शतकत्रयम् — 3.80
Original
Segmented
तपस्यन्तः सन्तः किम् अधिनिवसामः सुरनदीम् गुण-उदारान् दारान् उत परिचरामः स विनयम् पिबामः शास्त्र-ओघान् उत विविध-काव्य-अमृत-रसान् न विद्मः किम् कुर्मः कतिपय-निमेष-आयुषि जने
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तपस्यन्तः | तपस्य् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
सन्तः | सत् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
किम् | किम् | pos=i |
अधिनिवसामः | अधिनिवस् | pos=v,p=1,n=p,l=lat |
सुरनदीम् | सुरनदी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
गुण | गुण | pos=n,comp=y |
उदारान् | उदार | pos=a,g=m,c=2,n=p |
दारान् | दार | pos=n,g=m,c=2,n=p |
उत | उत | pos=i |
परिचरामः | परिचर् | pos=v,p=1,n=p,l=lat |
स | स | pos=i |
विनयम् | विनय | pos=n,g=n,c=2,n=s |
पिबामः | पा | pos=v,p=1,n=p,l=lat |
शास्त्र | शास्त्र | pos=n,comp=y |
ओघान् | ओघ | pos=n,g=m,c=2,n=p |
उत | उत | pos=i |
विविध | विविध | pos=a,comp=y |
काव्य | काव्य | pos=n,comp=y |
अमृत | अमृत | pos=n,comp=y |
रसान् | रस | pos=n,g=m,c=2,n=p |
न | न | pos=i |
विद्मः | विद् | pos=v,p=1,n=p,l=lat |
किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कुर्मः | कृ | pos=v,p=1,n=p,l=lat |
कतिपय | कतिपय | pos=a,comp=y |
निमेष | निमेष | pos=n,comp=y |
आयुषि | आयुस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
जने | जन | pos=n,g=m,c=7,n=s |