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भर्तृहरिसुभाषितसंग्रहे
नमस्यामो देवान् ननु हतविधेस् तेऽपि वशगा

विधिर्वन्द्यः सोऽपि प्रतिनियतकर्मैकफलदः ।

फलं कर्मायत्तं यदि किमपरैः किं च विधिना

नमस् तत्कर्मभ्यो विधिरपि न येभ्यः प्रभवति ॥ २२ ॥

 
दौर्मत्र्यान् नृपतिर्विनश्यति यतिः सङ्गात् सुतो लालनाद्

विप्रोऽनध्ययनात् कुलं कुतनयाच् छीलं खलोपासनात् ।
ही

ह्री
र्मद्यादनवेक्षणादपि कृषिः स्नेहः प्रवासाश्रयान्
 

मैत्री चाप्रणयात् समृद्धिरनयात् त्यागात् प्रमादाद् धनम् ॥ २३ ॥

 
जाड्यं हीह्रीमति गण्यते व्रतरुचौ दम्भः शुचौ कैतवं
 

शूरे निर्घृणता ऋजौ विमतिता दैन्यं प्रियालापिनि ।
 
१०
 
22 4 ) Ba E3c F5 M 1. 5 देवान्न तु; D Yic.v. 3 देवाननु; Est देवा न तु;
M
M3 दैवान तु ( for देवान्ननु ). ( Y1com. देवान् + अनु - अन्विति पश्चात् ).
X Y1 G1 M बत ( for हत- ).
 
Y 2 तेपि वशजा:; G1 M1-3 सत्त्वविवशा.
 
8 ) Y7 विधिर्मध्यः.
 
C कर्मात्त ; G1 M3 - रक्तैक- ( for कर्मैक-).
 
● ) J1 Ms कर्मायुक्तं ( for 'यत्तं ). B1 यदि ****;
B2C_E F1. 3, 4 H I J 1.2 X Y1. 3 G2. 3 यदि किसमरै ; D तदपि किममरैः; W किममरगणैः;
G1 M1 - 1 यदिदमपरैः ( for यदि किमपरैः ). J2 च न विना; Y2 हि विधिना; G4 नु विधिनो
( for च विधिना ). —– 4 ) D Eo.2t. 3 I J3 Ga M5 तत्कर्मेभ्यो; M3 स्तात्कर्मेभ्यो; G+ कर्मभ्यो
( for तत्कर्मभ्यो).
 
G+
 
X 2 दवोः मनु;
W2-4 Y3 हित ;
 
BIS. 3367 ( 1431 ) Bhartr ed. Bohl. and lith ed. I. 2. 92, II. 94, III. 93.
Haeb. 20. Galan 96. Subhash. 305. Sāntiśataka 1. 1 (Haeb. p. 410); Śp. 436 (Bh.);
SRB. p. 93.88 ( Bh.) ; SBH 3079; SRI 34. 24. ( Kāvyaprakāśa); SRK p. 71 11
(Bh.); Yaśastilakacampū of Somadeva (K.M. 70, II. p. 256); SHV. f. 62&, 78&;
SN. 798; SSD. 4. f. Sa; SSV. 22; JSV. 262. 3.
 
८ू.
 
23 Om. in Punjab 2885. . 4 ) Fs It दुर्मंत्रान् ( for दौमंत्र्यान् ). W2. 8 सती
( for यतिः ). Portions before caesura of third and fourth quarters are
transposed in D E F1. 3. 5 I Y3.
- °) B C F5m.v. I स्त्री मद्यादू; E ( Eitv and c. )
स्त्री गर्वाद् (for हीर्मद्याद् ). C अनवीक्षणाद्; Y7 M2. 4 अनपेक्षणाद्. Eit.v. विदेशांतरान्
( for प्रवासाश्रयान्). d) Eit वा (for च ). B2 E1 Hit T3 अनयात्याग-; Y1B
अनयात्यागा; G3 अनयत्यागात्. Y2 प्रवासाद् (for प्रभादाद् ).
 
Bermain
 
BIS. 2991 (1260) Bhartr. ed. Bobl. 2. 34. Haeb. 21. lith ed. I. 41, II. 42.
Galan 46. Pañc. ed. Koseg. I. 185. ed. Orn. 135. ed. Bomb. 169. Kavitāmṛtak. 51.
Prasañgābh. 16. Subhāsh. 107; Śp. 1533; SRB. p. 178. 1010; SBH. 2945;
SRH. 181.55 ( Bh. ) ; SRK. p. 24092 ( Bh. ) ; SHV. f. 963 71-72; PT. 9. 131;
SSD. 2. f. 153b.
 
24 °) Y4.6.4 T G4 व्रतशुचौ; M.5 व्रतपरे (for 'रुचौ ).
G2 (orig. ) दर्भ: (for दम्भ :). T3 कुचौ (for शुचौ ).
Eo 'निर्घृणिता. ( E3 com. निर्घृणता = निर्दयिता). [ To avoid hiatus ] B D Ea Fs HI
J1c. 2.8 X [आ ]र्जवे; Jit जडे; W Y1, 2.4, 6.7.8 T G1. 2.6 M1-8 मुनौ; Y8 रुजे; Yo गुरौ; G+
 
J1.3 Y2_G1.4 M डंभः ;
6 ) Eo. 1.2t सूरे ( for सूरे).