2023-07-16 10:12:49 by jayusudindra
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नीतिश्लोकाः
शशी दिवसधूसरो गलितयौवना कामिनी
सरो विगतवारिजं मुखमनक्षरं स्वाकृतेः ।
प्रभुर्घधनपरायणः सतत दुर्गतः सज्जनो
नृपाङ्गणगतः खलो मनसि सप्त शल्यानि मे ॥ १० ॥
मणिः शाणोल्लीढः समरविजयी हेतिनिहतो
मदक्षीणो नागः शरदि सरितः श्यानपुलिनाः ।
कलाशेषश् चन्द्रः सुरतमृदिता बालवनिता
तनिम्ना शोभन्ते गलितविभवाश् चार्थिषु नराः ॥ ११ ॥
10 Ao E3 fol. missing. Y4 G2.3.5 read the latter portions of each pada
.
(i. e. after caesura ) in cabd order ( with v.l.). – 8 ) F5s विगतपंकजं. *) A2 D
.
E1 (orig. ). 2 F1 J1. 3 Y1A (orig. ) . 2. 4. 6.8 TG ( except G2 ) M सततदुर्गतिः - 4 ) G
नृपांकणगतः. A2 सल्यानि मे; F4 G1 M3 शल्या इमे.
BIS. 6434 (2973 ) Bhartr. ed. Bohl. 2. 46. Haeb 5 lith ed. I. 55, II. 56.
Galan 59. Astaratna 7 ( Hae). p. 8 ). Sahityadarpana 10 ( p. 334 ). Subhash 303;
Śp. 1530 (Bh.) ; SRB. p. 177. 993; SBH. 3458 ( Bhattavrddhi ) ; SDK 5. 36.5
( p. 302, Silhaņa ) ; SRH 181.59 ( Bh. ) ; SRK. p. 240. 94 ( Bh. ) ; com. on
Chadrāloka 5. 97 ; Kāvyaprakāśa 10; Kāvyapradipa ( KM. 24, p. 428); Kāvyā-
nuśāsana of Hemacandra 6 ( KM. 71, p. 285 ) ; Alahkārasarvasva ( KM. 35,
p. 204). Udāharanacandrikā; AMD. 914 ( Bh. ) [ This stanza is the most
generally cited of Bhartrhari's in Alamkāra texts]; SHV. app. I. f. 10a. 49;
SK. 2. 104; SSD. 2. f. 153b; SMV. 10. 16; JSV. 301. 3; SKG. f. 11a.
..
11 Fol. missing in Es. a ) W2 मणी. D शाढोल्लिढ: ; J2 इयाणोल्लीढः. As
हेतिनिहितो; B1 Eim.v. F1.4 J X1 ( by corr. ) Y ( except Y3 ) T GM हेतिदलितो;
B2 हेतुनिहितो; Eo हेतुनिहतो ( for हेतिनिहतो ) – 1) A0.1.8 सरदि सरितः; B2 CJ1.8
8 ( except X1 Y 1. 3 ) शरदि स ( B2 श) रिदा ; ID °दि च सरिच; F1 दि सरतः; E2
शरदसरितः; F1.4 सुरतमृदिता. BW Y+ - 8TGM श्यानपुलिना ( W1 °नः ); D छामपुलिना;
Es क्षामपुलिनाः; F1 बालवनिताः; FY1 श्यामपुलिनाः + वारवनिता; J1 Y: स्यानपुलिना;
E2
F3 Y2
0) Hit कलालेशश.
X1 Y3 स्थान पुलिनाः [E1 (marg.) शुष्ककंट; Eo शुष्कतटा].
F1. 4 शरदि सरिदा - ( F4 शरदा - ) ; J1 सुरतहतिता; W2.3 G1 M4 सुरतमुदिता.
Fs H1 बालवनितास; B C Eo. 1. 5 W 1 बालललना
F4 स्थानपुलिना ( for बालवनिता).
Ao. 1.3 Es
( B1 'नास् ) ; F1 श्यानपुलिनास्
( for तनिम्ना ). F4 राजंते ( for शोभन्ते). C व्ययित ( for
2 ) B2 I W 3 4 X 2 न निम्ना ; Eo. 1.6 न निम्नाः
गलित ). A3 F1 Y2.7M1.8
T3 नताः ( for नराः).
J1 नरः;
नृपाः;
5
BDEo. 1. 6 F5 H IWYit G+ (by corr. ) जना:;
Ja lacuna (for श्वार्थिषु नरा:); J3 विभवश्वार्थिपु नृपः.
BIS. 4657 (2087 ) Bhartr. ed. Bohl. 2. 36. Haeb. 6. lith ed. I. 43, II. 44.
Galan 47. Subhāsh. 303; Śp. 1529 ( Bh. ) ; SRB. p. 177. 983; SBH. 3457;
SRH. 170. 12 (Bh.); Kuvalayananda 60; Com. on Dhvanyaloka; Com. on
Vakyapadiya. II. 89; SHV, app. I. f. 10a. 48.
शशी दिवसधूसरो गलितयौवना कामिनी
सरो विगतवारिजं मुखमनक्षरं स्वाकृतेः ।
प्रभुर्
नृपाङ्गणगतः खलो मनसि सप्त शल्यानि मे ॥ १० ॥
मणिः शाणोल्लीढः समरविजयी हेतिनिहतो
मदक्षीणो नागः शरदि सरितः श्यानपुलिनाः ।
कलाशेषश् चन्द्रः सुरतमृदिता बालवनिता
तनिम्ना शोभन्ते गलितविभवाश् चार्थिषु नराः ॥ ११ ॥
10 Ao E3 fol. missing. Y4 G2.3.5 read the latter portions of each pada
.
(i. e. after caesura ) in cabd order ( with v.l.). – 8 ) F5s विगतपंकजं. *) A2 D
.
E1 (orig. ). 2 F1 J1. 3 Y1A (orig. ) . 2. 4. 6.8 TG ( except G2 ) M सततदुर्गतिः - 4 ) G
नृपांकणगतः. A2 सल्यानि मे; F4 G1 M3 शल्या इमे.
BIS. 6434 (2973 ) Bhartr. ed. Bohl. 2. 46. Haeb 5 lith ed. I. 55, II. 56.
Galan 59. Astaratna 7 ( Hae). p. 8 ). Sahityadarpana 10 ( p. 334 ). Subhash 303;
Śp. 1530 (Bh.) ; SRB. p. 177. 993; SBH. 3458 ( Bhattavrddhi ) ; SDK 5. 36.5
( p. 302, Silhaņa ) ; SRH 181.59 ( Bh. ) ; SRK. p. 240. 94 ( Bh. ) ; com. on
Chadrāloka 5. 97 ; Kāvyaprakāśa 10; Kāvyapradipa ( KM. 24, p. 428); Kāvyā-
nuśāsana of Hemacandra 6 ( KM. 71, p. 285 ) ; Alahkārasarvasva ( KM. 35,
p. 204). Udāharanacandrikā; AMD. 914 ( Bh. ) [ This stanza is the most
generally cited of Bhartrhari's in Alamkāra texts]; SHV. app. I. f. 10a. 49;
SK. 2. 104; SSD. 2. f. 153b; SMV. 10. 16; JSV. 301. 3; SKG. f. 11a.
..
11 Fol. missing in Es. a ) W2 मणी. D शाढोल्लिढ: ; J2 इयाणोल्लीढः. As
हेतिनिहितो; B1 Eim.v. F1.4 J X1 ( by corr. ) Y ( except Y3 ) T GM हेतिदलितो;
B2 हेतुनिहितो; Eo हेतुनिहतो ( for हेतिनिहतो ) – 1) A0.1.8 सरदि सरितः; B2 CJ1.8
8 ( except X1 Y 1. 3 ) शरदि स ( B2 श) रिदा ; ID °दि च सरिच; F1 दि सरतः; E2
शरदसरितः; F1.4 सुरतमृदिता. BW Y+ - 8TGM श्यानपुलिना ( W1 °नः ); D छामपुलिना;
Es क्षामपुलिनाः; F1 बालवनिताः; FY1 श्यामपुलिनाः + वारवनिता; J1 Y: स्यानपुलिना;
E2
F3 Y2
0) Hit कलालेशश.
X1 Y3 स्थान पुलिनाः [E1 (marg.) शुष्ककंट; Eo शुष्कतटा].
F1. 4 शरदि सरिदा - ( F4 शरदा - ) ; J1 सुरतहतिता; W2.3 G1 M4 सुरतमुदिता.
Fs H1 बालवनितास; B C Eo. 1. 5 W 1 बालललना
F4 स्थानपुलिना ( for बालवनिता).
Ao. 1.3 Es
( B1 'नास् ) ; F1 श्यानपुलिनास्
( for तनिम्ना ). F4 राजंते ( for शोभन्ते). C व्ययित ( for
2 ) B2 I W 3 4 X 2 न निम्ना ; Eo. 1.6 न निम्नाः
गलित ). A3 F1 Y2.7M1.8
T3 नताः ( for नराः).
J1 नरः;
नृपाः;
5
BDEo. 1. 6 F5 H IWYit G+ (by corr. ) जना:;
Ja lacuna (for श्वार्थिषु नरा:); J3 विभवश्वार्थिपु नृपः.
BIS. 4657 (2087 ) Bhartr. ed. Bohl. 2. 36. Haeb. 6. lith ed. I. 43, II. 44.
Galan 47. Subhāsh. 303; Śp. 1529 ( Bh. ) ; SRB. p. 177. 983; SBH. 3457;
SRH. 170. 12 (Bh.); Kuvalayananda 60; Com. on Dhvanyaloka; Com. on
Vakyapadiya. II. 89; SHV, app. I. f. 10a. 48.