शतकत्रयम् — 3.94
Original
Segmented
स्नात्वा गाङ्गैः पयोभिः शुचि-कुसुम-फलैः अर्चयित्वा विभो त्वा ध्येये ध्यानम् निवेश्य क्षितिधर-कुहर-ग्राव-पर्यङ्क-मूले आत्म-आरामः फल-आशी गुरु-वचन-रतः त्वद्-प्रसादात् स्मरारे दुःखम् मोक्ष्ये कदा अहम् सम-कर-चरणे पुंसि सेवा-समुत्थम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स्नात्वा | स्ना | pos=vi |
गाङ्गैः | गाङ्ग | pos=a,g=n,c=3,n=p |
पयोभिः | पयस् | pos=n,g=n,c=3,n=p |
शुचि | शुचि | pos=a,comp=y |
कुसुम | कुसुम | pos=n,comp=y |
फलैः | फल | pos=n,g=n,c=3,n=p |
अर्चयित्वा | अर्चय् | pos=vi |
विभो | विभु | pos=a,g=m,c=8,n=s |
त्वा | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
ध्येये | ध्या | pos=va,g=n,c=7,n=s,f=krtya |
ध्यानम् | ध्यान | pos=n,g=n,c=2,n=s |
निवेश्य | निवेशय् | pos=vi |
क्षितिधर | क्षितिधर | pos=n,comp=y |
कुहर | कुहर | pos=n,comp=y |
ग्राव | ग्रावन् | pos=n,comp=y |
पर्यङ्क | पर्यङ्क | pos=n,comp=y |
मूले | मूल | pos=n,g=n,c=7,n=s |
आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
आरामः | आराम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
फल | फल | pos=n,comp=y |
आशी | आशिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
गुरु | गुरु | pos=n,comp=y |
वचन | वचन | pos=n,comp=y |
रतः | रम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
त्वद् | त्वद् | pos=n,comp=y |
प्रसादात् | प्रसाद | pos=n,g=m,c=5,n=s |
स्मरारे | स्मरारि | pos=n,g=m,c=8,n=s |
दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मोक्ष्ये | मुच् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
कदा | कदा | pos=i |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
सम | सम | pos=n,comp=y |
कर | कर | pos=n,comp=y |
चरणे | चरण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
पुंसि | पुंस् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
सेवा | सेवा | pos=n,comp=y |
समुत्थम् | समुत्थ | pos=a,g=n,c=2,n=s |