यस्तु ( for :स्ति ).
BIS. 5881 (2686) Bhartr. ed. Bohl. 2. 45. Haeb. 42. lith ed. I 54, II. 55.
Galan 57. Salratna 6 ( Haeb. p. 5 ). Kāvyakal. 6. Kāvyas. 3. Nitisarhk. 26.
Prasañgābh. 10. Subhāsh 221; Sp. 1553; SRB. p. 178 1015 ( Amaruka); SRK.
;p. 240.93 (Bh.); Cāņakyanitidarpalia 17. 4; SA. 27 44; SHV app. I. f. 9a. 38;
ISS. 35. 6; PT. 9. 158; BSD. 2. f. 156b; SSV f. 85b. 84 ( bacd ) ; JS, 644,
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