शतकत्रयम् — 3.86
Original
Segmented
यद् एतत् स्वच्छन्दम् विहरणम् अकार्पण्यम् अशनम् सह आर्यैः संवासः श्रुतम् उपशम-एक-व्रत-फलम् मनो मन्द-स्पन्दम् बहिः अपि चिरस्य अपि विमृशन् न जाने कस्य एषा परिणतिः उदारस्य तपसः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
स्वच्छन्दम् | स्वच्छन्द | pos=a,g=n,c=1,n=s |
विहरणम् | विहरण | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अकार्पण्यम् | अकार्पण्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अशनम् | अशन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
सह | सह | pos=i |
आर्यैः | आर्य | pos=a,g=m,c=3,n=p |
संवासः | संवास | pos=n,g=m,c=1,n=s |
श्रुतम् | श्रुत | pos=n,g=n,c=1,n=s |
उपशम | उपशम | pos=n,comp=y |
एक | एक | pos=n,comp=y |
व्रत | व्रत | pos=n,comp=y |
फलम् | फल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
मनो | मनस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
मन्द | मन्द | pos=a,comp=y |
स्पन्दम् | स्पन्द | pos=n,g=n,c=1,n=s |
बहिः | बहिस् | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
चिरस्य | चिरस्य | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
विमृशन् | विमृश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
न | न | pos=i |
जाने | ज्ञा | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
कस्य | क | pos=n,g=n,c=6,n=s |
एषा | एतद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
परिणतिः | परिणति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
उदारस्य | उदार | pos=a,g=n,c=6,n=s |
तपसः | तपस् | pos=n,g=n,c=6,n=s |