शतकत्रयम् — 3.78
Original
Segmented
वर्णम् सितम् शिरसि वीक्ष्य शिरोरुहाणाम् स्थानम् जरा-परिभवस्य तदा पुमांसम् आरोपित-अस्थि-शतकम् परिहृत्य यान्ति चण्डाल-कूपम् इव दूरतरम् तरुण्यः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वर्णम् | वर्ण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सितम् | सित | pos=a,g=m,c=2,n=s |
शिरसि | शिरस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
वीक्ष्य | वीक्ष् | pos=vi |
शिरोरुहाणाम् | शिरोरुह | pos=n,g=m,c=6,n=p |
स्थानम् | स्थान | pos=n,g=n,c=2,n=s |
जरा | जरा | pos=n,comp=y |
परिभवस्य | परिभव | pos=n,g=m,c=6,n=s |
तदा | तदा | pos=i |
पुमांसम् | पुंस् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आरोपित | आरोपय् | pos=va,comp=y,f=part |
अस्थि | अस्थि | pos=n,comp=y |
शतकम् | शतक | pos=n,g=n,c=2,n=s |
परिहृत्य | परिहृ | pos=vi |
यान्ति | या | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
चण्डाल | चण्डाल | pos=n,comp=y |
कूपम् | कूप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
इव | इव | pos=i |
दूरतरम् | दूरतर | pos=a,g=m,c=2,n=s |
तरुण्यः | तरुण | pos=a,g=f,c=1,n=p |