शतकत्रयम् — 3.89
Original
Segmented
स्फुरत्-स्फार-ज्योत्स्ना-धवलित-तले क्वापि पुलिने सुख-आसीनाः शान्तध्वन्तिसु रजनीषु भव आभोग-उद्विग्नाः शिव शिव शिवैः इति उच्च-वचसः कदा यास्यामो
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स्फुरत् | स्फुर् | pos=va,comp=y,f=part |
स्फार | स्फार | pos=n,comp=y |
ज्योत्स्ना | ज्योत्स्ना | pos=n,comp=y |
धवलित | धवलय् | pos=va,comp=y,f=part |
तले | तल | pos=n,g=n,c=7,n=s |
क्वापि | क्वापि | pos=i |
पुलिने | पुलिन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
सुख | सुख | pos=a,comp=y |
आसीनाः | आस् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
शान्तध्वन्तिसु | रजनी | pos=n,g=f,c=7,n=p |
रजनीषु | द्युसरित् | pos=n,g=f,c=6,n=s |
भव | भू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
आभोग | आभोग | pos=n,comp=y |
उद्विग्नाः | उद्विज् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
शिव | शिव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
शिव | शिव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
शिवैः | शिव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
इति | इति | pos=i |
उच्च | उच्च | pos=a,comp=y |
वचसः | वचस् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
कदा | कदा | pos=i |
यास्यामो | या | pos=v,p=1,n=p,l=lrt |