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नीतिश्लोकाः
 
यशसि चाभिरतिर्व्यसनं श्रुतौ प्रकृतिसिद्धमिदं हि महात्मनाम् ॥१४॥

 
हर्तुर्याति न गोचरं किमपि शं पुष्णाति यत् सर्वदा
 

* अर्थिभ्यः प्रतिपाद्यमानमनिशं प्राप्नोति वृद्धिं पराम् ।

कल्पान्तेष्वपि न प्रयाति निधनं विद्याख्यमन्तर्धनं
 

येषां तान् प्रति मानमुज्झत नृपाः कस् तैः सह स्पर्धते ॥ १५ ॥

 
अधिगतपरमार्थान् पण्डितान् मावमंस्थास्
 

तृणमिव लघु लक्ष्मीर्नैव तान् संरुणद्धि ।

अभिनवमदलेखाश्यामगण्डस्थलानां
 

न भवति बिसतन्तुर्वारणं वारणानाम् ॥ १६ ॥
 
BIS. 6147 (2825) Bhartr. ed. Bohi. 2. 53. Haeb 9 lith ed. I. and III. 62,
II. 63. Galan 66. Hit. ed. Schl. I. 28. ed. Johrs 32. Subhash. 61. Samskrt
Pathop. 61. Carr. 463; Sp.
( Mendhaka ) ; SKM. 6. 23
p. 17.62 ( Bh. ); SA. 24. 97 ;
SSV. 416; SKGf.17a
 
209 ( Bh. ) ; SRB. p. 50. 188 ( Bh. ) ; SBH. 267
( Bhartymentha ) ; SRH.
SHV. f. 46; SK. 2.66;
 
168. 30 ( Bh.) ; SRK.
PT. 1. 2; SSD. 2. f. 94b;
 
15 4 ) X 2 Tie. v. हर्तु याति न; M6 हर्तुश्चानति
 
M+ किमचिरं ( for किमपि शं ). C F2 पुष्पाति; X 1 पुष्णंति.
बत्सर्वथा; G+ तत्सर्वदा.
 
Eat F+ (orig.) किमपि सं-;
Eo. 5 सर्वात्मना; Y4.6
 
8) A C चार्थिभ्यः; BDEo. 1. 20.35 F1 + I X Y1 4–6, 8 T1. 2
 
X 2
 
Go M1. 8 [अ]प्यर्थिभ्यः; E2t F2 3 HJ W_Y2.3.7 T3 G24 M4.5 ह्यर्थिभ्यः; Fः त्वर्थिभ्यः;
G1 M3 प्रार्थिभ्य: ( for * अर्थिभ्यः ). E3.5 प्रतिपद्यमानम्. Bo-25 वृद्धिं परां गच्छति.
परं ( for पराम्). Y 2 नोपयाति ( for न प्रयाति ). Y7 पद्याख्यम्. M1.3 एकं ( Ms 'तं )
4 ) is ताम्मति - ; J1 तान्प्रतिपाद्य (for तान्प्रति ). Es मानमुद्रत;
Fs ( orig. ) मानमुन्नत-;
W+ X 1 Yic.v. 2 मानमुज्झति A जनाः; X1 Y1c. v. 2 नृपः ( for
(
Y2 कस्मै; Ms कि तैः ( for कस्तैः ). Eo. 1 Fs समं स्पर्धते; Y2 न स स्पर्धेते
 
c )
 
धनं ( for अन्तर्धनं ).
 
नृपाः).
( for सह स्पं ).
 
.
 
Prasangābh. 9. Subhāsh. 304 ; Sp. 203 ( Bh. ) ;
 
BIS. 7371 (3346) Bhartr. ed. Bobl. 2. 13. Haeb. 11 lith ed. I. 15, II and
Galan 16
SRB. p. 39.28 (Bh.);
SBH. 3459 (Bh.) ; SRK. p. 32. 4 ( Bh. ) ; SHV f. 30a ( Bh. ) ; SU. 1430 ( Bh. ) ;
SN. 693; SSV. 751; SMV. 11. 5; SKG f 11b.
 
·
 
16 F1.4 order cdab.
 
a) Eo अतिगत; G1 M3 अवगत- ( for अधिगत-).
J1 मानम॑स्थान्; W 2 नावसंस्थास्; X 2 भावसंस्था ; X 2 मा (t.v. ना ) गम॑स्थास् – ० ) F2 तनु;
2
J1 मनु; J2 Y2.0 G2 3 ननु ( for लघु ). M.3 सा रुणद्धि.
 
●) E1 ( before corr, in
 
t. and c.) -मदलेख - ; It -मदशोभा-; J2. 3 Y2. 4 – 4 T G1, 4M मदरेखा (M3 °ख्या-); G2. 3
-मदधारा (for -मदलेखा ). E2 स्याम ; G2. 8 - धौत; M3 - ध्यान - ( for - श्याम-). CJ
-
Watat. 4 (before corr. ) X1 Yin T2 G5 -गंडस्थलीनां; F2 -गंडस्थलाभां; He I
गल्लस्थलामां. -4) AB1EHIY23 बिशतंतुर्; Wst विषतंतुर् (for बिसतन्तुर् ).
 
BIS. 227 (82) Bhartr. ed. Bohl. 2. 14. Haeb. 12. Galan 17. Pañc. I. 79.
Subhāsh. 304; Sp. 197 ; SRB. p. 39. 26; SBH. 2933; SRK. p. 32. 5 ( Bh.) ;
Kävyālamkāra of Rudrata 1; Padyaracanã (KM, 89, p. 115. 67, Bh.); SK. 2. 57;
SU. 1429 ( Bb.) ; SSD. 2. f. 1098.