शतकत्रयम् — 3.99
Original
Segmented
मातः लक्ष्मि भजस्व कंचिद् अपरम् मद्-काङ्क्षिणी मा स्म भूः भोगेषु स्पृहयालवस् तव वशे का निःस्पृहाणाम् असि सद्यः सीव्-पलाश-पत्त्र-पुटिका-पात्रैः पवित्रीकृतैः भिक्षा-वस्तुभिः एव सम्प्रति वयम् वृत्तिम् समीहामहे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मातः | मातृ | pos=n,g=f,c=8,n=s |
लक्ष्मि | लक्ष्मी | pos=n,g=f,c=8,n=s |
भजस्व | भज् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
कंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अपरम् | अपर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
मद् | मद् | pos=n,comp=y |
काङ्क्षिणी | काङ्क्षिन् | pos=a,g=f,c=1,n=s |
मा | मा | pos=i |
स्म | स्म | pos=i |
भूः | भू | pos=v,p=2,n=s,l=lun_unaug |
भोगेषु | भोग | pos=n,g=m,c=7,n=p |
स्पृहयालवस् | स्पृहयालु | pos=a,g=m,c=1,n=p |
तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
वशे | वश | pos=n,g=m,c=7,n=s |
का | क | pos=n,g=f,c=1,n=s |
निःस्पृहाणाम् | निःस्पृह | pos=a,g=m,c=6,n=p |
असि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
सद्यः | सद्यस् | pos=i |
सीव् | सीव् | pos=va,comp=y,f=part |
पलाश | पलाश | pos=n,comp=y |
पत्त्र | पत्त्र | pos=n,comp=y |
पुटिका | पुटिका | pos=n,comp=y |
पात्रैः | पात्र | pos=n,g=n,c=3,n=p |
पवित्रीकृतैः | पवित्रीकृ | pos=va,g=n,c=3,n=p,f=part |
भिक्षा | भिक्षा | pos=n,comp=y |
वस्तुभिः | वस्तु | pos=n,g=n,c=3,n=p |
एव | एव | pos=i |
सम्प्रति | सम्प्रति | pos=i |
वयम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=p |
वृत्तिम् | वृत्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
समीहामहे | समीह् | pos=v,p=1,n=p,l=lat |