2022-08-01 06:13:27 by Andhrabharati
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इसी प्रकार के गायनों की एक पुस्तक लिखी गई है वह भी
आप लोगों के कर-कमलों में भेंट करूँगा । समय का इन्तजार करें ।
तथा अब आपसे बिदाई चाहता हूँ । ॐ शान्तिः, शान्तिः, शान्तिः ।
इति जयपुरराज्यान्तर्गत-नवलगढ़-निवासि-काशीस्थ-
श्रीचन्द्रमहाविद्यालय-ज्यौतिषसामुद्रिकशास्त्राध्यापक-
पं०॰ श्रीबैजनाथशर्मकृत-सोदाहरणभाषाटीकया
समलंकृतस्तत्त्वबोधः समाप्तः ।
पुस्तकप्राप्तिस्थानम्--
मास्टर खेलाड़ीलाल ऐण्ड सन्स,
संस्कृत बुकडिपो,
कचौड़ीगली, बनारस सिटी।
आप लोगों के कर-कमलों में भेंट करूँगा । समय का इन्तजार करें ।
तथा अब आपसे बिदाई चाहता हूँ । ॐ शान्तिः, शान्तिः, शान्तिः ।
इति जयपुरराज्यान्तर्गत-नवलगढ़-निवासि-काशीस्थ-
श्रीचन्द्रमहाविद्यालय-ज्यौतिषसामुद्रिकशास्त्राध्यापक-
पं
समलंकृतस्तत्त्वबोधः समाप्तः ।
पुस्तकप्राप्तिस्थानम्--
मास्टर खेलाड़ीलाल ऐण्ड सन्स,
संस्कृत बुकडिपो,
कचौड़ीगली, बनारस सिटी।