2022-07-25 04:50:08 by Andhrabharati
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समाधान-- इह स्वर्गभोगेषु इच्छाराहित्यम् ॥ २ ॥
अर्थ:-- इह शब्द का अर्थ यह है कि संसार के पदार्थों की
इच्छा अथवा इस देह के लिए प्रत्येक वस्तुओं की इच्छा और
स्वर्ग केलोभोगों के लिए अभिलाषारहित होना अर्थात् दोनों
लोकों के विषय भोगों की इच्छाओं का त्याग ही विराग है ।
जब दोनों साधन तय कर चुके तब तीसरे साधन को पूर्ण करने
की इच्छा से पुनः शङ्का करते हैं--
प्रश्न-- शमादिसाधनसम्पत्तिः का ? ॥ ३ ॥
अर्थ:-- शम आदि की साधनसम्पत्ति क्या है ?
उ०॰-- शमदमोपरतिस्तितिक्षा श्रद्धा समाधानं
चेति ।
अर्थ:-- शम १, दम २, उपरति ३, तितिक्षा ४, श्रद्धा ५
और समाधान ६, ये छः शमादि साधन सम्पत्ति कहलाते हैं ।
जब इस प्रकार के छह नाम सुने, तब इच्छा होती है कि इन
शब्दों का अर्थ क्या है ? इस गरज से पुनः शङ्काएँ की जाती हैं ।
शङ्का-- शमः कः ?
अर्थ:-- शम क्या चीज है ?
समाधान-- मनोनिग्रहः ।
अर्थ:-- मन को विषय वासनाओं से हटाकर एकाग्र करना
इसका नाम शम है। मन को वश करने के उपाय भी हो सकते
हैं जब कि उपरोक्त दोनों साधन पक्के हो जाते हैं।
अर्थ:-- इह शब्द का अर्थ यह है कि संसार के पदार्थों की
इच्छा अथवा इस देह के लिए प्रत्येक वस्तुओं की इच्छा और
स्वर्ग के
लोकों के विषय भोगों की इच्छाओं का त्याग ही विराग है ।
जब दोनों साधन तय कर चुके तब तीसरे साधन को पूर्ण करने
की इच्छा से पुनः शङ्का करते हैं--
प्रश्न-- शमादिसाधनसम्पत्तिः का ? ॥ ३ ॥
अर्थ:-- शम आदि की साधनसम्पत्ति क्या है ?
उ
चेति ।
अर्थ:-- शम १, दम २, उपरति ३, तितिक्षा ४, श्रद्धा ५
और समाधान ६, ये छः शमादि साधन सम्पत्ति कहलाते हैं ।
जब इस प्रकार के छह नाम सुने, तब इच्छा होती है कि इन
शब्दों का अर्थ क्या है ? इस गरज से पुनः शङ्काएँ की जाती हैं ।
शङ्का-- शमः कः ?
अर्थ:-- शम क्या चीज है ?
समाधान-- मनोनिग्रहः ।
अर्थ:-- मन को विषय वासनाओं से हटाकर एकाग्र करना
इसका नाम शम है। मन को वश करने के उपाय भी हो सकते
हैं जब कि उपरोक्त दोनों साधन पक्के हो जाते हैं।